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Photograph: (the sootr)
Jaipur. यमुना नदी का पानी राजस्थान तक लाने के प्रयासों में तेजी आई है, लेकिन भजनलाल सरकार के कार्यकाल में यह पानी आता कठिन दिख रहा है। सब कुछ ठीक चलता रहा तो भी यमुना का पानी शेखावाटी की धरती तक पहुंचाने में 7 साल से अधिक लग सकते हैं।
यमुना का पानी राजस्थान तक पहुंचाने में बांधों के निर्माण और पाइपलाइन बिछाने का काम समय लेने वाला है। इसमें हिमाचल प्रदेश का बड़ा पेंच भी फंसा हुआ है। कांग्रेस शासित होने के कारण हिमाचल बांधों के निर्माण में अपना अंशदान देने में आनाकानी कर रहा है।
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यमुना के पानी को लेकर यह समझौता
फरवरी, 2024 में केंद्र सरकार, हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौते के तहत एक नया एग्रीमेंट हुआ। यह राजस्थान की भजनलाल सरकार की उपलब्धियों में एक था। इस एग्रीमेंट के अनुसार राजस्थान को उसके हिस्से का पानी (1119 मिलियन क्यूबिक मीटर) देना तय हुआ। पानी के लिए हथिनीकुंड बैराज से चूरू, सीकर, झुंझुनूं और आसपास के जिलों तक पानी लाने के लिए भूमिगत पाइपलाइन बिछाने की योजना है।
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काम में तेजी आने का दावा
समझौते के बाद अब हथिनीकुंड बैराज से शेखावाटी तक भूमिगत पाइपलाइन बिछाने के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर काम चल रहा है। राजस्थान तक पानी पहुंचाने के लिए संयुक्त टास्क फोर्स बन चुकी है। डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। यह परियोजना रेणुकाजी (हिमाचल), लखवार (उत्तराखंड) और किशाऊ बांधों के पूरा होने से और मजबूत होगी। इससे राजस्थान को सालभर पानी मिल सकेगा।
किशाऊ बांध पर हिमाचल का पेंच
यमुना के ऊपरी बेसिन पर किशाऊ बांध के निर्माण में फंडिंग बाधा बन रही है। इस समस्या का हल निकालने का प्रयास चल रहा है। ​राष्ट्रीय परियोजना होने के कारण किशाऊ बांध के लिए 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राशि राज्यों को देनी है।
राजस्थान ने इस बांध के लिए अपना अंशदान देने को तैयार है, लेकिन हिमाचल का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से दिल्ली, हरियाणा, यूपी व राजस्थान को फायदा होगा। इसलिए पूरी लागत केंद्र या ये राज्य वहन करें। इसके लिए केंद्र राज्यों को मनाने में जुटा है।
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10 फीसदी मिलेगा अतिरिक्त पानी
ऊपरी यमुना बेसिन में यमुना व उसकी सहायक नदियों गिरी पर रेणुकाजी, यमुना पर लखवार और टोंस पर किशाऊ बांध बनने से हरियाणा, यूपी, राजस्थान, दिल्ली को पानी और बिजली की आपूर्ति हो सकेगी। किशाऊ बांध उत्तराखंड के देहरादून जिले और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में यमुना की सहायक नदी टोंस नदी पर बनना है।
पाइपलाइन से पानी पहुंचेगा
किशाऊ बांध की ऊंचाई 236 मीटर और लंबाई 680 मीटर होगी। इससे 97,076 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। साथ ही कुल 660 मेगावाट पन बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को बराबर मिलेगी। राजस्थान को इन परियोजनाओं से करीब दस फीसदी पानी मिलेगा। यमुना का अतिरिक्त पानी ताजेवाला हैड से पाइपलाइन के जरिए राजस्थान तक पहुंचेगा।
भजन सरकार में पानी आना मुश्किल
भजनलाल सरकार ने यमुना का पानी का राजस्थान में लाने की पहल की है। हालांकि भजनलाल सरकार के कार्यकाल में यमुना का पानी आना मुश्किल है। कई राज्यों से जुड़ा होने के कारण समय पर पूरा होने में इस प्रोजेक्ट में कई तरह की कठिनाई है। राष्ट्रीय परियोजना होने के कारण इसमें सब कुछ सही चलता रहा तो भी यमुना का पानी राजस्थान तक पहुंचाने में 7 साल से अधिक का समय लग सकता है। भजनलाल सरकार के अगले तीन साल के कार्यकाल में पानी आना मुश्किल है।
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