निर्णयों में दृढ़ता, लेकिन व्यवहार में संवेदना है आईएएस तन्वी सुंदरियाल की पहचान

आईएएस तन्वी सुंदरियाल ने सख्त फैसलों, संवेदनशील नेतृत्व और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाले कामों से प्रशासन में एक अलग पहचान बनाई है।

author-image
Abhilasha Saksena Chakraborty
New Update
IAS Tanvi Sundriyal
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

आईएएस तन्वी सुंदरियाल सख्त निर्णय लेने के साथ-साथ संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं। दो बार यूपीएससी की परीक्षा में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। तीसरे प्रयास में 6वीं रैंक लाकर आईएएस बनीं। वो मध्य प्रदेश कैडर की जांबाज अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं।

डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बनना चाहती थीं

झारखंड की राजधानी रांची में जन्मी तन्वी के पिता डॉक्टर और मां बैंकर थीं।  घर का माहौल ऐसा था, जहां शिक्षा, अनुशासन और बड़े सपनों को पूरा करने की आजादी थी। डीपीएस रांची और फिर डीएवी शामली से तन्वी ने स्कूली शिक्षा प्राप्त की। वो बताती हैं कि उनके आस-पास अधिकतर लोग मेडिकल या इंजीनियरिंग में ही जाना चाहते थे। लेकिन, वो इन दोनों से हटकर कुछ करना चाहती थीं। इसलिए बीआइटी मेसरा से बीटेक करने के बाद लॉ की पढ़ाई की।

ये भी पढ़ें:

कितनों को मारोगे, हर घर से संतोष निकलेगा...फिर चर्चा में आए आईएएस संतोष वर्मा, नया वीडियो वायरल

बचपन से ही निर्णय लेने की क्षमता

बचपन से ही उन्हें अपने फैसले स्वयं लेने की आदत थी। माता-पिता मार्गदर्शन देते थे, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा उनका होता था। यही स्वतंत्र सोच बाद में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में भी उनके लिए सबसे बड़ा सहारा बनी।

तन्वी बताती हैं कि वे बहुत छोटी उम्र से ही यह तय कर लेती थीं कि क्या पढ़ना है, कौन-सी क्लास लेनी है और आगे क्या करना है। पिता चाहते थे कि वह वैज्ञानिक क्षेत्र में जाएं, रिसर्च करें और विदेश में पढ़ाई करें।

वहीं मां चाहती थीं कि वे कॉर्पोरेट सेक्टर में अच्छा करियर बनाएं। लेकिन तन्वी ने अपने मन की सुनी और ऐसा रास्ता चुना जो उन्हें समाज की सेवा से जोड़ता था।

रिलेक्स्ड होकर पढ़ने से मिली सफलता

हालांकि उनका सफर बिल्कुल आसान नहीं था। दो बार यूपीएसई में असफल हुईं, प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। इस दौरान उन्हें डिप्रेशन का भी सामना करना पड़ा। वे स्वीकार करती हैं कि उस समय उन्हें खुद भी समझ नहीं आता था कि क्या गलत हो रहा है। तभी उनके पिता ने एक ऐसी बात कही जिसने तन्वी की सोच बदल दी।

उन्होंने कहा कि हर साल परीक्षा होगी, कुंभ नहीं है… फिर दे देना। यह वाक्य उनके लिए प्रेरणा बन गया। तीसरी बार उन्होंने आरामदायक और रिलेक्स्ड मन से तैयारी की। बीच-बीच में घूमने गईं, मूवी देखीं और पढ़ाई को दबाव की बजाय एक प्रोसेस की तरह लिया।

ये भी पढ़ें:

IIT में असफल हुए, UPSC में चमके: जानें देवास कलेक्टर आईएएस ऋतुराज सिंह की सफलता का सफर

डिसीजन मेकिंग : एक अधिकारी की सबसे बड़ी ताकत 

तन्वी का मानना है कि प्रशासन में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मजबूत निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। चाहे वह व्यक्तिगत जीवन का निर्णय हो या राज्य के स्तर पर लिया गया कोई आदेश। उनके अनुसार एक अधिकारी सिर्फ आदेश देने वाला नहीं होता, बल्कि टीम को दिशा देने वाला नेतृत्वकर्ता होता है।

महिला अधिकारी होने की चुनौतियां

तन्वी कहती हैं कि महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक स्क्रूटनी का सामना करना पड़ता है। लेकिन तन्वी मानती हैं कि मेहनत, संतुलन और दृढ़-इच्छाशक्ति से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। बेटी होने के बाद भी तन्वी ने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखा।

IAS Tanvi

अच्छे काम के लिए अच्छा माहौल जरूरी

वे कहती हैं कि वर्क एनवायरनमेंट आपके प्रदर्शन को प्रभावित करता है। अच्छा माहौल हो तो काम भी बेहतर होता है। अगर माहौल खराब हो तो मनोबल टूट सकता है। इसलिए वो अपने ऑफिस में भी हमेशा रेनोवेशन और सुंदरता पर ध्यान देती हैं।

