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Photograph: (the sootr)
देश में अक्षय ऊर्जा को लेकर प्रत्येक राज्य अपने स्तर पर योगदान दे रहा है, लेकिन राजस्थान में अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) को लेकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। यहीं कारण है कि राजस्थान पूरे देश में अक्षय ऊर्जा के मामले में नंबर वन आया है।
राजस्थान ने एक बार फिर से अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में गुजरात को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है। राजस्थान का यह कदम न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
राजस्थान की अक्षय ऊर्जा क्षमता
नवीन एवं नवीकरणीय केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय की जून की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की अक्षय ऊर्जा क्षमता 37,818 मेगावाट है, जबकि गुजरात की कुल क्षमता 37,494 मेगावाट है। राजस्थान ने अपनी क्षमता में लगातार वृद्धि की है और अब वह अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बन चुका है।
राजस्थान की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता में सौर और पवन ऊर्जा का योगदान सबसे अधिक है। राज्य की कुल स्थापित विद्युत क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान लगभग 20.3 प्रतिशत है, जबकि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा का योगदान 78.79 प्रतिशत है।
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राजस्थान की ऊर्जा वितरण में योगदान
सौर ऊर्जा: राजस्थान सौर ऊर्जा में 31,967 मेगावाट के साथ पहले स्थान पर है। यह राज्य सौर ऊर्जा (Solar Energy) उत्पादन में सबसे अधिक योगदान देता है, और यहां कई विशाल सोलर पार्क स्थापित हैं।
पवन ऊर्जा: राजस्थान पवन ऊर्जा में 5,208 मेगावाट के साथ पांचवे स्थान पर है। हालांकि सौर ऊर्जा में राजस्थान की स्थिति मजबूत है, लेकिन पवन ऊर्जा के मामले में वह गुजरात, तमिलनाडू और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से पीछे है।
राजस्थान ने अक्षय ऊर्जा में ऐसे हासिल किया देश में नंबर वन स्थानबड़ी सोलर पार्क परियोजनाएँ: राज्य ने कई बड़े सोलर पार्कों का निर्माण किया है, जो ऊर्जा उत्पादन में सहायक साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियाँ: राजस्थान सरकार की ऊर्जा नीतियाँ और सस्ते दरों पर भूमि आवंटन की रणनीतियाँ भी राज्य की सफलता में योगदान दे रही हैं। सार्वजनिक और निजी साझेदारी: राज्य सरकार और निजी कंपनियों के सहयोग से कई नई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। |
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राजस्थान के इन सोलर पार्क ने बनाया नंबर वन
राजस्थान में कई प्रमुख सोलर पार्क हैं जो राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हैं। इनमें से सबसे बड़ा और प्रमुख पार्क भड़ला सोलर पार्क है जो जोधपुर जिले में स्थित है। इस पार्क की कुल स्थापित क्षमता 2,245 मेगावाट है, जो विश्व में सबसे बड़ा सोलर पार्क है।
राजस्थान में अन्य महत्वपूर्ण सोलर पार्क्स की सूची:
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फलौदी-पोकरण सोलर पार्क (750 मेगावाट)
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फतेहगढ़ फेज-1 बी (1,500 मेगावाट)
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नोखा सोलर पार्क (जैसलमेर) (925 मेगावाट)
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पूगल सोलर पार्क (बीकानेर) (2,450 मेगावाट)
इन परियोजनाओं के माध्यम से राजस्थान ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है और अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया है।
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राजस्थान ने ऐसे पछाड़ा गुजरात को
गुजरात, जो पहले अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी था, अब दूसरे स्थान पर खिसक गया है। हालांकि गुजरात की अक्षय ऊर्जा क्षमता 37,494 मेगावाट है, लेकिन राजस्थान की सौर ऊर्जा क्षमता ने उसे पीछे छोड़ दिया है।
गुजरात की सौर ऊर्जा क्षमता 21,451 मेगावाट है, जो राजस्थान से काफी कम है। हालांकि पवन ऊर्जा में गुजरात 13,816 मेगावाट के साथ पहले स्थान पर है, लेकिन राजस्थान की पवन ऊर्जा क्षमता 5,208 मेगावाट है, जो उसे पवन ऊर्जा में पांचवे स्थान पर रखता है।
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