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देश की सुरक्षा के लिए एक नया और गंभीर खतरा सामने आ रहा है। पाकिस्तान बॉर्डर के पास ड्रोन से मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है। अब हथियारों की तस्करी का भी खतरा बढ़ गया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यदि ये ड्रोन हथियारों और विस्फोटक सामग्री को लेकर आते हैं, तो यह देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।
पाकिस्तान-राजस्थान बॉर्डर और ड्रोन की बढ़ती तस्करी
पाकिस्तान और राजस्थान का बॉर्डर लगभग 1000 किलोमीटर लंबा है। पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों ने 60 से ज्यादा ड्रोन पकड़े हैं। ड्रोन से गिराए गए मादक पदार्थों को भी बरामद किया है। पहले जहां ड्रोन 2 किलो तक का सामान लाते थे, वहीं अब ये ड्रोन 15 किलो तक का लोड उठा सकते हैं। इन ड्रोन की क्षमता और टेक्नोलॉजी में लगातार सुधार हो रहा है, जिससे राजस्थान सीमा पर सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान सीमा से राजस्थान में हेरोइन तस्करी बहुत हो रही है।
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ड्रोन की बढ़ती ताकत
ड्रोन की टेक्नोलॉजी और क्षमता में लगातार बदलाव हो रहा है। पहले जो ड्रोन केवल 2 किलो तक का सामान लेकर आते थे, अब वे 15 किलो तक का सामान लेकर आ सकते हैं। इन ड्रोन में सुधार के साथ उनकी स्पीड, बैटरी लाइफ और पे-लोड क्षमता भी बढ़ी है, जिससे उन्हें आसानी से डिटेक्ट करना कठिन हो गया है।
एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है राजस्थान एटीएस
राजस्थान ATS और केंद्रीय एजेंसियां एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं। विकास कुमार के अनुसार, राजस्थान का पाकिस्तान से जुड़ा बॉर्डर 1050 किलोमीटर लंबा है और इस इलाके में कई बार आबादी, रेगिस्तान और खेती होती है। ऐसे में ड्रोन गिरने के स्थान का पता लगाना एक बड़ी चुनौती है।
काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास में राजस्थान एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। यदि ड्रोन से मादक पदार्थों के अलावा हथियार और विस्फोटक गिरने लगे तो यह देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।
ड्रोन को डिटेक्ट करना हो रहा है मुश्किल
आजकल ड्रोन की टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो चुकी है कि उन्हें डिटेक्ट करना बेहद मुश्किल हो गया है। पहले जो ड्रोन केवल 2-3 किलो तक का सामान ला सकते थे, अब 10-15 किलो तक का सामान ले जाने में सक्षम हो गए हैं। खास बात यह है कि कुछ ड्रोन तो ऐसे होते हैं जिन्हें सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकता, और उनकी आवाज और स्पीड भी डिटेक्ट नहीं की जा सकती।
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राजस्थान में ड्रोन से हेरोइन तस्करी2024 में पाकिस्तान से श्रीगंगानगर बॉर्डर पर ड्रोन से तस्करी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कुछ सालों में इस पर कड़ी निगरानी शुरू की थी, और BSF को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। सितंबर 2025 में ड्रोन से 150 किलो से ज्यादा हेरोइन गिराई गई थी, जिसे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने जब्त किया था। आईजी एटीएस विकास कुमार के अनुसार, राजस्थान और पंजाब मादक पदार्थों की तस्करी के मुख्य मार्ग बन गए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से अफीम की तस्करी होती है, जिसे हेरोइन में बदला जाता है और फिर भारत भेजा जाता है। पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान ने राजस्थान को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए एक बड़ा केंद्र बना लिया है। राजस्थान में श्रीगंगानगर और बीकानेर जैसे जिलों में पिछले तीन सालों में 60 से ज्यादा ड्रोन से हेरोइन तस्करी के मामले सामने आए हैं। इन मादक पदार्थों को तस्कर पंजाब और अन्य राज्यों में भेज रहे हैं। | |
क्या होगा यदि ड्रोन से विस्फोटक गिराए जाने लगे
अगर ड्रोन से मादक पदार्थों के साथ-साथ विस्फोटक सामग्री भी गिराने लगे तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां अपनी तैयारी को और मजबूत कर रही हैं, ताकि ड्रोन से हथियारों की तस्करी के खतरे से निपटा जा सके।