/sootr/media/media_files/2025/09/23/ias-preeti-yadav-2025-09-23-15-29-01.jpg)
IAS PREETI YADAV
वाराणसी की बेटी प्रीति यादव आज हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। 2016 बैच की यह IAS अधिकारी बताती हैं कि सफलता किसी एक रात का चमत्कार नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास की लम्बी यात्रा है। अपने कठिन संघर्ष, सही रणनीति और आत्मविश्वास के बल पर UPSC में ऑल इंडिया रैंक 145 हासिल की थी।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
प्रीति यादव का जन्म वाराणसी, उत्तर प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता उत्तर प्रदेश सरकार में इंजीनियर थे और माता एक गृहिणी। तीन भाई-बहनों में प्रीति सबसे बड़ी थीं। उनके पति दिलीप कुमार यादव ( IAS DILIP KUMAR YADAV ) भी आईएएस हैं और वो दो प्यारे बच्चों की माँ हैं। कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।
UPSC का सफर और प्रयास
प्रीति यादव का UPSC सफर आसान नहीं रहा। पहले दो प्रयासों में असफलता हाथ लगी, लेकिन, 2015 की परीक्षा में तीसरे प्रयास में वो सफल रहीं। उनका वैकल्पिक विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था। पहले प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी अलग-अलग रखी, लेकिन बाद में उन्होंने इंटीग्रेटेड तैयारी की रणनीति अपनाई, जिसने उन्हें सफलता दिलाई।
क्या था प्रीति यादव का सक्सेस मंत्र
प्रीति यादव की सफलता के दो मूल मंत्र थे दृढ़ता और गलतियों को सुधारना। सफल होने के लिए पूरी तरह से समर्पित प्रयास और धैर्य की आवश्यकता होती है। उनका कहना है- यदि कोई अभ्यर्थी पाठ्यक्रम को अच्छी तरह समझे और लगातार रिवीजन करे तो सफलता अवश्य मिलती है। मैंने पूरी तैयारी में NCERT की किताबों और समाचार पत्रों की मदद ली। उनका मानना है कि मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करना प्रीलिम्स की कुंजी है। इंटरनेट की मदद ले सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल समझदारी से करें। मैंने तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से पूरी दूरी बनाकर रखी थी। चुनौतियाँ आयेंगी लेकिन कभी उम्मीद न छोड़ें, क्योंकि लगन और कड़ी मेहनत देर से लेकिन, हमेशा रंग लाती है। बाधाओं से घबरायें नहीं, बस आप जो पाना चाहते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करें।
ये भी पढ़ें:
IAS गुंचा सनोबर : देश की लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा हैं आईएएस गुंचा
बैक अप रखना जरूरी
प्रीति खुद एक इंजीनियर हैं और वो मानती हैं कि अच्छी डिग्री होने से आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता है और आपको हमेशा यक़ीन रहता है कि अगर चयन नहीं हुआ तब ही कुछ तो कर ही लेंगे। वो बताती हैं कि यूपीएससी के साथ वो कई परीक्षाएं देती रहीं। एक साथ उन्होंने 6 परीक्षाएं पास की थीं।
शादी को लेकर रहीं चर्चा में
एक और जहां हर लड़की बहुत धूम-धाम से शादी करना चाहती है, प्रीति यादव ने इस प्रथा को तोड़कर IAS दिलीप यादव से बेहद सादगीपूर्ण तरीके से खंडवा कलेक्टोरेट में शादी की थी। उन्होंने कहा कि शादी में दिखावा करने के बजाय अपनी क्षमता के अनुसार खर्च करना चाहिए और दहेज जैसी कुरीतियों से समाज को मुक्त करना चाहिए। आप शादी में बेकार में दिखावे के लिए पैसा खर्च करने की जगह इसका इस्तेमाल शिक्षा और दूसरे कामों में कर सकते हैं।
फैमिली और वर्क को बैलेंस करना ज़रूरी
प्रीति कहती हैं- मेरी जॉब ऐसी है जिसमें समय का कोई ठिकाना नहीं लेकिन फैमिली को समय देना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए दोनों को बैलेंस करना पढ़ता है। महिलाओं के लिए यह और भी ज्यादा जरूरी होता है। पूरी कोशिश करती हूँ की घर और काम दोनों को बराबर समय दे सकूं। पति भी आईएएस हैं तो एक ही पेशा होने से काफी मदद मिलती है। मेरा मानना है जब जिम्मेदारी आती है तो उसको पूरा करने की शक्ति भी अपने आप ही आ जाती है।
ये भी पढ़ें:
सख्त अधिकारी के साथ संवेदनशील इंसान भी हैं IAS किशोर कुमार कन्याल
छुट्टी के दिन भी करती हैं काम
सरल स्वभाव के साथ ही उनका काम करने का अन्दाज भी बिलकुल अलग है। अगर आवश्यकता हो तो प्रीति अवकाश के दिन भी काम करने से पीछे नहीं हटतीं। जबलपुर नगर निगम कमिश्नर के रूप में वो अक्सर वीकेंड पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों, कठौंदा स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, कंपोस्ट प्लांट और मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी का निरीक्षण करती थीं। उनका मानना है- काम से ही मोटिवेशन मिलती है। अगर छुट्टी के दिन थोड़ा सा समय देकर आप कुछ बड़े परिवर्तन ला सकें तो वो इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है।
करियर एक नजर
नाम: आईएएस प्रीति यादव
जन्म: 25-12-1991
जन्मस्थान: वाराणसी, उत्तरप्रदेश
एजुकेशन: बीटेक
बैच: 2016
कैडर: एमपी
पदस्थापना
वर्तमान में प्रीति यादव अगर मालवा की कलेक्टर (Collector) हैं। इसके पहले वो जबलपुर नगर निगम की आयुक्त रही हैं। उसके पहले वो राजगढ़ ज़िला पंचायत की सीईओ और खंडवा की असिस्टेंट कलेक्टर भी रह चुकी हैं।
देखें IAS प्रीति यादव का सर्विस रिकॉर्ड
प्रीति यादव की कहानी यह दर्शाती है कि सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा में सफलता पाने के लिए दृढ़ संकल्प, सही रणनीति और आत्मविश्वास सबसे महत्वपूर्ण हैं। उनकी यात्रा हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस रखती है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक