सरिस्का की नई सीमा पर प्रशासन की प्रक्रिया शुरू, दावे और आपत्तियों से सुधरेगा टाइगर हैबिटेट

राजस्थान में अलवर प्रशासन ने सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमा बढ़ाने के लिए दावे और आपत्तियां मांगी हैं, जिससे टाइगर हैबिटेट में सुधार हो सके। अभयारण्य की सीमा में बदलाव की प्रक्रिया के चलते प्रशासन ऐसा कर रहा है।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
sariska

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

सुनील जैन @ अलवर

राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का बाघ अभयारण्य में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट की सीमा को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए स्थानीय ग्राम सभाओं से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं, ताकि स्थानीय लोग और प्रभावित समुदाय इस बदलाव की प्रक्रिया में शामिल हो सकें।

अलवर जिले की कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें ग्रामीणों और आम जनता से इस पर दावे और आपत्तियां मांगी गई हैं।

सरिस्का टाइगर रिजर्व : सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी, बाघों की संख्या बढ़ने के साथ एरिया विस्तार की योजना

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बदलाव

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश के बाद सरिस्का के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट का दायरा बढ़ाकर 92,448.83 हेक्टेयर किया गया है। पहले यह क्षेत्र 881.11 वर्ग किलोमीटर था, जिसे अब 924.48 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य बाघों के लिए बेहतर प्रजनन और आवास सुनिश्चित करना है, साथ ही उनके आंदोलन को भी बढ़ावा देना है।

सरिस्का टाइगर रिजर्व : 13 शावक तलाशेंगे अपना नया इलाका, एक की टेरिटरी 40 किमी की, रिजर्व पड़ेगा छोटा

दावे और आपत्तियों की समयसीमा

सरिस्का के विस्तार से जुड़ी दावों और आपत्तियों के लिए एक महीने का समय दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 30 दिन के बाद किसी भी दावे, सुझाव या आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। यदि इस नए क्षेत्र में किसी के पास कानूनी अधिकार या जमीन है, तो वे दो महीने के भीतर दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। यह दावा अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय कार्यालय या अलवर जिला कलेक्टर के ईमेल पर भेजा जा सकता है।

3 महीने बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व फिर खुला : टाइगर सफारी के लिए ​पहुंचे पर्यटक

बफर और कोर एरिया में बदलाव

सरिस्का के बफर और कोर एरिया में बदलाव के लिए भी ग्राम सभाओं के माध्यम से सुझाव और आपत्तियां मांगी जा रही हैं। इसके लिए जिलाधिकारी और डीसीएफ सरिस्का अगले ग्राम सभा में प्रस्ताव रखेंगे, ताकि ग्रामवासियों के सुझाव एकत्रित किए जा सकें। इस प्रक्रिया को समाप्त करने के बाद प्रशासन इन सुझावों का समावेश करके अंतिम निर्णय लेगा।

सरिस्का और रणथंभौर में टाइगर सफारी कल से, रोमांच से भरेंगे पर्यटक, जानें पूरा शेड्यूल

वन्यजीव प्रेमियों की आपत्ति

इस बदलाव को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने आपत्ति जताई थी, जो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले गए थे। उनका आरोप था कि क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट से कुछ हिस्सों को हटाकर बफर जोन बनाया जा रहा है, ताकि वहां खनन कार्य शुरू किया जा सके।

हालांकि वन विभाग का कहना है कि नया ड्राफ्ट टाइगरों के प्रजनन और आंदोलन के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें बफर जोन में आने से यहां के निवासियों को कुछ राहत मिल सकेगी।

सरिस्का रिजर्व में 50 हुए टाइगर, आबादी बढ़ने से खुशी की लहर, वन मंत्री ने साझा की जानकारी

वन विभाग का पक्ष

इस पर वन विभाग का मानना है कि इस क्षेत्र में बाघों की गतिविधियों और प्रजनन के लिए अधिक अनुकूल वातावरण मिलेगा और बफर जोन में आने से स्थानीय लोगों को वन विभाग के कड़े नियमों से कुछ राहत मिलेगी। यह बदलाव गांवों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यहां के निवासियों को अब वन विभाग की सख्त निगरानी से थोड़ी छूट मिल सकेगी।

राजस्थान अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व सरिस्का क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट
Advertisment