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Photograph: (the sootr)
राजस्थान सरकार की कैबिनेट ने शनिवार को बहुचर्चित राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी आरएमएस बिल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब एम्स के समान जयपुर में रिम्स बनाया और विकसित किया जाएगा। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल का कैंसर संस्थान भी रिम्स के अधीन करने के साथ ही यहां सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि रिम्स में फैकल्टी नियुक्ति के लिए एक कमेटी बनेगी और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव रिम्स के अध्यक्ष होंगे। आगामी विधानसभा में इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। आरयूएचएस में कार्यरत सभी वर्तमान फैकल्टी, कर्मचारी और स्टाफ के पास सरकार में शामिल होने या आरयूएचएस के कर्मचारी के रूप में बने रहने का विकल्प होगा। रिम्स में प्रमुख का दायित्व निभाने के लिए निदेशक की नियुक्ति की जाएगी।
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एक पेड़ के बदले पांच पेड़ लगाने होंगे
सोलर पावर प्लांट लगाने 1280 हैक्टेयर जमीन आवंटन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इन पर 2500 मेगावाट बिजली बनेगी। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि कंपनियों को दी जाने वाली जमीन पर यदि पेड़ काटे जाते हैं, तो हर एक के बदले पांच पेड़ लगाने होंगे। जहां सोलर प्लांट लगेंगे, वहां कंपनी को स्थानीय स्तर पर स्कूल, अस्पताल और सीएसआर के तहत काम करने होंगे।
2047 तक के विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी
बैठक में विकसित राजस्थान के लिए 2047 तक के विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी दी गई और साल 2030 तक 30 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 45 विभाग शामिल हैं तथा डॉक्यूमेंट में विकसित राजस्थान बनाने के लिए अलग-अलग टारगेट तय किए गए हैं। हर गांव में शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी
बैठक में विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई है। युवाओं को खुद का व्यापार करने, उद्योग लगाने के लिए लोन और सब्सिडी मिलेगी। पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। योजना में अधिकतम दो करोड़ रुपए तक के ऋण पर 8 फीसदी तक ब्याज अनुदान दिया जाएगा। महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग श्रेणी के उद्यमियों, ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित उद्यम, कार्ड धारक बुनकर एवं शिल्पकारों को 1 करोड़ से अधिक और 2 करोड़ रुपए तक के ऋण पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान मिलेगा। साथ ही वित्तीय संस्थान द्वारा दिए गए ऋण पर 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 5 लाख रुपए तक मार्जिन मनी अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।
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भूमि आवंटन नीति-2025 को मंजूरी
राज्य में सार्वजनिक, सामाजिक, धार्मिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं, ट्रस्ट, निजी निवेशकों, कंपनियों तथा विभिन्न विभागों द्वारा शैक्षणिक, चिकित्सकीय, औद्योगिक, व्यावसायिक और पर्यटन इकाइयों आदि के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी, एकरूप बनाने के उद्देश्य से नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2025 लाई जा रही है। इस नीति में विभिन्न सामाजिक उपयोग के लिए भूमि आवंटन आरक्षित/डीएलसी दर की 40 प्रतिशत दर पर किया जाएगा। रीको एवं आवासन मंडल को अविकसित भूमि कृषि डीएलसी दर पर आवंटित की जा सकेगी।
राजकीय विभागों को उनकी गतिविधियों के लिए निर्धारित सीमा तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। साथ ही पर्यटन, आईटी उद्योग जैसी विशिष्ट नीतियों के तहत भी राज्य सरकार की स्वीकृति से भूमि आवंटन किया जा सकेगा। यह नीति भूमि आवंटन नीति-2015 को प्रतिस्थापित करेगी। इस नीति के अंतर्गत आवासीय परियोजना, वाणिज्यिक परिसर, रिटेल फ्यूल स्टेशन, गैस वितरण प्रोजेक्ट, गैस गोदाम, रेड कैटेगरी उद्योग आदि को भूमि आवंटन नहीं किया जाएगा।
हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति
राज्य में एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ावा देने, वर्तमान में कम उपयोग में आ रही हवाई पट्टियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और एडवेंचर ट्यूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। नीति के तहत भूमि का लीज शुल्क 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर प्रतिवर्ष तथा कंसेशन शुल्क 6 लाख रुपए प्रति एयरस्ट्रिप प्रतिवर्ष होगा। पहले 5 वर्षों तक दरों में 5 प्रतिशत एवं 6वें से 20वें वर्ष तक 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की जाएगी। लीज अवधि अधिकतम 20 वर्ष की होगी तथा अधिकतम 2000 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की जा सकेगी।
राजस्थान मंडपम, जीसीसी टॉवर का निर्माण
बी-2 बाईपास स्थित रीको की 95 एकड़ भूमि पर राजस्थान मंडपम, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, आईटी टॉवर का निर्माण राजस्व सृजन सह विकास मॉडल के आधार पर एनबीसीसी (इंडिया) लि. के माध्यम से कराने के प्रस्ताव का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन किया गया। इस भूमि पर राजस्थान मंडपम, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर/आईटी टॉवर, 5-स्टार होटल, 4-स्टार होटल, आवासीय एवं वाणिज्यिक टॉवरों का विकास किया जाएगा। परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 3700 करोड़ रुपए है, जिसमें 635 करोड़ रुपए की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। परियोजना पूर्ण होने की अनुमानित अवधि 30 माह है।
