18वीं लोकसभा बन गई अब तक की सबसे बुजुर्ग संसद, युवा नेता 10 प्रतिशत से भी कम

एक ओर तो भारत सबसे ज्यादा युवाओं का देश बन गया है तो दूसरी ओर हमारी संसद ने एक अलग ही रिकॉर्ड बना दिया है - अब तक की सबसे बुजुर्ग संसद होने का! Thesootr Prime में आज हम इसी मुद्दे पर अपनी समझ बढ़ाएंगे।

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पिछले कुछ दशकों में भारत की राजनीति में नेताओं की औसत आयु में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिससे एक नया रुझान उभरा है। लोकसभा के सदस्यों की उम्र प्रोफाइल में बड़ा बदलाव आया है, और 18वीं लोकसभा को अब सबसे पुरानी संसद कहा जाने लगा है।

उम्र बढ़ने का ट्रेंड

जब निवर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया, तभी से राजनीति में उम्र संबंधी चर्चा तेज हो गई है। इधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी सुझाव दिया कि नेताओं को 75 साल की उम्र के बाद सिद्धांततः राजनीति से दूरी बनानी चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई विशेषज्ञ नेता इस उम्र सीमा को पार करते हुए सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

हालांकि दुनियाभर में उम्र की पकड़-धकड़ का खेल आम है। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लुला दा सिल्वा 79 साल के हैं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु 75 वर्ष के हैं। और हमारे प्रधानमंत्री मोदी की उम्र 75 साल है। यह दिखाता है कि उम्र के साथ भी नेतृत्व की भूमिका निभाई जा सकती है। बुजुर्ग नेताओं की ज्यादा उम्र का ट्रेंड दुनियाभर में देखा जा रहा है।

1952 से अब तक हर लोकसभा में सदस्यों की औसत उम्र

  1. पहली लोकसभा (1952): औसत उम्र 46.5 वर्ष
  2. दूसरी लोकसभा (1957): औसत उम्र 46.7 वर्ष
  3. तीसरी लोकसभा (1962): औसत उम्र 49.4 वर्ष
  4. चौथी लोकसभा (1967): औसत उम्र 48.7 वर्ष
  5. पाँचवीं लोकसभा (1971): औसत उम्र 49.2 वर्ष
  6. छठीं लोकसभा (1977): औसत उम्र 52.1 वर्ष
  7. सातवीं लोकसभा (1980): औसत उम्र 49.9 वर्ष
  8. आठवीं लोकसभा (1984): औसत उम्र 51.8 वर्ष
  9. नौवीं लोकसभा (1989): औसत उम्र 52.6 वर्ष
  10. दसवीं लोकसभा (1991): औसत उम्र 54.1 वर्ष
  11. ग्यारहवीं लोकसभा (1996): औसत उम्र 52.0 वर्ष
  12. बारहवीं लोकसभा (1998): औसत उम्र 46.4 वर्ष (सबसे युवा)
  13. तेरहवीं लोकसभा (1999): औसत उम्र 55.5 वर्ष
  14. चौदहवीं लोकसभा (2004): औसत उम्र 54 वर्ष
  15. पंद्रहवीं लोकसभा (2009): औसत उम्र 53 वर्ष
  16. सोलहवीं लोकसभा (2014): औसत उम्र 52 वर्ष
  17. सत्रहवीं लोकसभा (2019): औसत उम्र 59 वर्ष
  18. अठारहवीं लोकसभा (2024): औसत उम्र 56 वर्ष (अब तक की सबसे वृद्ध)

बड़ा सवाल - तो सत्रहवीं लोकसभा सबसे बुजुर्ग क्यों नहीं?

सत्रहवीं लोकसभा (2019) औसत उम्र के हिसाब से सबसे बुजुर्ग नहीं है, क्योंकि अठारहवीं लोकसभा (2024) में चुने गए सांसदों की औसत उम्र 56 वर्ष रही है, जबकि सत्रहवीं लोकसभा की औसत उम्र 59 वर्ष थी, परंतु ताजा डेटा रिकैलिब्रेशन व सांसदों के निधन या अवकाश और नई नियुक्तियों के चलते औसत उम्र में बदलाव आया है। इसके अतिरिक्त, कई वरिष्ठ सांसद अठारहवीं लोकसभा में चुने गए हैं और युवा सांसदों की संख्या कम रही, इस वजह से औसत लगातार ऊपर गया।

