राजस्थान के टाइगर रिजर्व में आएंगे मध्यप्रदेश-उत्तराखंड के बाघ, मंजूरी मिली, शिफ्टिंग की प्रक्रिया जल्द

राजस्थान में पहली बार मध्यप्रदेश और उत्तराखंड से बाघों को लाकर प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस पहल से बाघों की नस्ल में सुधार होगा। प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के टाइगर रिजर्व अब बाघों के जीन में सुधार के लिए बाहरी राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग के लिए तैयार हैं। सरकार ने मध्यप्रदेश और उत्तराखंड से बाघों के शिफ्टिंग के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह पहल प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या और उनकी नस्ल में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

बाहरी राज्यों से बाघों का आना ऐतिहासिक कदम

इस वर्ष के सर्दी के मौसम में मध्यप्रदेश और उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व से कुल 7 बाघ और बाघिनों को मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में लाया जाएगा। यह पहला मौका होगा, जब अन्य राज्यों से बाघ राजस्थान के टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए जाएंगे। अब तक रणथंभौर से ही बाघों की शिफ्टिंग होती आई है, लेकिन इस बार बाहरी राज्यों के बाघों का आना प्रदेश के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

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बाघों के शिफ्टिंग की विशेषताएं

  • 7 बाघ और बाघिनों का शिफ्टिंग
  • मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी में शिफ्टिंग
  • बाघों के जीन में सुधार के लिए पहल

जीन पूल में सुधार के लिए बाहरी बाघों की शिफ्टिंग

वन मंत्री संजय शर्मा के अनुसार, बाहरी राज्यों से बाघों को लाने की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी, ताकि प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों के जीन पूल में सुधार किया जा सके। शिफ्टिंग के बाद इन टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ेगी और जीन में बदलाव होगा, जिससे बाघों की नस्ल में सुधार और उनका जीवन बेहतर होगा।

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जीन पूल में सुधार

  • बाघों की नस्ल में सुधार
  • जीन में बदलाव के लिए शिफ्टिंग
  • टाइगर रिजर्व की स्थिरता और खुशहाली

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टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि

मध्यप्रदेश और उत्तराखंड से बाघों के आने से प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ जाएगी। वर्तमान में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 5 बाघ हैं और रामगढ़ विषधारी में 7 बाघ हैं। बाघों की शिफ्टिंग के बाद इन रिजर्वों में बाघों की संख्या 20 तक पहुंचने की संभावना है। यह इन टाइगर रिजर्व को और भी खुशहाल बना देगा।

बाघों की संख्या में वृद्धि

  • मुकुंदरा हिल्स में 5 बाघ
  • रामगढ़ विषधारी में 7 बाघ
  • बाघों की संख्या 20 तक पहुंचने की संभावना

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देश का पहला बाघ पुनर्वास और सरिस्का

2005 में सरिस्का को बाघ विहीन घोषित किए जाने के बाद 2008 में रणथंभौर से बाघों का पुनर्वास कराया गया था। यह देश का पहला बाघ पुनर्वास था और अब तक प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से लाए गए बाघ या उनकी संतानें हैं। हालांकि अब बाहरी राज्यों से बाघों का आना इस क्षेत्र के जीन पूल में सुधार करेगा और संक्रमण के खतरे को भी कम करेगा।

सरिस्का और बाघ पुनर्वास

  • 2008 में सरिस्का में बाघों का पुनर्वास
  • रणथंभौर से बाघों की शिफ्टिंग
  • संक्रमण के खतरे में कमी

FAQ

Q1: क्यों दूसरे राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग की जा रही है?
राजस्थान के टाइगर रिजर्व में बाघों के जीन में सुधार के लिए बाहरी राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग की जा रही है। इससे बाघों की नस्ल में सुधार होगा और उनका जीवन बेहतर होगा।
Q2: बाघों की शिफ्टिंग से प्रदेश के टाइगर रिजर्व में क्या बदलाव आएगा?
बाघों की शिफ्टिंग से प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ेगी और इन रिजर्वों की जैव विविधता को मजबूती मिलेगी।
Q3: सरिस्का में पहले बाघों का पुनर्वास क्यों किया गया था?
सरिस्का में 2005 में बाघ विहीन घोषित किए जाने के बाद 2008 में रणथंभौर से बाघों का पुनर्वास किया गया, जो देश का पहला बाघ पुनर्वास था।

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