आंगनवाड़ी में भेजा बच्ची को पढ़ने

आज अधिकांश लोग अपने बच्चों को महंगे स्कूल में भेजना चाहते हैं। वहीं तन्वी ने अपनी बेटी को आंगनवाड़ी में पढ़ाया। उनकी इस पहल का बहुत सकारात्मक असर हुआ। एक तरफ आंगनवाड़ियों के माहोल में सकारात्मक बदलाव दिखा। दूसरी तरफ लोगों की सोच में भी बदलाव आया। वो कहती हैं कि मैं नहीं चाहती कि मेरी बेटी बचपन से मैडम बनकर रहे। अपनी बच्ची को आम बच्चों की तरह बड़ा करना चाहती हूँ।

IAS Tanvi admitted her daughter to Aanganwadi

ये भी पढ़ें:

IAS अदिति गर्ग : विदेशी चमक-धमक छोड़कर चुनी देश सेवा की राह

शराब दुकान को लेकर लिया बड़ा निर्णय

खंडवा जिले की कलेक्टर के रूप में तन्वी सुंदरियाल ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। कोरोना के दौरान उन्होंने यह आदेश जारी किया कि जब तक जिला रेड जोन में है, तब तक शराब दुकानें नहीं खुलेंगी। उन्होंने तर्क दिया कि गांव में दुकानें खुलने पर शहर के लोग वहां पहुँचेंगे, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। इस आदेश को मंत्रालय और अधिकारियों तक भेजकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जनता की सुरक्षा किसी भी राजस्व से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

हमेशा रखें प्लान-बी

तन्वी सुंदरियाल कहती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा चुनौतीपूर्ण है। कई बार अपनी तरफ से पूरी मेहनत करने के बाद भी लोग सफल नहीं हो पाते हैं। इसलिए परीक्षा की तैयारी के साथ एक प्लान बी रखना भी जरूरी है। वो कहती हैं कि उन्होंने परीक्षा का रिजल्ट आने के पहले अपना सीवी तैयार कर रखा था। यह भी तय कर लिया था कि अगर चयन नहीं हुआ तो क्या करेंगी।

पति भी हैं आईएएस अधिकारी

तन्वी सुंदरियाल के पति डॉ पंकज जैन भी मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। आईएएस पंकज जैन 2012 बैच के आईएएस हैं। तन्वी कहती हैं कि पति का सहयोग इस सफर में उनके लिए काम और परिवार के बीच संतुलन की ताकत बना।

ये भी पढ़ें:

भोपाल की आईएएस सृष्टि देशमुख ने 23 साल में पहले ही प्रयास में हासिल की थी ५वीं रैंक

पेंटिंग का है शौक

 IAS Tanvi Sundriyal को पेंटिंग शौक है। वो खुद को काम के प्रेशर से दूर रखने के अक्सर पेंटिंग में समय बिताती हैं। इसके अलावा वो किताबें पढ़नी की भी शौकीन हैं।  

प्रत्याशियों के लिए टिप्स  

  • स्वयं पर विश्वास रखें
  • अपनी रणनीति पहले तय करें
  • वैकल्पिक विषय का चयन सोच-समझकर करें
  • टाइम-टेबल के हिसाब से हर दिन पढ़ाई करे
  • रिवीजन पर ध्यान दें
  • तनाव से दूर रहे, मजे में पढ़ाई करें
  • साथ में कोई भी शौक का काम करते रहें
  • परिवार के साथ समय बितायें

करियर एक नजर

नाम: आईएएस तन्वी सुंदरियाल

जन्म: 08/11/1984

जन्मस्थान: रांची, झारखंड

एजुकेशन: बी टैक

बैच: 2012

कैडर: मध्य प्रदेश

पदस्थापना

 IAS Tanvi Sundriyal वर्तमान में नागरिक उड्डयन मंत्रालय में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वह पहले मध्य प्रदेश में सीईओ एमपीआरआरडीसी और बजट निदेशक के पद पर कार्यरत थीं। इसके पहले वो रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी सीईओ, खंडवा कलेक्टर, डीएम रतलाम आदि के पदों पर काम कर चुकी हैं।

Service record of IAS Tanvi Sundriyal

Service record of IAS Tanvi Sundriyal


 

FAQ

खंडवा कलेक्टर रहते हुए आईएएस तन्वी ने कौन-सा बड़ा निर्णय लिया था?
कोविड के दौरान तन्वी सुंदरियाल ने आदेश जारी किया कि जिला रेड जोन में रहने तक किसी भी शराब दुकान को नहीं खोला जाएगा। उनकी दलील थी कि जनता की सुरक्षा, किसी भी राजस्व से अधिक महत्वपूर्ण है।
महिला अधिकारी होने के नाते आईएएस तन्वी को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
तन्वी सुंदरियाल कहती हैं कि महिला अधिकारियों को अक्सर अधिक स्क्रूटनी, अपेक्षाएँ और जजमेंट का सामना करना पड़ता है। लेकिन उनका मानना है कि मेहनत, संतुलन और इच्छाशक्ति से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
क्या आईएएस तन्वी सुंदरियाल के पति भी प्रशासनिक सेवा में हैं?
हाँ, उनके पति डॉ. पंकज जैन, मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। तन्वी बताती हैं कि पति का सहयोग उन्हें काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

IAS यूपीएससी आईएएस तन्वी सुंदरियाल आईएएस पंकज जैन
Advertisment