झालावाड़ हादसे के बाद स्कूलों के लिए 1600 करोड़ रुपए का सुरक्षा प्लान, हाई कोर्ट के बाद मंत्री ने भी उठाए सवाल

झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने स्कूलों के लिए 1600 करोड़ रुपए का सुरक्षा प्लान तैयार किया है, लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट और मंत्री हीरालाल नागर ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान सरकार ने राज्य भर के स्कूल भवनों के सुधार और नए निर्माण के लिए 1600 करोड़ रुपए का स्कूल सुरक्षा प्लान तैयार किया है। इस योजना का उद्देश्य जर्जर स्कूल भवनों को ठीक करना और नए स्कूल भवनों का निर्माण करना है। हालांकि सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्लान राजस्थान हाई कोर्ट और एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा गंभीर सवालों के घेरे में आ गया है।

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योजना धरातल पर दिखनी चाहिए

राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार के इस प्लान पर अपनी असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें यह योजना कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर लागू होती हुई दिखनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि केवल योजना बनाने से काम नहीं चलेगा, उसका क्रियान्वयन भी होना चाहिए।

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स्वतंत्र निरीक्षण समिति की मांग

न्यायालय ने इस बारे में एक स्वतंत्र निरीक्षण समिति की मांग की, ताकि योजनाओं का सही तरीके से पालन हो सके और पारदर्शिता बनी रहे। हाई कोर्ट के अनुसार, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि स्कूलों में चल रहे मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता की जांच सही तरीके से हो। इसके लिए न्यायमित्रों और अन्य संबंधित पक्षों से निरीक्षण टीम के नाम मांगे गए हैं।

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कैबिनेट मंत्री ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल

राज्य के कैबिनेट मंत्री हीरालाल नागर ने सरकार द्वारा शुरू किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। उन्होंने इस दौरान कई स्कूलों का दौरा किया और निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत की। मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के दौरान हुए निर्माण कार्यों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। 

जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए

इसके अलावा, उन्होंने इस पूरे काम की जिम्मेदारी संभालने वाले समग्र शिक्षा अभियान के सिविल विंग के कामकाजी तरीके पर भी सवाल उठाए। मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समसा को भंग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि घटिया निर्णाण कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। एसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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शिक्षा मंत्री ने दी सफाई

राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार पुराने और नए दोनों तरह के स्कूल भवनों का निर्माण करवा रही है। उन्होंने मार्च, 2026 तक सभी मरम्मत कार्यों को पूरा करने का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि जो सवाल उठाए गए हैं, उनकी जांच की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

शिक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी हो सकती है और विभाग में इंजीनियरों की कमी है। उन्होंने कहा कि अब लोक निर्माण विभाग (PWD) से इंजीनियर डेपुटेशन पर लाकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता को बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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स्कूल सुरक्षा प्लान के मुख्य बिंदु

1600 करोड़ का निवेश : स्कूल भवनों के सुधार और निर्माण के लिए यह राशि आवंटित की गई है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता : मंत्री और हाई कोर्ट द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए।
इंजीनियरों की कमी : शिक्षा मंत्री ने विभाग में इंजीनियरों की कमी को स्वीकार किया।
समसा की भूमिका : मंत्री ने समसा की सिविल विंग के कामकाजी तरीके पर सवाल उठाए।
न्यायालय की सख्ती : हाई कोर्ट ने कहा कि योजना केवल कागज पर न रहे, बल्कि धरातल पर दिखे।

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