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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान के कोचिंग संस्थान संचालक विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) को राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) से राहत मिली है। उनके खिलाफ अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट (Ajmer Judicial Magistrate Court) द्वारा जजों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी (Defamatory Remark) के मामले में अंतरिम रोक (Interim Stay) लगा दी गई है। जस्टिस समीर जैन (Justice Sameer Jain) की एकलपीठ ने मामले में अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
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दिव्यकीर्ति के वकील ने अपील में क्या कहा?
दिव्यकीर्ति के वकील पुनीत सिंघवी (Puneet Singhvi) ने अपील में कहा कि दिव्यकीर्ति ने किसी की भावना को आहत नहीं किया है। उनका कहना था कि अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट (Ajmer Judicial Magistrate Court) ने जिन क्रिमिनल प्रोसिडिंग्स (Criminal Proceedings) को शुरू किया, वे गलत हैं। वकील ने यह भी कहा कि दिव्यकीर्ति का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस वीडियो को संदर्भित किया जा रहा है, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। इस प्रकार की कार्रवाई फ्रीडम ऑफ स्पीच (Freedom of Speech) के अधिकार को बाधित करती है।
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दिव्यकीर्ति मामले में राज्य सरकार को भी बनाया पक्षकार
इस मामले में शिकायतकर्ता कमलेश मंडोलिया (Kamlesh Mandolia) के वकील राजेश कुमार शर्मा (Rajesh Kumar Sharma) ने दलील दी कि दिव्यकीर्ति ने न्यायपालिका के खिलाफ गलत बयान दिए हैं, जिससे न्यायिक अधिकारियों की मानहानि (Defamation) हुई है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार (State Government) को भी पक्षकार बनाते हुए जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
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दिव्यकीर्ति को अजमेर कोर्ट में पेश होने के थे आदेश
शिकायतकर्ता कमलेश मंडोलिया ने दिव्यकीर्ति के खिलाफ अजमेर कोर्ट में मानहानि की शिकायत की थी। उन्होंने याचिका में यह आरोप लगाया था कि दिव्यकीर्ति ने एक वीडियो में न्यायपालिका के खिलाफ (Against Judiciary) अपमानजनक और व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल किया था। इस पर अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 (Ajmer Judicial Magistrate No. 2) के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल (Manmohan Chandel) की अदालत ने विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया था।
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विकास दिव्यकीर्ति का ज्यूडिशरी विवाद क्या है?यह विवाद दिव्यकीर्ति के वीडियो शो ‘IAS वर्सेज जज- कौन ज्यादा ताकतवर’ (IAS vs Judges - Who is More Powerful) से शुरू हुआ था। इस शो में दिव्यकीर्ति ने IAS (Indian Administrative Service) को ज्यादा शक्तिशाली बताया था, जो कमलेश मंडोलिया (Kamlesh Mandolia) के लिए आपत्तिजनक था। इसके बाद, उन्होंने अजमेर के न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 (Judicial Magistrate No. 2, Ajmer) की अदालत में मानहानि केस (Defamation Case) दर्ज कराया। |
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