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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2022 पेपर लीक मामले में गिरफ्तार और जेल में बंद राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा ने अदालत में गंभीर आरोप लगाए हैं। कटारा ने कहा कि उसे जेल में जान का खतरा है और अत्यधिक तनाव के कारण वह आत्महत्या भी कर सकता है।
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जेल में हो रही परेशानी
कटारा ने अदालत में पेश होकर अपनी मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेल में कुछ लोग उसे परेशान कर रहे हैं, जिससे उसे अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। उसके आरोपों ने अदालत और पुलिस प्रशासन को चिंतित कर दिया है।
डिप्रेशन महसूस कर रहा
इसके अलावा अत्यधिक तनाव के कारण उसने डिप्रेशन की स्थिति को महसूस किया और आत्महत्या करने की आशंका भी जताई। कटारा के अधिवक्ता भानू प्रकाश शर्मा ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र भी पेश किया, जिसमें कहा गया कि कटारा ने 28 नवंबर को अपने बेटे से फोन पर यह जानकारी दी थी कि उसे कुछ लोग परेशान कर रहे हैं।
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बेटे की चेतावनी और सुरक्षा की मांग
कटारा के बेटे ने इस जानकारी के बाद सुरक्षा की मांग की थी। बेटे ने कहा कि अगर उसके पिता का फोन नहीं आया तो वह समझेगा कि उनके साथ कुछ अनहोनी घटित हो गई है। यह घटना तब हुई, जब कटारा ने जेल में अपने बेटे से बात की और बताया कि वह भयभीत है। अदालत में इस मामले को गंभीरता से लिया गया और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए।
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अदालत का निर्णय और शिफ्टिंग
अदालत ने कटारा की मानसिक स्थिति को गंभीर माना और उसे सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने कटारा के मानसिक तनाव और डिप्रेशन को स्वीकार किया और कहा कि उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाए। विशेष लोक अभियोजक बीएस चौहान ने इस मामले पर एक सीलबंद रिपोर्ट भी पेश की।
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मनोवैज्ञानिक स्थिति और सुरक्षा के उपाय
निलंबित आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की स्थिति को देखते हुए अदालत ने यह कदम उठाया। उसकी सुरक्षा और मानसिक स्थिति को लेकर जेल प्रशासन को अलर्ट किया गया है। इसके साथ ही, जेल में उसके मानसिक तनाव की स्थिति को भी संभालने के उपायों पर विचार किया जा रहा है। अदालत ने इस पर आगे की सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह तक टाल दी।
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प्रमुख बिंदु
कटारा का आरोप : बाबूलाल कटारा ने कहा कि जेल में उसकी जान को खतरा है और उसे डिप्रेशन का सामना करना पड़ रहा है।
सुरक्षा की मांग : कटारा ने अपने बेटे से जेल में संपर्क किया और सुरक्षा की मांग की।
सेंट्रल जेल में शिफ्ट : अदालत ने कटारा को मानसिक स्थिति और सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
विशेष लोक अभियोजक की रिपोर्ट : बीएस चौहान ने कटारा के आरोपों पर सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश की।
अदालत का निर्णय : अदालत ने कटारा की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और अन्य उपायों की समीक्षा की।
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