0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Powered by :
बचपन में दिवाली से एक महीने पहले ही गांव में हलचल मच जाती। लक्ष्मी पूजन के साथ ही गौमाता की पूजा, गाय, बैल, भैंस, बछड़ों को रंगना, सुबह पूरे मोहल्ले का एक जगह इकट्ठा होकर पटाखों से जानवरों को बिचकाना। बाल लीलाएं थीं, जो बहुत याद आती हैं।
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे