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राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जब एक महिला के पेट से 6 किलोग्राम वजन का बालों का गुच्छा ऑपरेशन के जरिए निकाला गया।
यह ऑपरेशन जयपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल (गणगौरी) में दूरबीन तकनीक का उपयोग करके किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक दुर्लभ मामला था, जहां आमतौर पर पेट चीरकर सर्जरी की जाती है, लेकिन इस महिला के मामले में दूरबीन के जरिए ऑपरेशन किया गया, जो राज्य में पहली बार हुआ।
महिला आखिरकार अस्पताल क्यों आई
महिला की उम्र 36 वर्ष है और वह जयपुर की रहने वाली है। वह 16 सितंबर को पेट दर्द की शिकायत लेकर हॉस्पिटल आई थी। जब सर्जन डॉक्टर मुकेश शर्मा ने महिला की जांच की तो उनका पेट फूल रहा था और उनका खाना-पीना भी लगभग बंद हो गया था। इसके बाद डॉक्टर ने महिला की सोनोग्राफी करवाई, जिसमें कुछ खास नहीं मिला। जब सीटी स्कैन किया गया, तो उसमें आंत के पास कुछ संदिग्ध चीज दिखाई दी।
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​महिला को थी बाल खाने की आदत
महिला की जांच के दौरान डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी कैमरे का इस्तेमाल किया और पेट में बालों के गुच्छे का पता लगाया। डॉक्टर मुकेश शर्मा के मुताबिक, यह ​ 'गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर' नामक बीमारी है । व्यक्ति को बाल खाने की आदत के कारण महिला के पेट में बालों का गुच्छा जमा हो गया था, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया। स्थिति है
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ढाई घंटे में निकाला बालों का गुच्छा
20 सितंबर को महिला का ऑपरेशन किया गया, जो ढाई घंटे तक चला। ऑपरेशन के दौरान पेट में चार छोटे छेद किए गए, जिनके माध्यम से बालों के गुच्छे को बाहर निकाला गया। गुच्छा लगभग 6 किलोग्राम वजन का था और इसकी साइज 35 बाई 20 सेमी. थी। ऑपरेशन टीम में डॉक्टर मुकेश शर्मा के अलावा डॉ. संजय, डॉ. कमलेश, डॉ. विरेंद्र, डॉ. शहादत अली, डॉ. लुकमान और एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट से डॉ. हर्षा, डॉ. वीना और डॉ. रवि का योगदान रहा।
दूरबीन तकनीक से निकाले 6 किलो बाल
महिला का 10 साल पहले एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद पेट पर बड़ा निशान बन गया था। डॉक्टर मुकेश ने बताया कि अगर इस बार पेट चीरकर ऑपरेशन किया जाता, तो दूसरा बड़ा निशान बनता। इसलिए, महिला के ऑपरेशन के लिए दूरबीन तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी तरीका था।
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ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति
ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति स्थिर है और अब उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। ऑपरेशन में दूरबीन तकनीक का उपयोग होने से महिला का रिकवरी टाइम भी कम हो गया है, और उसने बिना किसी बड़ी सर्जिकल चोट के अपने शरीर से भारी बालों का गुच्छा बाहर निकलवा लिया।
दुर्लभ घटना
यह ऑपरेशन और यह मामला एक बहुत ही दुर्लभ घटना है, क्योंकि पेट में बालों का गुच्छा जमा होना और इसे इस तरह से ऑपरेशन से बाहर निकालना एक मुश्किल कार्य होता है। आमतौर पर इस प्रकार के मामलों में पेट को चीरकर सर्जरी की जाती है, लेकिन डॉक्टरों ने दूरबीन तकनीक का इस्तेमाल करके एक नई मिसाल कायम की है। इससे जयपुर का गणगौरी अस्पताल चर्चा में है।
क्या है गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर?गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर एक दुर्लभ और गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें शरीर द्वारा निगले गए बाल पेट में जमा होकर एक सख्त गांठ या गेंद का रूप ले लेते हैं। यह स्थिति मुख्यतः उन लोगों में पाई जाती है, जिन्हें मानसिक विकार होते हैं, जैसे ट्राइकोटिलोमेनिया (बाल खींचने की आदत) और ट्राइकोफेगिया (बाल खाने की आदत)। यह समस्या आमतौर पर युवा लड़कियों में देखी जाती है, लेकिन किसी भी आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर के कारणगैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं: ट्राइकोटिलोमेनिया : यह एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को अपनी बालों को खींचने और उन्हें खाने की तीव्र इच्छा होती है। यह आदत एक प्रकार के मानसिक तनाव या अवसाद से उत्पन्न होती है, जिसके कारण व्यक्ति बाल खींचने या खाने लगता है। बालों का अपचनीय होना: मानव बालों को पचाने में शरीर सक्षम नहीं होता। बालों में केराटिन नामक प्रोटीन होता है, जो पचने के लिए बहुत कठिन होता है। इस कारण बाल पेट में जमा होते जाते हैं और समय के साथ एक सख्त गांठ का रूप ले लेते हैं। रापुन्जेल सिंड्रोम: यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें पेट के बालों का गुच्छा छोटी आंत तक फैल सकता है। इसे रापुन्जेल सिंड्रोम कहा जाता है। इसमें बालों का गुच्छा आंतों में भी फैल सकता है, जो आंतों की रुकावट और अन्य जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है। गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर के लक्षणगैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर के शुरुआती लक्षण अधिक स्पष्ट नहीं होते। हालांकि, जैसे-जैसे यह स्थिति बिगड़ती है, मरीज में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर का निदानइस स्थिति का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं: शारीरिक परीक्षणडॉक्टर मरीज के पेट की जांच करते हैं, ताकि गांठ का पता लगाया जा सके। इसके साथ ही, सिर के बालों की भी जांच की जाती है, क्योंकि अक्सर बाल खींचने से सिर में खाली जगह दिख सकती है। इमेजिंग टेस्टसीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जैसे इमेजिंग टेस्ट पेट में बालों की गांठ का स्पष्ट चित्र प्रदान कर सकते हैं। एंडोस्कोपीएंडोस्कोपी सबसे सटीक तरीका होता है, जिसमें मुंह के जरिए एक पतली ट्यूब डालकर पेट की जांच की जाती है। यह न केवल निदान में मदद करता है, बल्कि छोटे बालों के गुच्छे को हटाने में भी सहायक हो सकता है। गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर का उपचारगैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर का उपचार गांठ के आकार और स्थान पर निर्भर करता है: एंडोस्कोपिक निष्कर्षणयदि बालों का गुच्छा छोटा हो, तो इसे एंडोस्कोपिक तकनीक से आसानी से निकाला जा सकता है। यह एक कम-invasive प्रक्रिया होती है, जिससे जल्दी रिकवरी होती है। सर्जरीबड़ी गांठों के लिए सर्जरी सबसे प्रभावी तरीका है। इसमें लैपरोटॉमी या लैपरोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें पेट को खोला जाता है और बालों का गुच्छा बाहर निकाला जाता है। मनोवैज्ञानिक उपचारचूंकि गैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर का मुख्य कारण अक्सर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित होता है, इसलिए सर्जरी के बाद मानसिक स्वास्थ्य उपचार और परामर्श जरूरी है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि समस्या दोबारा न हो। निष्कर्षगैस्ट्रिक ट्राइकोबेजोअर एक गंभीर स्थिति है, जिसमें समय पर इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। यदि किसी को इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। उचित निदान और उपचार से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है और मरीज की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। | |