राजस्थान में इस बार मंत्रियों के निजी स्टाफ को लेकर चल रही खींचतान

प्रशासनिक गलियारा में चर्चा है कि सरकार ने इस बार मंत्रियों के निजी स्टाफ में नियुक्तियों को लेकर एक फॉर्मूला तैयार किया है, जिसमें तय किया गया है कि मंत्रियों की पसंद के आरएएस अधिकारी (विशिष्ट सहायक) नहीं लगाए जाएंगे।

Advertisment
author-image
Pooja Kumari
New Update
Bhajan Lal Sharma
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JAIPUR. राजस्थान में इस बार सरकार के नए मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्ति को लेकर अजीब तरह की खींचतान देखने में आ रही है। ज्यादातर मंत्री पुरानी परंपराओं को कायम रखते हुए अपनी पसंद के लोगों को अपने रजिस्टर स्टाफ में रखना चाहते हैं और इसके चलते जैन अधिकारयों कर्मचारियों को मुख्य सचिव ने मंत्रियों के नीचे स्टाफ के रूप में नियुक्ति दी थी उनमें से कई को जॉइनिंग नहीं मिल पा रही है। 

विधानसभा चुनाव में गहलोत का खर्चा पायलट से डबल, 32 विधायकों ने ऑनलाइन कैंपेन पर लाखों खर्चे, क्या कहती है ADR रिपोर्ट

अभी तक विशिष्ट सहायक और निजी सचिव की नियुक्तियां

राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन को 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी भी कई मंत्रियों के पास विशिष्ट सहायक और निजी सचिव की नियुक्तियां नहीं हुई है। दरअसल राजस्थान में हर मंत्री के पास विशिष्ट सहायक के रूप में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और निजी सचिव या सहायक सचिव और अनुभाग अधिकारी के रूप में राजस्थान सचिवालय सेवा के अधिकारियों को नियुक्ति दी जाती है। इस मामले में अब तक डिजायर सिस्टम चला रहा है। यानी मंत्री जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने निजी स्टाफ में रखना चाहते हैं उनके नाम लिखकर कार्मिक विभाग को भेज दिए जाते हैं और मंत्रियों के भेजे नाम को ही निजी स्टाफ के रूप में नियुक्ति दे दी जाती है। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। मंत्रियों ने जिन जन अधिकार और कर्मचारियों के नाम सरकार को नियुक्ति के लिए भेजे हैं उनकी जगह दूसरे लोगों को भेजा जा रहा है। 

राजस्थान में बीजेपी इस बार बडे़ पैमाने पर टिकट बदलने की तैयारी में

सात में से 2-3 को ही मिली ज्वाइनिंग 


सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय में राजस्थान प्रशासनिक सेवा और सचिवालय सेवा के अधिकारियों को लेकर लंबी एक्सरसाइज की गई है और उनमें से लगभग 60 लोगों को चिन्हित गया है जिन्हें मंत्रियों के निजी स्टाफ में भेजा जा रहा है। जिन अधिकारों को चिन्हित किया गया था उनमें से सात को पिछले दिनों दो उपमुख्यमंत्रियों और पांच मंत्रियों के यहां नियुक्ति दी गई थी। बताया जा रहा है कि सात में से दो-तीन को ही ज्वाइनिंग मिल पाई है। दोनों उपमुख्यमंत्रियों के यहां भी जिन विशिष्ट सहायकों को भेजा गया था उन्हें अभी ज्वाइनिंग का इंतजार है। इनके साथ ही सरकार ने 23 निजी या सहायक सचिव और अनुभाग अधिकारी भी नियुक्त किए थे लेकिन इनमें से भी लगभग 15 को अभी तक ज्वाइनिंग नही मिल पाई है। 

राजस्थान बीजेपी ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारी, कोर कमेटी की बैठक में टिफिन लेकर पहुंचे नेता, वसुंधरा राजे भी नजर आई मीटिंग में

फॉर्मूला तय किए जाने की चर्चा


प्रशासनिक गलियारा में चर्चा है कि सरकार ने इस बार मंत्रियों के निजी स्टाफ में नियुक्तियों को लेकर एक फॉर्मूला तैयार किया है, जिसमें तय किया गया है कि मंत्रियों की पसंद के आरएएस अधिकारी (विशिष्ट सहायक) नहीं लगाए जाएंगे। इसके साथ ही जिस जाति का मंत्री है, उस जाति का विशिष्ट सहायक नहीं लगाया जाएगा। यह फॉर्मूला तीन दिन पहले 7 मंत्रियों के लगाए गए विशिष्ट सहायकों की सूची में देखने को मिला। सरकार ने नए फॉर्मूले के आधार पर ही दोनों डिप्टी सीएम और कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, किरोड़ीलाल मीना, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कन्हैयालाल चौधरी, हीरालाल नागर के यहां विशिष्ट सहायक नियुक्त किए हैं। वहीं अभी 16 अन्य मंत्रियों के यहां विशिष्ट सहायक नियुक्त किए जाने हैं।

Rajsthan