सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के बैंक लॉकर्स ने उगला काला धन, 75 लाख की नगदी और 1200 ग्राम सोना मिला

सीबीआई ने राजस्थान में सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के तीन ठिकानों पर की थी छापेमारी, करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले। दो बैंक लॉकर्स में 75 लाख की नगदी, 1200 ग्राम सोने के जेवर मिले। आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में केन्द्रीय अंवेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कस्टम विभाग जैसलमेर में कार्यरत सहायक आयुक्त के ठिकानों पर शुक्रवार को रेड डाली थी। छापेमारी में सीबीआई को दो बैंक लॉकर्स की चाबियां भी मिलीं। शनिवार को दोनों बैंक लॉकर्स खोले गए, तो सीबीआई टीम के होश उड़ गए। 

लॉकर्स में 75 लाख रुपए की नगदी मिलने की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा 1200 ग्राम सोने के जेवरात भी मिले हैं। लॉकर्स में निवेश और संपत्ति के और भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। सीबीआई टीम इन दस्तावेज की पड़ताल कर रही है। जांच में और भी अवैध संपत्ति की जानकारी के खुलासे होने की उम्मीद है। 

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सीबीआई अन्य दस्तावेज खंगाल रही

गौरतलब है कि शुक्रवार को सहायक आयुक्त रतिराम के राजस्थान के जयपुर, अहमदाबाद और अंकलेश्वर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई। कार्रवाई के दौरान सीबीआई टीम को करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के दस्तावेज, निवेश दस्तावेज, सोने-चांदी के आभूषण मिले हैं। सीबीआई अन्य दस्तावेज भी खंगाल रही है। 

ढाई करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी

सीबीआई बैंक लॉकर्स की पड़ताल में लगी हुई है। सीबीआई ने आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत सही पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि सहायक आयुक्त रतिराम के यहां से ढाई करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी और निवेश दस्तावेज मिले हैं।

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पत्नी-बेटे के नाम से कंपनी बनाई

सीबीआई की छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में निवेश और सम्पत्ति के दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई जांच में पत्नी-बेटे के नाम पर कंपनियां और फर्म बनाकर निवेश करने से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि रतिराम लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। वहीं रतिराम के ठिकानों पर की गई रेड में करीब 35 लाख रुपए सोने व चांदी के आभूषण मिले हैं। यह सारा काला धन बताया जा रहा है।

अवैध कंपनियों में निवेश

सीबीआई की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रतिराम ने अवैध रूप से प्राप्त कमाई को पत्नी मोहिनी और बेटे गौरव के नाम पर बनाई गई कंपनी और फर्म में निवेश करवा रखा है। सीबीआई को उनके नाम से शिपॉन्क ऑनलाइन सर्विसेज एलएलपी, जय नरसिंह इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट सहित 8 कम्पनियों व फर्मों की जानकारी मिली है, जिनकी जांच की जा रही है। अब तक ढाई करोड़ की सम्पत्ति के दस्तावेज मिल चुके हैं। भूखण्ड, कृषि भूमि खरीद के अलावा दूसरे निवेश में यह राशि लगाई गई है।

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महंगी गाड़ियां व लग्जरी सुविधाओं का घर

सीबीआई की छापेमारी में रतिराम के लग्जरी लाइफ जीने का पता लगा है। उसके जगतपुरा, जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान महंगी गाड़ियां मिली हैं, तो विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पाल रखे हैं। आवास में लग्जरी सुख-सुविधाओं की समस्त सामग्री मिली। कार्रवाई के दौरान सीबीआई को प्रभावित करने की भी कोशिश की गई। 

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28 अक्टूबर को केस दर्ज

रतिराम 2018 से 2025 तक जयपुर और अहमदाबाद में कार्यरत रहे। वर्तमान में जैसलमेर में सहायक कस्टम आयुक्त पद पर है। जांच में रतिराम के आय की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक सम्पत्तियां अर्जित की। सीबीआई की ओर से जब्त सम्पत्ति और निवेश संबंधित दस्तावेज, बैंक लॉकर्स की जांच के बाद और भी संबंधित खुलासे हो सकते हैं। अवैध रूप से पैसा और प्रॉपर्टी बनाने के आरोप में सीबीआई ने 28 अक्टूबर को केस दर्ज किया था।

काली कमाई का कंपनियों में निवेश

सीबीआई ने रतिराम के ठिकानों पर सर्च कार्रवाई की थी। सर्च में करोड़ों की सम्पत्ति और निवेश के दस्तावेज मिले। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रतिराम ने काली कमाई को सफेद करने के लिए पत्नी और बेटों के नाम से फर्म बनाई। फिर उस कमाई को निवेश करना बताया, जबकि पत्नी और बेटे को इनके बारे में ज्यादा पता नहीं है। 

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रिकॉर्ड जांच रही सीबीआई

सीबीआई रतिराम की पत्नी और बेटे से भी पूछताछ करके कंपनियों में निवेश संबंधित राशि के बारे में पड़ताल करेगी। सीबीआई की पूछताछ में रतिराम संपत्ति के सोर्स के बारे में संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके। इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर कार्यवाही की। आरोपी के परिवार के सदस्यों के पास कई फर्मों और कंपनियों का मालिकाना हक है। इन फर्मों में अवैध कमाई को ठिकाने लगाया गया है। जांच में इसके सबूत मिले हैं। सीबीआई अब कंपनियों, फर्मों का रिकॉर्ड जांच रही है।

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