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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के पिपलोदी गांव में हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद अब बच्चों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और शिक्षा विभाग की सक्रियता के बाद स्कूल फिर से खोल दिया गया है, जिससे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।
हादसे में घायल बच्चे अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और फिर से पढ़ाई में जुट गए हैं। हालांकि कुछ बच्चों को पुराने दोस्तों की कमी महसूस हो रही है, लेकिन वे नए दोस्त बनाने के लिए भी उत्सुक हैं।
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शिक्षा विभाग की संवेदनशीलता
सरकार की पहल के तहत बच्चों को जल्द से जल्द शिक्षा में वापस लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए। शिक्षा विभाग की संवेदनशीलता के कारण अब स्कूल नियमित रूप से चल रहा है। हादसे के बाद चार शिक्षकों को विशेष रूप से तैनात किया गया, जिन्होंने बच्चों की काउंसलिंग की और उन्हें फिर से स्कूल से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। इन प्रयासों ने बच्चों के जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है।
घायलों की वापसी और बच्चों में नया जोश
हादसे के बाद पिपलोदी गांव में बच्चों के लिए वैकल्पिक स्कूल तैयार किया गया था, जहां अब कक्षाएं चल रही हैं। बच्चों को स्कूल में तिलक व माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। अभिभावकों ने भी स्कूल की व्यवस्था का जायजा लिया और बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए उनके प्रति विश्वास जताया। पहले दिन स्कूल में 55 विद्यार्थी उपस्थित हुए, और अब बच्चों में किसी प्रकार का भय नहीं है।
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नई कक्षाओं का संचालन और नए संसाधन
शिक्षा अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि बच्चों को बैग, किताबें, ड्रेस और अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई है। विद्यालय में मिड डे मील का प्रबंध किया गया है, जिसमें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जा रहा है। इसके अलावा, विद्यालय के नए भवन के निर्माण होने तक अस्थायी भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस भवन में बच्चों के लिए समुचित कक्षा कक्ष, पानी, शौचालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
मुख्य बिंदु
- सरकार और शिक्षा विभाग की पहल से पीपलोदी स्कूल फिर से शुरू हुआ।
- घायलों की वापसी और कक्षा में नए जोश के साथ बच्चों का जीवन पटरी पर लौटा।
- बच्चों के लिए वैकल्पिक स्कूल में नए संसाधन और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
- बच्चों को बैग, किताबें और मिड डे मील जैसे संसाधन दिए गए।
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