वर्षों से नहीं आ रहे थे ड्यूटी, शिक्षा विभाग ने छह शिक्षकों को किया बर्खास्त

राजस्थान शिक्षा विभाग ने 15 साल से गैर हाजिर 6 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। साथ ही सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने वाले 3 शिक्षकों को निलंबित किया गया।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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राजस्थान राज्य के शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाते हुए 15 साल से अधिक समय से गैर हाजिर चल रहे 6 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई विभाग के लिए एक सख्त संदेश भेजने के रूप में देखी जा रही है, जिसमें सरकार और विभाग की ओर से कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदारी और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इस निर्णय के बाद, 5 महिला शिक्षिकाओं सहित 6 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, जो वर्षों से बिना किसी सूचना या अनुमति के कार्यस्थल पर अनुपस्थित थे।

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राजस्थान शिक्षा विभाग की कार्रवाई का उद्देश्य

राजस्थान के शिक्षा विभाग ने यह कदम उन शिक्षकों के खिलाफ उठाया है जो वर्षों से बिना किसी सूचना के अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे। विभाग के द्वारा हर साल इन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए, लेकिन किसी भी शिक्षक ने जवाब नहीं दिया। इस स्थिति को लेकर विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी थी।

किस-किस शिक्षक को बर्खास्त किया गया?

इस कार्रवाई में कुल 6 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, जिनमें छह शिक्षिकाएं शामिल हैं। इन शिक्षकों की अनुपस्थिति का रिकॉर्ड निम्नलिखित है:

  • अंजू मीणा (किशनगढ़, भोजियावास): यह अध्यापिका 2015 से अनुपस्थित थीं।

  • ज्योति वर्मा (रूपनगढ़, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय): यह शिक्षिका 2009 से अनुपस्थित हैं।

  • श्यामलता (पुष्कर, होकरा खुर्द, राजकीय प्राथमिक विद्यालय): यह शिक्षिका 2011 से अनुपस्थित हैं।

  • रामनिवास बैरवा (ब्यावर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रूपनगर): यह शिक्षक 2018 से अनुपस्थित थे।

  • कुसुम (भीलवाड़ा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय): यह शिक्षिका 2014 से अनुपस्थित थीं।

  • नेहा मित्तल (भीलवाड़ा, राजकीय गर्ल्स उच्च प्राथमिक विद्यालय): यह शिक्षिका 2011 से अनुपस्थित थीं।

इन शिक्षकों को सेवा अधिनियम वित्त विभाग की अधिसूचना 12 जनवरी 2017 के नियमों के तहत बर्खास्त किया गया।

इस कार्रवाई के पीछे का कारण और प्रक्रिया

संयुक्त निदेशक अनिल शर्मा अवस्थी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इन अनुपस्थित शिक्षकों की सूची प्राप्त करने के लिए आदेश दिया था। यह सूची 2 दिन पहले ही छह जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त हुई। इसके बाद, शिक्षा विभाग ने उन सभी को तत्काल सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। इस कार्रवाई से यह साफ संकेत मिलता है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा, और सभी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।

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सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले शिक्षकों की निलंबन कार्रवाई

इसके अलावा, स्कूल शिक्षा विभाग राजस्थान ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण 3 शिक्षकों को निलंबित भी किया गया है। यह शिक्षक अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकार की आलोचना कर रहे थे। जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उनमें से एक शिक्षक ने भारत में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे हालात दिखाने की बात की थी, जो सरकार की नीति और स्थिति के खिलाफ थी।

इन शिक्षकों के नाम निम्नलिखित हैं:

  • शंकरलाल डोडियार (अरथूना, हेरापाड़ा स्कूल)

  • लालसिंह चौहान

  • केशवराज पंचोली (जिला मंत्री)

इन शिक्षकों को सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने के कारण निलंबित किया गया है।

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सरकारी कर्मचारियों के लिए सख्त संदेश

इस पूरी कार्रवाई के पीछे का उद्देश्य यह है कि सभी सरकारी कर्मचारी, विशेष रूप से शिक्षा विभाग के कर्मचारी, अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उन्हें निभाएं। यह कदम विभाग द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सरकारी सेवाओं में अनुशासन और जिम्मेदारी बनी रहे। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि सरकार का कामकाजी माहौल किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा।

क्या इस कार्रवाई से अन्य शिक्षक भी डरेंगे?

राजस्थान में शिक्षक बर्खास्त करने की यह कार्रवाई न केवल इन शिक्षकों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि अन्य कर्मचारियों के लिए भी यह एक कड़ा संदेश है कि यदि वे अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का मानना है कि इससे राज्य में सरकारी कर्मचारियों के बीच अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी और आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद मिलेगी।

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FAQ

1. राजस्थान में शिक्षा विभाग ने क्यों बर्खास्त किया?
राजस्थान शिक्षा विभाग ने 15 साल से अधिक समय से अनुपस्थित रहने वाले 6 शिक्षकों को बर्खास्त किया। यह कार्रवाई विभाग के अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है।
2. बर्खास्त किए गए शिक्षकों का रिकॉर्ड क्या था?
बर्खास्त किए गए शिक्षकों की अनुपस्थिति का रिकॉर्ड 2009 से लेकर 2018 तक था। इनमें 5 महिलाएं और एक पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
3. क्या सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले शिक्षकों को सजा मिली?
हां, सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने पर 3 शिक्षकों को निलंबित किया गया है।
4. राजस्थान सरकार का क्या उद्देश्य था इस कार्रवाई के साथ?
राजस्थान सरकार का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाना था, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझें और कार्यस्थल पर उपस्थित रहें।
5. क्या अन्य शिक्षकों को भी इस कार्रवाई से कोई प्रभाव पड़ेगा?
इस कार्रवाई से अन्य शिक्षकों को यह संदेश जाता है कि यदि वे अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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