स्मार्ट स्ट्रेटिजी से यूपीएससी में हिन्दी मीडियम के टॉपर बने आईएएस रवि कुमार सिहाग

किसान परिवार के रवि कुमार सिहाग ने UPSC क्रैक कर AIR-18 हासिल की। हिंदी माध्यम से टॉपर बनकर उन्होंने लाखों युवाओं को प्रेरित किया कि हालात चाहे जैसे हों, मंजिल मेहनत से ही मिलती है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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IAS Ravi Sihag
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सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना कई युवा देखते हैं। लेकिन, इस कठिन यात्रा में सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनमें दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास होता है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के छोटे से गांव के रवि कुमार सिहाग इसी जज्बे की मिसाल हैं।

किसान परिवार से आने वाले इस युवा ने न सिर्फ़ तीन बार UPSC क्रैक किया, बल्कि अंततः AIR-18 हासिल कर IAS बनकर दिखाया। वो अपने बैच के हिन्दी माध्यम के टॉपर भी थे।

साधारण परिवार से शुरू हुआ असाधारण सफर

IAS Ravi Kumar Sihag का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर के विजयनगर में 13-7-1995 को हुआ था। उनके पिता रामकुमार सिहाग किसान हैं और माता विमला देवी गृहिणी। घर में तीन बड़ी बहनों के बीच रवि इकलौते भाई हैं।

सीमित संसाधनों में ही रवि ने मंजिल तक पहुंचने का रास्ता निकाला। 7वीं तक शिक्षा अपने ही गांव के सरस्वती विद्या मंदिर में की। 12वीं विजयनगर के न्यू सीनियर सेकेंडरी स्कूल से करने के बाद बी.ए. शारदा कॉलेज, अनूपगढ़ से किया। शुरू से ही पढ़ाई में रुचि थी, इसलिए हर कदम पर सफलता मिलती गई।

कॉलेज के दौरान उन्होंने यह तय कर लिया कि उनका लक्ष्य UPSC ही होगा। रवि कहते हैं परिवार ने लगातार प्रोत्साहित किया। खासतौर पर मेरी बहन पूनम ने मुझे इस दौरान काफी प्रेरित किया। शायद इसी वजह से मैं लंबे समय तक इस परीक्षा की तैयारी करता रहा और आखिर में परिणाम सामने है।  

सीमित संसाधनों में की UPSC की तैयारी

रवि ने UPSC तैयारी की शुरुआत 2016 में शुरू की थी। किताबें जुटाईं, सीमित संसाधनों में पढ़ाई की और हर प्रयास से सीखकर आगे बढ़ते गए। उनका मानना है कि यदि अभ्यास, धैर्य और निरंतरता हो, तो कठिन से कठिन परीक्षा भी पास की जा सकती है।

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चार प्रयास के बाद हुई जीत

रवि कुमार सिहाग ने अपना पहला प्रयास 2018 में दिया। पहली बार में ही उनका चयन हो गया। लेकिन रैंक 337 आने के कारण इण्डियन डिफेंस अकाउंट सर्विस मिली। 2019 में दूसरा प्रयास दिया। इस बार 317 रैंक आयी और इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) में चयन हुआ। लेकिन, रवि को आईएएस ही बनना था, इसलिए फिर 2020 में तीसरी बार परीक्षा दी। इस बार क़िस्मत ने साथ नहीं दिया और मुख्य परीक्षा में ही वो फेल हो गये। लेकिन हार नहीं मानी। आख़िर 2021 का  चौथा प्रयास निर्णायक साबित हुआ। इस बार AIR-18 के साथ उनका चयन आईएएस में हो गया। 

IAS Ravi Kumar Sihag

हिन्दी मीडियम के टॉपर

आमतौर पर माना जाता है कि यूपीएससी में अंग्रेजी माध्यम के प्रत्याशी ही ज्यादा सफल हो पाते हैं। लेकिन, रवि ने यह परीक्षा हिंदी माध्यम से ही देकर पास की। वो अपने बैच के हिन्दी मीडियम के टॉपर भी रहे। उनका मानना है कि अगर आपकी बेसिक इंग्लिश ठीक है तो आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं आती है। आप अंग्रेजी के कंटेंट का भी आसानी से अनुवाद कर सकते हैं। वो कहते हैं कि जब मैं पहले एसएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा था, तब ही मैंने अपनी अंग्रेजी सुधार ली थी। इसका फायदा मुझे यूपीएससी के समय मिला। उन्होंने अपना ऑप्शनल विषय भी हिन्दी साहित्य ही चुना था।

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लगातार हार्डवर्क जरूरी है

IAS Ravi Kumar Sihag कहते हैं इस परीक्षा में सबसे जरूरी है खुद को लंबे समय तक मोटिवेटेड रखना। जरूरी नहीं है कि सफलता पहले या दूसरे प्रयास में मिल जाये। सफलता के लिए निरंतर हार्डवर्क करना जरूरी है।

खुद की स्ट्रेटेजी बनाएं

कई तरह की रणनीतिययां खोजने के बजाय स्वयं का आकलन करें और उसी के अनुसार तैयारी करें। हर कोई अलग है इसलिए किसी की भी स्ट्रेटेजी एक जैसी नहीं हो सकती। बहुत अधिक स्टडी मटेरियल के पीछे मत भागिए। कम पढ़ें, लेकिन अच्छे से पढ़ें।

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EWS प्रमाणपत्र पर विवाद

हाल ही में आईएएस रवि कुमार सिहाग का नाम चर्चा में आया, जब उनके आरक्षण श्रेणी से जुड़े दस्तावेजों पर सवाल उठे। DoPT (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) ने संबंधित राज्यों से जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या उनका EWS प्रमाणपत्र सही था? रवि ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि उनके सभी दस्तावेज वैधानिक हैं।

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करियर एक नजर 

नाम: आईएएस रवि कुमार सिहाग

जन्म: 13-7-1995

जन्मस्थान: श्रीगंगानगर, राजस्थान 

एजुकेशन: बीए 

बैच: 2022

कैडर : मध्य प्रदेश 

पदस्थापना

रवि कुमार वर्तमान में लखनादौन सिवनी में एसडीओ हैं। 

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IAS रवि कुमार सिहाग ने आईएएस बनकर यह साबित कर दिखाया है कि हालात चाहे जैसे हों, सपनों की उड़ान नहीं रुकती। असफलताएँ रास्ता बदल सकती हैं, मंजिल नहीं।

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