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किसी भी बड़ी सफलता के पीछे बरसों की मेहनत, संघर्ष और दृढ़ संकल्प छिपा होता है। प्रयागराज के सृजन वर्मा की कहानी भी ऐसी ही प्रेरक यात्रा है। सीमित संसाधनों के बीच पले-बढ़े सृजन ने लगन और अनुशासन से आईएएस बनने का सपना पूरा किया। अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने 39वीं रैंक हासिल की।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
आईएएस सृजन वर्मा बताते हैं कि उनकी पढ़ाई की नींव प्रयागराज के सेंट जोसेफ कॉलेज से पड़ी। ICSE बोर्ड में हाईस्कूल तक उनके 60% नंबर के आसपास रहे। लेकिन जैसे-जैसे कक्षाएं आगे बढ़ीं, मेहनत बढ़ती गई।
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी में 80% अंक लाकर उन्होंने खुद को साबित किया। इसके बाद IIT धनबाद में चयन हुआ। यहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी टेक किया। आईआईटी में कदम रखते ही सृजन की दुनिया बदल गई।
नए माहौल, नई सीख और नए अवसरों के बीच उन्होंने अपने अंदर छिपी क्षमता को पहचाना। यहीं तय कर लिया कि उन्हें सिविल सेवा में जाना है।
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पहले IES में हुआ चयन
IAS Srijan Verma का चयन वर्ष 2018 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) में हुआ था। यह किसी भी इंजीनियर का सपना माना जाता है। लेकिन, सृजन का लक्ष्य इससे बड़ा था। ट्रेनिंग के बीच से समय निकालकर उन्होंने एक साल UPSC के लिए समर्पित किया।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को ही अपना वैकल्पिक विषय चुना और पूरी ईमानदारी से तैयारी की। वे बताते हैं कि देश और समाज की सेवा का मौका मिलना सबसे बड़ा सम्मान है। सृजन बताते हैं कि उन्होंने पहले ही सोच रखा था कि वो दो प्रयास से ज्यादा नहीं दूंगा। लेकिन, 2020 में पहले ही प्रयास में उनका चयन हो गया। AIR-39 के साथ वो आईएएस बन गये।
सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक अनुशासित दिनचर्या
सृजन की तैयारी उनकी कड़ी दिनचर्या का परिणाम थी। वे हर रोज सुबह 7 बजे लाइब्रेरी पहुंच जाते और रात 10 बजे के बाद ही लौटते। उनका मानना था कि कई मित्रों के साथ मिलकर पढ़ने से न सिर्फ वातावरण बना रहता, बल्कि निरंतरता भी बनी रहती। कोविड के दौरान जब लाइब्रेरी बंद हुई, तो उन्होंने घर पर रहकर तैयारी की। यह समय कठिन था मगर उन्होंने धैर्य नहीं खोया।
क्रिकेट और चेस के हैं शौकीन
पढ़ाई के अलावा सृजन को क्रिकेट और चेस खेलना बेहद पसंद है। वे स्कूल की क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं और सचिन तेंदुलकर को अपना हीरो मानते हैं। उनका कहना है नौकरी मिलने के बाद चेस को प्रोफेशनल स्तर पर खेलने की सोच रखी है।
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इंटरव्यू में प्रक्टिकल नॉलेज का होता है टेस्ट
इंटरव्यू के दौरान अचानक पास की एक बिल्डिंग में एसी में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। एक व्यक्ति बेहोश भी हो गया। इंटरव्यू बोर्ड के एक सदस्य ने यह दृश्य देखकर सृजन से पूछा कि अगर आपके सामने यह स्थिति हो तो आप इसे कैसे संभालेंगे? मेरा अपना विषय होने के कारण मैंने अच्छे से उत्तर दे दिया।
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पढ़ने का मन नहीं होता था तो सुनते थे गाने
सृजन को गाने सुनने का शौक है। वो बताते हैं कि कई बार लो फील होता था, पढ़ने का बिलकुल मन नहीं करता था। ऐसे में वो सुनते थे। इससे मूड ठीक हो जाता था और फिर दोबारा पढ़ना शुरू कर देते थे।
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यूपीएससी के अभ्यर्थियों के लिए टिप्स
- ऐसी जगह पर रहें जहां डिस्टर्बेंस कम हो।
- टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करें।
- सोशल मीडिया से उपयोगी कंटेंट देखें और बाकी से दूर रहें।
- करेंट अफेयर्स के लिए अखबार और पत्रिकाऐं नियमित पढ़ें।
- इंटरव्यू के लिए एक-दो लोगों के साथ चर्चा करते रहें। यह आपकी नॉलेज का नहीं पर्सनालिटी का टेस्ट है।
- अपनी प्रोग्रेस को समय-समय पर ट्रैक करते रहें।
- प्लान B भी साथ रखें। कई बार क़िस्मत साथ नहीं देने से सब कुछ करने के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगती हैं।
करियर एक नजर
नाम: सृजन वर्मा
जन्मस्थान: प्रयागराज
एजुकेशन: बी टैक
बैच: 2020
कैडर: मध्य प्रदेश
पदस्थापना
IAS सृजन वर्मा वर्तमान में बुरहानपुर में सीईओ (CEO) और एडिशनल कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। वो शाजपुर और सिंगरोली में एसडीओ भी रह चुके हैं।
अनुशासन, निरंतर मेहनत और सही दिशा, इन तीन स्तंभों पर खड़े होकर सृजन वर्मा ने पहले ही प्रयास में IAS बनने का सपना पूरा किया। उनकी यात्रा हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
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