/sootr/media/media_files/2025/09/23/rpsc-2025-09-23-21-45-14.jpg)
Photograph: (the sootr)
परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर विवादों में रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का चेहरा चमकाने की कवायद शुरू हो गई है। राजस्थान सरकार ने आरपीएससी में तीन नए सदस्य नियुक्त किए हैं।
सरकार ने मंगलवार की रात को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सेवानिवृत्त आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी, जोधपुर के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार कलवार तथा शिक्षाविद डॉ. सुशील कुमार बिस्सू को सदस्य बनाया है। वर्तमान में आयोग में अध्यक्ष सहित कुल पांच सदस्य ही थे। इन तीन नियुक्तियों के बाद अध्यक्ष के अतिरिक्त सात सदस्य हो जाएंगे। आरपीएससी के मौजूदा ढांचे में एक अध्यक्ष सहित 10 सदस्यों का प्रावधान है।
'अकर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' हो आरपीएससी का ध्येय वाक्य, वह हर गलती का जिम्मेदार
कैंसर रोग विशेषज्ञ हैं डॉ. कलवार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे समय से जुड़े डॉ. अशोक कलवार पेशे से कैंसर रोग विशेषज्ञ हैं। वे जोधपुर में रहते हैं।
शिक्षाविद हैं डॉ. सुशील कुमार बिस्सू
डॉ. सुशील कुमार बिस्सू कॉलेज शिक्षा से हैं। वे कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों के संगठन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ (एबीआरएमएस) से जुड़े हैं। यह आरएसएस की विचारधारा वाला संगठन है।
पूर्व आईपीएस हैं हेमंत प्रियदर्शी
हेमंत प्रियदर्शी भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हैं। वे राजस्थान ​कैडर के आईपीएस रहे हैं। पुलिस विभाग में रहते हुए उन्होंने कई पदों पर जिम्मेदारी निभाई हैं। हेमंत प्रियदर्शी की नियुक्ति के बाद अब RPSC में दो पूर्व आईपीएस हो गए हैं। इससे पहले पूर्व डीजीपी यूआर साहू को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और संगीता आर्य संकट में, सरकार के अगले कदम का इंतजार!
साख बचाने को जूझ रहा आरपीएससी
इन नई नियुक्तियों को पेपर लीक की घटनाओं के कारण साख बचाने को जूझ रहे आरपीएससी के कायाकल्प करने की दिशा में प्रयास माना जा रहा है। जल्द ही बाकी सदस्यों की भी नियुक्ति किए जाने की उम्मीद है। वर्तमान में आयोग अध्यक्ष पूर्व डीजीपी यूआर साहू हैं। डॉ. संगीता आर्य, लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह राठौड़, कैलाश चन्द्र मीणा और प्रो. अय्यूब खान सदस्य हैं।
मंजू का इस्तीफा, बाबूलाल सस्पेंड
सदस्य मंजू शर्मा ने एसआई भर्ती 2021 में नाम आने के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसे राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है। एक सदस्य बाबूलाल कटारा पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद से सस्पेंड चल रहे हैं। उन्हें हटाने के लिए रेफरेंस सुप्रीम कोर्ट में पेडिंग चल रहा है। बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद आयोग सदस्यों की संख्या 10 कर दी गई थी। अभी भी तीन सदस्यों के पद खाली हैं।
पेपर लीक से संकट में आयोग
एसआई भर्ती 2021 और सीनियर टीचर भर्ती के पेपर लीक करने के आरोप में सदस्य बाबूलाल कटारा और पूर्व सदस्य रामूराम राईका की गिरफ्तारी होने और राईका के बेटे-बेटी की मदद करने के मामले में पूर्व अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय, सदस्य संगीता आर्य, मंजू शर्मा और जसवंत राठी का नाम आने के बाद से आयोग की निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न हो गया है।
एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने के फैसले में भी इनके नाम आने से व्यक्तिगत और आयोग की प्रतिष्ठा और निष्पक्षता पर संकट आया है। आयोग के समक्ष पहली प्राथमिकता छात्रों और परीक्षार्थियों सहित आमजन में अपनी प्रतिष्ठा और निष्पक्षता को पुन: स्थापित करना है।