राजस्थान मंडपम लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में कन्वेंशन सेंटर के रूप में 2200 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। इसकी क्षमता 7000 से 7500 व्यक्तियों की होगी। इस 95 एकड़ भूमि में से 15 हजार वर्गमीटर भूमि पर यूनिटी मॉल का निर्माण भी रीको के माध्यम से करवाया जा रहा है, जो लगभग डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है।
शुल्क नियम की दरों में संशोधन
राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के अनुसार एक्सप्रेसवे की 7 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। अब तक 4 एक्सप्रेसवे परियोजनाओं कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा, ब्यावर-भरतपुर, जयपुर-फलौदी की रिपोर्ट डीपीआर सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई है, जबकि शेष 3 परियोजनाओं जालौर-झालावाड़, अजमेर-बांसवाड़ा एवं श्रीगंगानगर की रिपोर्ट का कार्य अभी प्रगति पर है।
राजस्थान राज्य राजमार्ग शुल्क नियम, 2015 के अनुसार एक्सप्रेसवे पर शुल्क की दरें वर्तमान में राज्य राजमार्गों की निर्धारित दर से दोगुनी हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग एक्सप्रेसवे पर यह दर 1.25 गुणा है। राज्य राजमार्ग एक्सप्रेसवे के लिए भी दरें भारत सरकार की अधिसूचना के अनुरूप करने के लिए नियमों में संशोधन की स्वीकृति दी गई।
कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2025
कारखाना अधिनियम, 1948 (केन्द्रीय अधिनियम) में संशोधन करने के लिए कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन भी किया गया। इस प्रस्तावित संशोधन से कारखाना श्रमिकों के साप्ताहिक कार्य समय 48 घंटों में उनकी दैनिक कार्य अवधि अधिकतम 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे तथा विश्राम से पूर्व कार्य की अधिकतम अवधि 5 घंटे से बढ़ाकर 6 घंटे की जाएगी। कार्य समय एवं विश्राम अवधि सहित कारखाना श्रमिकों के कार्यस्थल पर अधिकतम समय की सीमा साढ़े दस घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे की जाएगी। तिमाही में ओवरटाइम की अधिकतम सीमा 144 घंटे की जाएगी। इसके लिए श्रमिक की सहमति आवश्यक होगी। महिला श्रमिकों को सुरक्षा शर्तों एवं लिखित सहमति से रात्रिकालीन पारी (सायं 7 बजे के बाद एवं प्रातः 6 बजे से पूर्व) की अनुमति दी जा सकेगी।
राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक-2025
राजस्थान मत्स्य अधिनियम, 1953 में संशोधन के लिए मंत्रिमंडल द्वारा राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस विधेयक में मत्स्य अपराधों के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाकर पच्चीस हजार रुपए, पुनः अपराध की स्थिति में पचास हजार रुपए तक करना प्रस्तावित है। अपराधों के शमन के लिए निर्धारित राशि को सौ रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने का प्रस्ताव है। यह संशोधन इसलिए आवश्यक थे, क्योंकि मत्स्य अपराधों को रोकने के लिए वर्तमान में निर्धारित जुर्माना राशि कम है।
विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी
विधानसभा में अतिरिक्त मार्शल के पद पर पदोन्नति के लिए उप-मार्शल का दो वर्ष का अनुभव सहित 10 वर्ष के अनुभव का प्रावधान किया जा रहा है। उप-मार्शल के पद के दो वर्ष के अनुभव की एक-बारीय छूट भी दी जाएगी। राजस्थान तकनीकी शिक्षा अधीनस्थ सेवा में प्रतियोगी परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान करने के साथ ही न्यूनतम योग्यता अंक 40 प्रतिशत निर्धारित किए जाएंगे। एससी-एसटी अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) में भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक तथा औसत 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगे। एससी-एसटी अभ्यर्थियों को उपरोक्त में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके लिए संबंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई।
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन
नए सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना और पहले से चल रहे सोलर प्रोजेक्ट्स के विस्तार के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में 10 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। 1283 हैक्टेयर भूमि पर लगने वाली इन परियोजनाओं से प्रदेश में 2,400 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का सृजन होगा।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बताया कि राज्य के सभी 3 डिस्कॉम में आरडीएसएस के अंतर्गत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसका उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आजीविका संबंधी अंतराल को दूर कर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना में ऐसे गांवों को शामिल किया गया है, जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक है और जिनमें कम से कम 50 प्रतिशत आदिवासी निवासी हैं। साथ ही आकांक्षी जिलों के वे गांव भी सम्मिलित किए गए हैं, जहां आदिवासी जनसंख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक है। परवन बांध डूब क्षेत्र में आ रहे मकानों के परिवारों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अलग-अलग प्रकरणों में कुल 52 करोड़ रुपए से अधिक की विशेष अनुग्रह राशि देने का निर्णय किया गया है।
वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर चर्चा
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन को लागू करने की दिशा में निरंतर जरूरी कदम उठा रही है। पंचायती राज एवं शहरी निकायों के परिसीमन, पुनर्गठन इत्यादि के संबंध में गठित कमेटियों द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। राज्य ओबीसी आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुए पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के संबंध में आरक्षण के बारे में सर्वे पूरा होने के बाद तीन माह में अनुशंषा देगा।
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