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भारत की प्रशासनिक सेवा में कई अधिकारी अपनी ईमानदारी और सख्त कार्यशैली से पहचान बनाते हैं, तो कई अपने मानवीय स्वभाव और सादगी से जनता के दिल जीत लेते हैं। आईएएस किशोर कन्याल ऐसे ही अधिकारी हैं, जिनका सफर सादगी भरा रहा है। वो शांत स्वभाव वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन जरुरत होने पर वो स्पष्ट बोलने में कभी पीछे नहीं रहे हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
किशोर कन्याल का जन्म 5 मार्च 1968 को हुआ। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आर्ट्स स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से एमए की डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव यहीं तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने सिंधिया हाउस कॉलेज, दिल्ली से इंटरनेशनल लॉ में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गए और राज्य लोक सेवा आयोग PSC) परीक्षा पास करके प्रशासनिक सेवा में आए। किशोर कान्याल ने राज्य प्रशासनिक सेवा में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनकी मेहनत और कार्यशैली के कारण वर्ष 2013 में उन्हें प्रमोशन देकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल किया गया।
नीचे बैठकर ही सुनी बुजुर्ग महिला की फरियाद
ग्वालियर नगर निगम में आयुक्त रहते हुए उनके कार्यकाल की एक घटना आज भी याद की जाती है। पेंशन की फरियाद लेकर आई एक बुजुर्ग महिला सीढ़ियां नहीं चढ़ पाई और नीचे बैठ गई। जब यह बात किशोर कान्याल को पता चली तो वे खुद सीढ़ी पर बैठ गए और वहीं महिला की समस्या सुनी। उन्होंने तुरंत आदेश देकर उसकी पेंशन चालू करवाई। यह उनकी मानवीय संवेदनशीलता और सादगी का अनोखा उदाहरण माना जाता है।
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बेटी की शादी में गरीबों को दिया न्योता
फरवरी 2023 में अपनी बेटी की शादी के अवसर पर भी उन्होंने मिसाल पेश की। उन्होंने इस समारोह में बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को आमंत्रित किया और होटल में खुद उन्हें खाना परोसा। उनकी बेटी देवांशी कन्याल, जो नोएडा स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं, ने भी इस सेवा कार्य में भाग लिया। यह दृश्य पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया और लोगों ने उन्हें जनता से जुड़ा अधिकारी कहा। इसके अलावा गुना में जन सुनवाई के दौरान उन्होंने एक दुर्घटना में अपने एक पैर को खो चुके व्यक्ति को जो आर्थिक रूप से भी अत्यंत कठिनाई में जीवन व्यतीत कर रहा था, को उन्होंने तुरंत व्हीलचेयर एवं आर्थिक सहायता प्रदान की।
किस बयान को लेकर रहे विवादों में
जहां एक ओर उनके मानवीय स्वभाव की चर्चा होती है, वहीं कई बार वे अपने बयानों के कारण विवादों में भी रहे। जनवरी 2024 में जब वे शाजापुर कलेक्टर थे, तब एक बैठक के दौरान एक ट्रक ड्राइवर से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। बीच में टोकने पर उन्होंने गुस्से में कह दिया – तुम्हारी औकात क्या है? इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया। नतीजा यह हुआ कि अगले ही दिन उन्हें शाजापुर से हटा दिया गया। यह घटना उनके करियर की सबसे बड़ी विवादित घटनाओं में से एक मानी जाती है।
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करियर एक नजर
नाम: किशोर कन्याल
जन्म: 5-03-1968
जन्मस्थान: मध्य प्रदेश
एजुकेशन: एमए, डिप्लोमा इन इंटरनेशनल लॉ
बैच: 2013
केडर: मध्यप्रदेश
पदस्थापना
आईएएस किशोर कुमार कन्याल वर्तमान में गुना कलेक्टर (Guna Collector) हैं। इसके पहले वे श्योपुर जिले की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वो ग्वालियर में अपर कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जेल अधीक्षक और विकास प्राधिकरण जैसे जिम्मेदार पदों पर कार्यरत रहे हैं। बाद में वे ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त भी बने।
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किशोर कन्याल का प्रशासनिक करियर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। कभी सख्त कार्यशैली और विवादित बयानों के कारण वे सुर्खियों में रहते हैं, तो कभी अपनी सादगी और जनता से जुड़े फैसलों के कारण प्रशंसा पाते हैं। आईएएस किशोर कन्याल का सफर यह दिखाता है कि एक अधिकारी के जीवन में सख्ती, सादगी, संवेदनशीलता और विवाद सब एक साथ जुड़े रहते हैं। जनता से सीधे संवाद और सेवा भाव ने उन्हें अलग पहचान दी है।
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