मुकुंदरा-रामगढ़ में शिफ्ट होंगे 7 बाघ-बाघिन, रणथंभौर-सरिस्का की तरह पर्यटक करेंगे दीदार

राजस्थान के कोटा में मुकुंदरा और बूंदी में रामगढ़ रिजर्व में 2 बाघ और 5 बाघिन शिफ्ट होंगे। इससे बाघों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ये इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन योजना के तहत आएंगे।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व एवं बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व से 7 बाघ-बाघिन लाने की स्वीकृति मिल चुकी है। विधायक संदीप शर्मा के विधानसभा में एक सवाल के जवाब में उन्हें बताया गया है कि राजस्थान सरकार के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से कुल 7 बाघ-बाघिनों के ट्रांसलोकेशन की स्वीकृति दी गई है, जिनमें 2 बाघों को राज्य के भीतर से एवं 5 बाघिनों की अंतरराज्यीय ट्रांसलोकेशन स्वीकृति जारी की गई है। 

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विधायक शर्मा ने कहा कि मुकुंदरा व रामगढ़ में बाघों की प्राकृतिक बसावट है। यहां की आबोहवा उनके लिए सर्वोत्तम है, इसलिए हमारा प्रयास है कि यहां बाघों की आबादी बढ़ाई जाए। इससे न केवल वन्य जीवों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। जल्द ही रणथंभौर और सरिस्का की तरह कोटा भी बाघों के लिए जाना जाएगा।

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अभी शिफ्टिंग नहीं हो पाई

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मध्यप्रदेश के कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ रिजर्व से मुकुंदरा में एक बाघिन तथा रामगढ़ में दो बाघिन को शिफ्ट करने की अनुमति मिल गई है। महाराष्ट्र के ताडोबा अंधेरी और पेंच रिजर्व से एक-एक बाघिन को रामगढ़ एवं मुकुंदरा में शिफ्ट करने की स्वीकृति भी दी जा चुकी है। हालांकि अभी तक किसी भी बाघिन को मुकुंदरा तथा रामगढ़ में शिफ्ट नहीं किया गया है। 

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चीतल-सांभर लाने की कार्यवाही जारी

मुकुंदरा में प्रे-बेस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली के एएन झा डियर पार्क से 161 चीतल तथा भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से 381 चीतल ट्रांसलोकेट किए जा चुके हैं। केवलादेव से 250 चीतल मुकुंदरा में शिफ्ट करने की स्वीकृति मिल गई है। वहीं प्रे-ऑगमेंटेशन के लिए चीतल तथा सांभर लाने की कार्यवाही जारी है। 

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चरणबद्ध तरीके से लाएंगे पक्षी

वहीं रामगढ़ में एएन झा डियर पार्क से 118 तथा केवलादेव से 143 चीतल ट्रांसलोकेट किए जा चुके हैं। वहीं केवलादेव से 250 चीतल रामगढ़ में शिफ्ट करने की स्वीकृति जारी हो चुकी है। प्रे-ऑगमेंटेशन के लिए चीतल तथा सांभर चरणबद्ध तरीके से लाए जा रहे हैं।

FAQ

Q1: मुकुंदरा और रामगढ़ टाइगर रिजर्व में कितने बाघ शिफ्ट किए जाएंगे?
मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में 2 बाघ और 5 बाघिनों को शिफ्ट किया जाएगा।
Q2: बाघों के लिए प्रे-बेस की क्या तैयारी की जा रही है?
प्रे-बेस के लिए चीतल और सांभर जैसे शिकार को मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा रहा है।
Q3: बाघों की शिफ्टिंग से क्षेत्र में क्या बदलाव होंगे?
बाघों की शिफ्टिंग से वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) और पर्यटन (Tourism) दोनों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र की आर्थ‍िक स्थिति (Economic Growth) में सुधार होगा।

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