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आईएएस डॉ. सलोनी सिडाना आज लाखों युवा उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यूपीएससी 2014 में पहले ही प्रयास में 74वीं रैंक हासिल की। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उन्हें विदेश जाने का मौका मिल रहा था। लेकिन, उन्होंने देश में रहकर लोगों की जिंदगी संवारने का फैसला किया।
डॉक्टर बनने का सफर
डॉ. सलोनी मूल रूप से पंजाब के जलालाबाद शहर की रहने वाली हैं। स्कूल के दिनों से ही उन्हें विज्ञान में रुचि थी और डॉक्टर बनने का सपना भी वहीं से शुरू हुआ। उन्होंने 11वीं–12वीं में मेडिकल की तैयारी शुरू की और परीक्षा पास कर दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए चयनित हो गईं। एमबीबीएस के बाद वो विदेश जाकर मेडिकल स्टडीज आगे बढ़ाना चाहती थी, लेकिन पिता के आग्रह पर उन्होंने भारत में रहकर भविष्य बनाने का फैसला किया।
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पिता के कहने पर दी UPSC
सलोनी सिडाना बताती हैं कि यूपीएससी देने का विचार उनका नहीं, बल्कि उनके पिता का सुझाव था। वो बताती हैं कि जब उन्हें विदेश जाने का मौका मिला तो उनके पिताजी ने कहा मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। उनके कहने पर ही उन्होंने विदेश ना जाने का फैसला किया और UPSC दी। पहली बार में ही उनका चयन हो गया। मुझे दोनों ही क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी मिली। परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्हें भूगोल, अर्थशास्त्र और राजनीति जैसे विषयों ने आकर्षित किया, जो मेडिकल पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए नए होते हैं। वह कहती हैं, UPSC की खूबसूरती यही है कि यह आपका ज्ञान दायरा बेहद व्यापक कर देता है।
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UPSC उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
डॉ. सलोनी सिडाना तैयारी कर रहे छात्रों को कुछ अहम टिप्स देती हैं:
सही स्टडी स्टाइल चुनें
सभी पर एक जैसी पढ़ाई पद्धति लागू नहीं होती। तय करें कि आपको समूह में पढ़ना बेहतर लगता है या अकेले।
UPSC को मैराथन की तरह लें
एक दिन अत्यधिक पढ़ाई और दूसरे दिन बिल्कुल नहीं, यह तरीका हानिकारक है। रोज़ाना 6–8 घंटे की नियमित पढ़ाई प्रभावी रहती है।
सेल्फ-स्टडी है जरूरी
सलोनी ने यूपीएससी पास करने के लिए किसी तरह की कोचिंग नहीं ली। सेल्फ-स्टडी से ही वो इस मुकाम तक पहुंचीं। वे सुझाव देती हैं कि बड़े बैचों के बजाय छोटे कोचिंग ग्रुप्स अधिक सहायक होते हैं।
पुराने नोट्स पर दोहरायें
अधिक बातचीत, चर्चा और तनाव से बचें। बस रिविजन और मॉक टेस्ट पर फोकस रखें।
अपना बेस्ट दें
यह परीक्षा काफी चैलेंजिंग है। आप बस अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करें। खुद की तुलना दूसरों से नहीं करें।
साक्षात्कार में सहज रहें
इंटरव्यू में बनावटी जवाबों के बजाय ईमानदारी और अनुभवों पर आधारित उत्तर ज्यादा प्रभावशाली होते हैं।
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500 रुपए में की कोर्ट मैरिज
डॉ. सलोनी अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रही हैं। साल 2016 में उन्होंने एमपी कैडर के आईएएस आशीष वशिष्ठ से भिंड कोर्ट में मात्र 500 रुपए खर्च कर शादी की। इस सादगी भरी शादी की देशभर में खूब चर्चा हुई। विवाह के बाद डॉ. सलोनी ने मध्य प्रदेश में अपनी पोस्टिंग ज्वाइन की। परिवार के प्रति उनका लगाव और सादगी भरी जीवनशैली उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। पहले वो आंध्रप्रदेश कैडर में थीं लेकिन शादी के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर में स्थानांतरित कर दिया गया।
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मिड-डे-मील के दौरान एक थाली में खाया खाना
स्कूल निरीक्षण के दौरान मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचते समय उन्होंने रसोई में खाना बनाती महिला तीजा बाई से अपनी थाली में खुद खाना परोसने का आग्रह किया। इस सादगी और व्यवहार ने उन्हें सोशल मीडिया पर खूब सराहना दिलाई।
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बोतलबंद पानी पर रोक
हाल ही में डॉ. सलोनी सिडाना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) मध्य प्रदेश की निदेशक नियुक्त किया गया है। पदभार संभालते ही उन्होंने विभाग में फैले अनावश्यक खर्च और भ्रष्टाचार पर नकेल कसना शुरू कर दिया। उन्होंने पाया कि कई अधिकारी दफ्तर में सरकारी खर्चे पर महंगी बोतलबंद पानी मंगवाते हैं। डॉ. सलोनी ने तुरंत आदेश जारी किया कि सभी अधिकारी प्यूरीफायर का पानी ही पीएँ, सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं होगा। उनके इस निर्णय से विभाग में हड़कंप मच गया।
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लेट लतीफी बर्दाश्त नहीं
अपने कड़े और कामकाजी स्वभाव के लिए पहचानी जाने वाली IAS डॉ. सलोनी सिडाना लापरवाही बर्दाश्त नहीं करती है। अधिकारियों की बैठक में जो अधिकारी समय पर नहीं पहुंचते हैं उन्हें मैडम की बैठक में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इस सख्त कार्रवाई के बाद एनएचएम में हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही उन्होंने सालों से NHM में एक ही जगह टिके हुए अधिकारियों के विभाग बदले जाने को लेकर भी कड़ा रूख अपनाया है।
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करियर एक नजर
नाम: डॉ. सलोनी सिडाना
जन्मस्थान: जलालाबाद, पंजाब
एजुकेशन: एमबीबीएस
बैच: 2014
कैडर: मध्य प्रदेश
पदस्थापना
आईएएस सलोनी सिडाना वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) मध्य प्रदेश की निदेशक हैं। इसके पहले वो डॉ. सलोनी सिडाना अपने समर्पण, सादगी और ईमानदारी से वह आज भी प्रशासन में बदलाव और प्रेरणा की मिसाल बनी हुई हैं। इसके पहले वो मंडला की कलेक्टर रह चुकी हैं। वो एमडी मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉरपोएशन भी रह चुकी हैं।
डॉ. सलोनी सिडाना की यात्रा साबित करती है कि सच्ची सफलता वही है, जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमता का उपयोग समाज को बेहतर बनाने में करे। समर्पण, सादगी और ईमानदारी से वह आज भी प्रशासन में बदलाव और प्रेरणा की मिसाल बनी हुई हैं।
FAQ
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