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आईएएस जयति सिंह अपनी सख्त, लेकिन न्यायपूर्ण कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। जहां भी उनकी पोस्टिंग होती है, अवैध कामों में लिप्त लोगों में हलचल मच जाती है - क्योंकि जयति वही करती हैं जो कानून कहता है। वो नियमों से समझौता नहीं करतीं और गलत काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शती नहीं। उनका मानना है कि सिविल सेवा सिर्फ कुर्सी संभालने का नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में बदलाव लाने का जरिया है।
बीई, एमबीए के बाद की यूपीएससी की तैयारी
उत्तर प्रदेश की रहने वाली आईएएस जयति सिंह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनकी स्कूली पढ़ाई लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से हुई। पिता सिंचाई विभाग में इंजीनियर रहे जबकि मां गृहणी हैं। जयति शुरू से ही मेहनती और अनुशासित छात्रा रहीं। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET), लखनऊ से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और इसके बाद IIT खड़गपुर से MBA की डिग्री हासिल की।
पहले ही प्रयास में बनीं आईएएस
इंजीनियरिंग और एमबीए के बाद जयति सिंह ने कुछ समय तक बैंक मैनेजर के रूप में काम किया, लेकिन उनके भीतर देशसेवा की इच्छा प्रबल थी। साल 2014 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और UPSC की तैयारी शुरू की। पहले ही प्रयास में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 94वीं रैंक हासिल की और IAS बनीं।
जयति सिंह के पति आईएएस शिवम वर्मा, जो 2013 बैच के अधिकारी हैं, वर्तमान में इंदौर कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। दोनों पति-पत्नी प्रशासनिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।
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वह युवाओं को संदेश देती हैं किUPSC एक यात्रा है, इसमें सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण है आपका नजरिया और निरंतर प्रयास। समूह अध्ययन (Group Study) से सीखने की प्रक्रिया आसान होती है और सही योजना बनाना जरूरी है।
परिवार का सहयोग और बेहतर प्रबंधन जरूरी
जयती कहती हैं- हमारा काम हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। प्रेशर झेलने के लिए हमें तैयार किया जाता है। मेरा मानना है अगर आप चीज़ों को अच्छे से मैनेज करना जानते हैं काम आसान हो जाता है, यहाँ मेरी एमबीए की पढ़ाई काम आती है। साथ ही परिवार का सहयोग मिलता है तो कुछ भी मुश्किल नहीं लगता।
जिस समय जयती सिंह प्रेगनेंट थीं वो ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। उस समय अपनी कार्यशैली को लेकर वो विशेष चर्चा में रहीं।उस समय में वे कोविड से लेकर कार्पोरेशन के विभिन्न प्रोजेक्ट के साथ ही थीम रोड जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम करती रहीं।
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वर्क लाइफ बैलेंस जरूरी
IAS जयति सिंह मानती हैं कि जीवन में पर्सनल स्पेस बहुत जरूरी है। वह अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करती हैं। उनकी हॉबी पेंटिंग है, खासकर वॉटर कलर आर्ट में उन्हें रुचि है।
माफिया में खौफ
जहां भी IAS जयति सिंह की पोस्टिंग होती है, वहां अवैध कारोबार करने वालों में खलबली मच जाती है। ग्वालियर जिले के मुरार क्षेत्र में एसडीएम रहते हुए उन्होंने मिलावटखोरों और अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। त्योहारों से पहले रात 11 बजे से लेकर 12:30 बजे तक उन्होंने खुद फील्ड में उतरकर जांच की। कई रेस्टोरेंट और शराब दुकानों से अवैध स्टॉक जब्त किया और जुर्माने लगाए। उनकी सक्रियता से पूरे इलाके में खलबली मच गई थी। हाथ में लाठी लेकर वह खुद गाड़ियों को रोकतीं और पुलिस टीमों के साथ तलाशी अभियान चलातीं। उनकी यह कार्यशैली लोगों में सम्मान और अपराधियों में डर दोनों पैदा करती है।
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डबरा विवाद के चलते मंत्री से टकराव
IAS जयति सिंह डबरा में एसडीएम के पद पर तैनात थीं, जहाँ उन्होंने अवैध रेत उत्खनन और बकाया किराया न देने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। उन्होंने कृषि उपज मंडी में किराया न जमा करने वालों की दुकानें सील करवा दीं। लेकिन इस कार्रवाई के बाद तत्कालीन मंत्री इमरती देवी ने उन दुकानों को खुलवा दिया और व्यापारियों के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस पर जयति सिंह ने अवैध रूप से सील तोड़ने वाले व्यापारियों के खिलाफ दोबारा कार्रवाई की बात कही। मामला इतना बढ़ा कि मंत्री ने कहा कि डबरा में या तो एसडीएम रहेगी या फिर मैं। इसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर उन्हें हटाने की मांग की। हालांकि, इस पूरे विवाद के दौरान भी जयति सिंह ने अपने निर्णय से पीछे नहीं हटीं और प्रशासनिक ईमानदारी का उदाहरण पेश किया।
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करियर एक नज़र
नाम: जयती सिंह
जन्म: 20-12-1988
जन्मस्थान: उत्तरप्रदेश
एजुकेशन: बीई, एमबीए
बैच: 2016
कैडर: मध्य प्रदेश
पदस्थापना
जयति सिंह वर्तमान में बड़वानी कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने बड़वानी जिले के पानसेमल और सेंधवा में एसडीएम के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्हें उज्जैन जिला पंचायत की CEO नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कई सुधार किए। वो ग्वालियर स्मार्ट सिटी सीईओ भी रह चुकी हैं।
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देखें आईएएस जयति सिंह का सर्विस रिकॉर्ड; Updated October 16
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आईएएस जयती सिंह की ईमानदारी, मेहनत और जनसेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के दिलों में एक भरोसेमंद अफसर की पहचान दिलाई है। चाहे डबरा हो, मुरार या बड़वानी — जयति सिंह जहां भी जाती हैं, वहां कानून का राज और जनता का भरोसा दोनों मजबूत होता है।
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