संजय गुप्ता, INDORE. मप्र की चौकियों पर आने-जाने वाले मालवाहक ट्रकों से होने वाली अवैध वसूली का अब एक नया खुलासा हुआ है। चुनाव नजदीक आते ही इन चौकियों पर अवैध वसूली और तेज हो गई है और इसके रेट भी बढ़ गए हैं, पहले जिनके अवैध वसूली के रेट एक हजार थे, वह 1300 से 1500 रुपए हो गए हैं। सौ रुपए वालों से 300 से 500 रुपए लिए जा रहे हैं। साथ ही जिन चौकियों पर पहले वसूली नहीं थी। वहां भी तेज हो गई है और इसमें नया नाम बुरहानपुर के शाहपुरा फांटा चौकी का नाम जुड़ गया है। एक ट्रांसपोर्टर ने इस चौकी का एक वसूली का वीडियो द सूत्र को भेजा है। वहीं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अब पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर मप्र के साथ ही अन्य राज्यों की चौकियों के भ्रष्टाचार की शिकायत की है और इन चौकियों को बंद करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी एक साल पहले ही मप्र को इन चौकियों के भ्रष्टाचार को लेकर पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
पहले जानते हैं क्या है वीडियो में?
बुरहानपुर के शाहपुरा फांटा चौकी का यह वीडियो है, इसमें ट्रक चालक छत्तीसगढ़ से बुरहानपुर होकर मप्र में प्रवेश कर रहा है। वह चौकी पर रसीद (जो अवैध वसूली की होती है) कटाने जाता है।
ट्रक चालक- मैं मप्र इंदौर का हूं, मेरा आधार कार्ड, पैन नंबर सब यहीं का है, मेरी सौ रुपए की रसीद काट दो।
वसूलीवाला चौकी पर- पहले परमिट दिखाओ, यह तो मप्र के बाहर का है, 300 रुपए लगेंगे
ट्रक चालक- क्यों लगेंगे, मैं तो इंदौर का हूं, हमेशा सौ देता हूं,
वसूलीवाला- तो क्या हुआ? गाड़ी तो बाहर की है, हम नहीं छोड़ पाएंगे, 300 ही लगेंगे
ट्रक चालक- यह तो गलत है, गाड़ी मप्र में शिफ्ट करने पर तीन लाख लगेंगे, मैं कहां से दूंगा
वसूलीवाला- तो फिर आने-जाने का रूट बदल दो, हम तो 300 ही लेंगे
वीडियों में आखिर में ट्रक चालक सीएम को बता रहा कितना घटिया चल रहा
वीडियो के आखिर में ट्रक चालक चौकी के वीडियो, दिखाता है और कहता है कि नमस्कर शिवराज सिहं चौहान जी, मेरी गाड़ी छत्तीसगढ़ पासिंग है और मुझसे 500 रुपए मांग रहे हैं। जबकि मेरे पैन, आधार सभी इंदौर के हैं, इंदौर पासिंग के तीन लाख रुपए लगते हैं, कौन देगा। जहां फायदा होगा पासिंग वहीं के ही करेंगे। कितना घटिया चल रहा है यहां पर बताओ।
पीएम नरेंद्र मोदी को यह लिखा है पत्र
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है, इसमें कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में सीमा चौकियों के कारण परिवहन क्षेत्र में बहुत भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और शोषणा हो रहा है। आरटीओ चेक पोस्टों पर विशेष कर मप्र, महाराष्ट्र, छत्सीगढ़, कर्नाटक में भ्रष्टाचार और शोषण है। इन चेकपोस्ट पर बेशर्म और अनियंत्रित आचरण परिवहन व्यापार को गंभीर तौर पर प्रभावित कर रहा है। जीएसटी के बाद चेकपोस्ट पर अवैध वसूली अनावश्यक हैष इन पर गरीब ट्रक ड्राइवरों के साथ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, उत्पीड़न और शोषण बढ़ गया है। राज्य सरकारें इन चेकपोस्ट को लेकर केंद्र सरकार के आदेश की अनदेखी कर रही है और इन्हें जारी रखा गया है। इसके चलते जीएसटी के लाभ भी खत्म हो गए हैं। इसलिए राज्यों से चौकियां खत्म की जाए। इसमें वह भी राज्य भी शामिल है जहां आपकी बीजेपी पार्टी की सरकार है। यह पत्र एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अमृतलाल मदान, चेयरमैन डॉ. जीआर शनमुगुप्पा और बालमलकित सिंह ने लिखा है जो चेकपोस्ट खत्म करने के लिए बनी कमेटी के चेयरमैन हैं।
सीएम और परिवहन आयुक्त चौकियों के भ्रष्टाचार को लेकर लिखा पत्र
इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की ओर से सीएल मुकाती ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आठ अगस्त 2023 को भोपाल में परिवहन मंत्री की उपस्थिति में बैठक में फैसला लिया था कि चेकपोस्ट बंद करने के नोटिफिकेशन तक चेकपोस्ट से गुजरने वाले वैध दस्तावेज वाले ट्रक चालकों को नहीं रोका जाएगा और ना ही कोई परेशान करेगा और ना ही अवैध वसूली होगी। इसके बाद भी यह निरंतर जारी है। वाहन चालकों को बहुत ज्यादा परेशान किया जा रहा है। प्रदेश की चौकियों पर भ्रष्टाचार के कारण देशभर में बदनाम हो गई है और अब कई वाहन चालक यहां आना ही पसंद नहीं करते हैं। परिवहन चेकपोस्ट पर लगाम लगाई जाए और अवैध वसूली करने वाले परिवहन के अधिकारी, कर्मचारी पर उचित कार्रवाई कर सुगम परिवहन की व्यवस्था कराई जाए।
इन एसोसिएशन ने भी लिखा पत्र
इसके साथ ही बुरहानपुर शाहपुर फाटा में हो रही अवैध वसूली को लेकर महिदपुर ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन और ट्रक ऑपरेटर संघ ट्रांसपोर्ट नगर आगर-मालवा ने भी सीएम और परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है। 20 सितंबर को लिखे गए इन पत्रों में कहा गया है कि एक माह से चौकी पर बहुत परेशान किया जा रहा है। अवैध वसूली की जा रही है। पहले ऐसे परेशान नहीं किया जाता था। अवैध वसूली के लिए चालानी कार्रवाई का डर दिखाया जाता है। तीन-चार घंटे तक ट्रकों को खड़ा रखा जाता है। सभी पत्रों में इन चौकियों को बंद करने की मांग की गई है।