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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में देवउठनी एकादशी के साथ ही शादी-समारोह की धूम चल रही है। हर चार-पांच दिन में शादी के सावे हैं। हजारों युवक-युवतियां परिणय बंधन में बंध रहे हैं। शादी-समारोह के इस खुशी के माहौल में एक बड़ी परेशानी भी सामने आ रही है। वह है शादी में शरीक होने वाले बारातियों और सगे संबंधियों को दिए शगुन के तौर पर दिए जाने वाले नए नोट और उनकी गड्डियां।
बैंकों में बता रहे भारी कमी
बैंकों में नए नोटों की गड्डी की कमी है। खासकर दूल्हा-दुल्हन के परिवार वालों को 10, 20, 50, 100 और 500 रुपए के नए नोटों की गड्डियां चाहिए। 100 और 500 रुपए की नई गड्डी तो मिल रही है, लेकिन दस, बीस, पचास की गड्डी के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। बैंकों में दस, बीस की नई गड्डी नहीं आ रही है। लोगों को बाजार में ब्लैक में नए नोटों की गडडी खरीदनी पड़ रही है।
दस के नए नोट हुए दुर्लभ
सबसे ज्यादा परेशानी दस रुपए के नए नोट की गड्डियां नहीं मिलने से है। दस रुपए की सर्वाधिक मांग मांगलिक कार्यक्रमों और शगुन में होती है। शादी वाले परिवार के लोग सुबह से शाम तक बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन दस के साथ बीस रुपए के नए नोटों के दर्शन दुर्लभ हो रहे हैं। कुछ बैंकों में पचास रुपए की गड्डी मिल रही है, लेकिन 10 और 20 रुपए के नए नोटों की गड्डियां दुर्लभ हो चुकी हैं।
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ग्रामीण क्षेत्रों में 10 की डिमांड ज्यादा
ग्रामीण क्षेत्रों में 10 के नोटों की डिमांड सबसे ज्यादा है। नाच-गाने, मिलनी और दूल्हे की माला बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। जयपुर के ताला निवासी जगदीश शर्मा का कहना है कि दस और बीस रुपए के नए नोटों के लिए हर बैंक जा चुके हैं, लेकिन हर जगह ना ही मिली। बैंकों में दस और बीस रुपए के नए नोट नहीं आ रहे हैं। आरबीआई में भी लंबी लाइनें लग रही हैं।
ब्लैक में लेने को मजबूर
बैंकों में भले ही नए नोटों की गड्डियों की कमी है, लेकिन खुले बाजार में नए नोटों की गड्डी खूब मिल रही है। यह गड्डी ब्लैक में मिल रही है। दस रुपए की गड्डी के लिए डेढ़ हजार रुपए देने पड़ रहे हैं, तो बीस रुपए की गड्डी चौदह सौ रुपए में मिल रही है। एक रुपए की नई गड्डी तो इनसे भी महंगी है।
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कुछ नहीं कर पा रहे बैंक
एक रुपए की गड्डी दोगुने रेट पर मिल रही है। जयपुर के बगबाड़ा निवासी नानूराम पायलट का कहना है कि बैंकों से गड्डी नहीं मिली, तो छोटी चौपड़ पर ब्लैक में पांच गड्डी दस रुपए की लेनी पड़ी। इसके लिए ढाई हजार रुपए अतिरिक्त देने पड़े। शादी-समारोह के सीजन में बैंकों को नए नोटों की व्यवस्था रखनी चाहिए थी, लेकिन वे भी कुछ नहीं कर रहे हैं।
पचास हजार शादियों का अनुमान
पंडित मोनू महाराज का कहना है कि देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त हैं। देव सोने के चलते चार महीने तक कोई विवाह नहीं होते हैं। देवउठनी पर ही पहला विवाह मुहूर्त शुरू होता है। राजस्थान में पचास हजार शादियां होने का अनुमान है। जयपुर जिले में ही पांच हजार शादियां होंगी। हर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन भी होंगे।
17 शुभ मुहूर्त हैं विवाह के
देवउठनी एकादशी से अगले महीने छह दिसंबर तक सत्रह मुहूर्त शादी-समारोह के हैं। इसके बाद दिसंबर में ज्यादा मुहूर्त नहीं होंगे। आमतौर पर 15 दिसंबर तक तो शादियों के मुहूर्त रहते ही हैं। इसके बाद धनुर्मास शुरू हो जाता है, जिसमें शादियां नहीं होती। नवंबर और छह दिसंबर के बीच सत्रह शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें हजारों शादियां होंगी।
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अगले साल भी खूब मुहूर्त
15 जनवरी को धनुर्मास खत्म होते ही फिर से शादियों का दौर शुरू होगा। अगले साल करीब साठ मुहूर्त शादी-समारोह के हैं। शुक्र अस्त होने के बाद एक भी मुहूर्त शादी का नहीं होगा। वसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त के चलते शादियां होती हैं। 2026 का पहला विवाह मुहूर्त 5 फरवरी को रहेगा।
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