राजस्थान में मानसून विदाई की ओर, दो दिन नहीं अलर्ट, 27 सितंबर से बनेगा नया सिस्टम

राजस्थान में मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन 27 सितंबर से नया सिस्टम बंगाल की खाड़ी से आने वाला है, जिससे बारिश की संभावना है। TheSootr में जानें मौसम का पूरा हाल।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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Rajasthan Weather Update : बांसवाड़ा, झालावाड़ के आंशिक हिस्सों को छोड़कर पूरे राजस्थान से मानसून की विदाई हो चुकी है। यह बात मौसम विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सामने आई है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून की अंतिम बूँदें गिरने के बाद अब मौसम का रुख बदल चुका है। इस बार का मानसून राजस्थान में समय से पहले खत्म हो रहा है। हालांकि, 27 सितंबर से एक नया मौसम सिस्टम बंगाल की खाड़ी से राजस्थान की ओर बढ़ने वाला है, जो दक्षिण-पूर्वी जिलों में बारिश लेकर आएगा।

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माराजस्थान में मानसून की स्थिति और विदाई

राज्य में 26 सितंबर 2025 तक मानसून का असर पूरी तरह से खत्म होने की संभावना है। गुरुवार यानी 25 सितंबर 2025 को बारिश का दौर समाप्त हो गया और शुक्रवार यानी 26 सितंबर 2025 को भी मौसम शुष्क रहने की संभावना है। भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों से मानसून की विदाई हो चुकी है। इन जिलों में बारिश अब नहीं होगी।

झालावाड़ और बांसवाड़ा के कुछ हिस्सों में अभी मानसून की विदाई पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन आने वाले दिनों में यह क्षेत्र भी मानसून के प्रभाव से मुक्त हो जाएंगे।

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मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राज्य में अगले दो दिन मौसम ड्राय (शुष्क) रहने की प्रबल संभावना है। वर्तमान में म्यांमार से लगे बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जो अगले कुछ दिनों में तेज होकर एक लो-प्रेशर सिस्टम में बदल सकता है। इससे 26 सितंबर 2025 के आसपास दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट पर तेज अवदाब बनने की संभावना है। इस सिस्टम का प्रभाव राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों पर पड़ेगा और इन हिस्सों में बारिश हो सकती है।

नया सिस्टम और आगामी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, 27 सितंबर 2025 से बंगाल की खाड़ी में बनने वाला एक नया साइक्लोनिक सर्कुलेशन राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर असर डाल सकता है। यह साइक्लोनिक सर्कुलेशन अगले 24 घंटों में तेज होकर लो-प्रेशर सिस्टम में तब्दील होने की संभावना है। इसके बाद 26 सितंबर 2025 के आसपास यह सिस्टम ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों तक पहुंचेगा और एक अवदाब (Depression) का रूप ले सकता है।

इस सिस्टम के राजस्थान पर प्रभाव का असर 27 सितंबर 2025 से देखा जा सकता है, विशेष रूप से पूर्वी, दक्षिणी-पूर्वी और दक्षिणी जिलों में। इन क्षेत्रों में मेघ गर्जन के साथ बारिश का दौर शुरू हो सकता है, जो 3 अक्टूबर तक जारी रह सकता है।

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मानसून की विदाई कैसे होती है?

  • मानसून की वापसी देश में मानसून के आने की तरह एक पूरी प्रक्रिया होती है, जिसमें कई बदलाव होते हैं।

  • विदाई की टाइमलाइन: मानसून की वापसी सितंबर के पहले हफ्ते से पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है और अक्टूबर के अंत तक यह पूरे देश से विदा हो जाता है।

  • मानसून का समय से पहले लौटना: इस साल मानसून समय से पहले लौट रहा है। आईएमडी के मुताबिक, 4 सितंबर से इसकी वापसी शुरू हो चुकी है, जो सामान्य तौर पर 15 से 17 सितंबर के बीच शुरू होती है।

  • 2015 के बाद सबसे जल्दी विदाई: इस बार मानसून की वापसी 2015 के बाद सबसे जल्दी हो रही है।

  • पुराने आंकड़े: 1940 तक मानसून की वापसी 1 सितंबर से शुरू होती थी, लेकिन 2020 के बाद इसे 17 सितंबर से मानी जाती है।

  • विदाई की प्रक्रिया: मानसून की वापसी की प्रक्रिया 4-5 हफ्तों में पूरी होती है। यह पश्चिमी राजस्थान से शुरू होकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मध्य भारत के हिस्सों से पीछे हटता है।

  • अक्टूबर में बदलाव: अक्टूबर के शुरुआत में बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और अक्टूबर के अंत तक मानसून पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत से पूरी तरह विदा हो जाता है।

  • बारिश के बाद का बदलाव: मानसून के विदा होने के साथ बारिश रुकने के अलावा हवा के दबाव, दिशा और नमी में भी बदलाव आता है।

  • उत्तर-पूर्वी हवाएं: जब दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की जगह उत्तर-पूर्वी हवाएं चलने लगती हैं, तो यह मानसून की विदाई का अंतिम चरण होता है और इसके साथ ठंड का मौसम शुरू हो जाता है।

शुष्क मौसम और तापमान में बदलाव

राज्य में मानसून (Monsoon) के खत्म होने के बाद मौसम शुष्क रहने के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। 24 सितंबर 2025 को प्रदेश के विभिन्न शहरों में तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। गंगानगर में अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 38.2 डिग्री, जैसलमेर में 37 डिग्री, और बीकानेर में 36.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसके अलावा फलोदी, बाड़मेर, पिलानी, कोटा, चित्तौड़गढ़ जैसे अन्य शहरों में भी तापमान में हल्की गिरावट देखी गई।

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FAQ

1. क्या राजस्थान में मानसून खत्म हो चुका है?
राजस्थान में ज्यादातर हिस्सों से मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन झालावाड़ और बांसवाड़ा के कुछ हिस्सों में मानसून का प्रभाव अभी जारी है। 27 सितंबर से एक नया सिस्टम राजस्थान में बारिश का दौर शुरू कर सकता है।
2. नया सिस्टम किस तारीख को राजस्थान में प्रभाव डाल सकता है?
बंगाल की खाड़ी से आ रहे नए सिस्टम का असर 27 सितंबर से राजस्थान में देखने को मिल सकता है। इस सिस्टम के कारण प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में बारिश हो सकती है।
3. राजस्थान के किस हिस्से में मानसून की विदाई पूरी नहीं हुई है?
झालावाड़ और बांसवाड़ा के कुछ हिस्सों में मानसून की विदाई पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में भी मानसून का असर खत्म हो जाएगा।
4. राजस्थान में मानसून के बाद तापमान कैसे रहेगा?
मानसून के खत्म होने के बाद राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन तापमान में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा। विभिन्न शहरों में 24 सितंबर को तापमान में हल्की गिरावट देखी गई है।
5. नए सिस्टम के कारण राजस्थान में किस प्रकार की बारिश हो सकती है?
बंगाल की खाड़ी से आ रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में मेघ गर्जन और तेज बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 3 अक्टूबर तक राज्य में प्रभावी रहेगा।

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