DOP के नियमों को धता बता घर में दे दी पोस्टिंग, कलेक्टर को जानकारी नहीं, ऐसी क्या मेहरबानी?

राजस्थान के जयपुर शहर का मामला। सांगानेर निवासी आरएएस को गृह जिला जयपुर शहर दक्षिण में लगाया उपखंड अधिकारी। आरएएस अधिकारी का मूल गांव जयपुर शहर दक्षिण के क्षेत्राधिकार में। नियुक्ति को लेकर उठ रहे हैं सवाल।

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Rakesh Kumar Sharma
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Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में एक आरएएस अधिकारी की पोस्टिंग का मामला विवादों के घेरे में आया हुआ है। आरएएस अधिकारी जयपुर शहर के हैं। गांव भी शहर के नजदीक गोनेर भू-अभिलेख क्षेत्र में बीलवा है। 

जयपुर निवासी आरएएस अधिकारी के पास जो पदीय दायित्व है, उसके क्षेत्राधिकार में उनका गांव बीलवा भी आता है। नियमानुसार उपखंड अधिकारी को गृह जिले में नियुक्ति नहीं मिल सकती है। बावजूद इसके जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में उपखंड अधिकारी जयपुर शहर (दक्षिण) पद पर पदस्थापित आरएएस अरुण कुमार शर्मा यहां लंबे समय से नियुक्त हैं। 

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न प्रशासन कम, ना अधिकारी

नियमों के तहत अधिकारी को गृह जिले में नियुक्ति नहीं लेनी चाहिए थी। गृह जिले में पोस्टिंग हो गई तो अधिकारी को नियमों का हवाला देकर दूसरे जिले में पोस्टिंग करवानी चाहिए, लेकिन यहां न तो सरकार ने नियमों की पालना की और ना ही अधिकारी गृह जिले को छोड़ने के मूड में लग रहे हैं। जिला प्रशासन भी आरएएस अधिकारी के साथ है। मामला प्रसंज्ञान में आने के बाद भी आला अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

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गृह जिले में नहीं दे सकते पोस्टिंग

कार्मिक विभाग के नियमों के तहत फील्ड पोस्टिंग के अधिकारियों को गृह जिले में पदस्थापित नहीं किया जा सकता है। कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत कुमार गेरा के 19 जनवरी, 2021 को सभी विभागाध्यक्ष, प्रमुख सचिव, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर्स को प्रेषित पत्र में बताया है कि फील्ड पोस्टिंग वाले पद जैसे उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक को उनके निवास स्थान या गृह जिला में पदस्थापित नहीं किया जाए। 

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कई स्तरों पर शिकायत

उपखंड अधिकारी अरुण कुमार शर्मा की गृह जिला और गृह गांव में नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थापित होने की शिकायतें मुख्य सचिव सुधांश पंत से लेकर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी को दी गई। शिकायतों में कार्मिक विभाग के उन आदेशों का हवाला दिया गया है, जिसमें फील्ड अधिकारी गृह जिला में पदस्थापित नहीं हो सकते हैं। 

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नहीं हो रहा कोई एक्शन

शिकायत में बताया कि आरएएस शर्मा गोनेर भू-अभिलेख क्षेत्र के बीलवा गांव के निवासी हैं। बीलवा गांव उनके उपखंड अधिकारी कार्यालय के क्षेत्राधिकार में आता है। इस शिकायत का असर यह रहा कि उपखंड अधिकारी के क्षेत्राधिकार से तो उनके मूल गांव बीलवा के राजस्व मंडल गोनेर के गांवों को हटा दिया और उन्हें उपखंड अधिकारी (उत्तर) के क्षेत्राधिकार में कर दिया, लेकिन मुख्य शिकायत गृह जिला बदलने पर कोई कार्यवाही सरकार और जिला कलेक्टर नहीं कर रहे हैं।

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पत्र पर कार्रवाई, शिकायत पर चुप्पी

शर्मा ने जिला कलेक्टर सोनी को 25.09.2024 को एक पत्र लिखा, जिसमें शर्मा ने स्वयं को जयपुर के गोनेर भू-अभिलेख क्षेत्र के बीलवा गांव का निवासी बताया। पत्र में उन्होंने जिला कलेक्टर सोनी से उनके कार्यालय के क्षेत्राधिकार में आ रहे गोनेर भू-अभिलेख क्षेत्र को हटाने की गुहार लगाई। जिला कलेक्टर ने उपखंड अधिकारी के इस आग्रह को स्वीकार करके गोनेर के गांवों को उपखंड अधिकारी कार्यालय उत्तर में शिफ्ट कर दिया। 

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उठ रहे हैं कई सवाल

सवाल उठ रहे हैं कि एक तरफ तो शर्मा के गृह जिले में पदस्थापित होने और उसे दूसरे जिले में स्थानांतरित किए जाने की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि शर्मा के पत्र पर तत्काल उनके गांव को क्षेत्राधिकार से हटा दिया। इस दोहरे रवैये की चर्चा जयपुर कलेक्ट्रेट में है। यह सवाल भी है कि जब मामला प्रसंज्ञान में आ गया, तो जिला प्रशासन कार्मिक विभाग के नियमों की पालना क्यों नहीं करवा रहा है।

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नियमों को धता बता दी पोस्टिंग

शर्मा नियमानुसार गृह जिले में पदस्थापित नहीं हो सकते। इस संबंध में एडवोकेट अनिल चौधरी ने मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर इस मामले में ध्यान दिलाया। एडवोकेट चौधरी का कहना है कि कार्मिक विभाग के नियमों को धता बताते हुए शर्मा को गृह जिले में नियुक्ति दी गई है। सरकार और जिला कलेक्टर उन्हें संरक्षण देने में लगे हुए हैं। वहीं जिला कलेक्टर सोनी का कहना है कि गृह जिले के आधार पर पोस्टिंग नहीं दी जा सकती है, इसकी जानकारी लेते हैं।

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