इस तर्क को सामान्य तरीके से ऐसे समझा जा सकता है: औसत उम्र तब ज्यादा हो जाती है जब लोकसभा में अधिक वरिष्ठ (बुजुर्ग) सांसदों की संख्या बढ़ जाती है और भारत में युवा सांसद की हिस्सेदारी घट जाती है। 2024 की 18वीं लोकसभा में 51 साल या उससे ज्यादा उम्र के सांसद पहले की तुलना में अधिक चुने गए, जबकि 35 साल से कम उम्र के सांसदों की संख्या ऐतिहासिक रूप से सबसे कम हो गई है। नतीजतन, सदन की औसत उम्र बढ़ गई है- यही वजह है कि 18वीं लोकसभा को अब तक की सबसे वृद्ध लोकसभा माना गया है।

दुनिया में 70 साल से ज्यादा उम्र के नेता

  • पॉल बिया (कैमरून) - 92 वर्ष
  • जो बिडेन (संयुक्त राज्य अमेरिका) - 81 वर्ष
  • एमर्सन मनांगाग्वा (जिम्बाब्वे) - 81 वर्ष
  • अलासेन औटारा (आइवरी कोस्ट) - 81 वर्ष
  • माइकल डी हिगिंस (आयरलैंड) - 82 वर्ष
  • सलामान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (सऊदी अरब) - लगभग 87 वर्ष
  • व्लादिमीर पुतिन (रूस) - 71 वर्ष
  • शी जिनपिंग (चीन) - 70 वर्ष
  • शहबाज शरीफ (पाकिस्तान) - 72 वर्ष
  • नरेंद्र मोदी (भारत) - 75 वर्ष
  • शेख हसीना (बांग्लादेश) - 75 वर्ष
  • मार्सेलो रेबेलो डी सूसा (पुर्तगाल) - 73 वर्ष
  • जॉर्ज वेला (माल्टा) - 76 वर्ष
  • अभेदेलमजिद तेब्बौने (अल्जीरिया) - 78 वर्ष
  • नाना अकुफो-एडो (घाना) - 79 वर्ष

उम्र का संतुलन है जरूरी

भारत की संसद में बुजुर्ग नेताओं की बढ़ती संख्या, यह एक संकेत है कि राजनीति में अनुभव और स्थिरता की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता। हालांकि, युवा नेताओं को और अधिक प्रतिनिधित्व देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे न केवल नए विचार और दृष्टिकोण ला सकते हैं, बल्कि उन्हें वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए एक सशक्त मंच भी मिल सकता है। लोकतंत्र में विविधता और संतुलन की आवश्यकता है, और यह जरूरी है कि युवा और अनुभवी नेताओं का सामंजस्यपूर्ण समागम हो।

प्रोफेसर अभय दुबे, राजनीतिक मामलों के जानकार

लोकसभा की बढ़ती औसत उम्र

Thesootr Prime की Data Mining से पता चलता है कि लोकसभा में सांसदों की औसत उम्र 1952 में 46.5 साल थी, जो धीरे-धीरे बढ़कर 2014 तक 56 साल हो गई। आंकड़ों से पता चलता है कि 25-40 वर्ष के युवा सदस्यों की संख्या पहले 25-30% थी, जो अब घटकर 10% से भी कम हो गई है। जबकि 56-70 वर्ष के सदस्यों की संख्या बढ़कर 40% के करीब हो गई है।

यह ट्रेंड बताता है कि भारत की संसद बुजुर्ग (सबसे बुजुर्ग संसद) होती जा रही है, जिसमें युवाओं की हिस्सेदारी कम होती जा रही है। ये आंकड़े नीति निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण संकेत हैं। क्योंकि युवाओं की आवाज का प्रतिनिधित्व संसद में अभी भी सीमित है।

पुराने नेता यानी अनुभव और स्थिरता

राजनीति में पुरानी उम्र का मतलब अनुभव और स्थिरता होता है। चाहे वह भारत हो या विश्व का कोई अन्य देश, कई मजबूत नेता 70 से अधिक उम्र के होते हुए भी सत्ता में बने रहते हैं, जैसे तुर्की के रेसेप तैय्यप एर्दोगान और रूस के व्लादिमीर पुतिन। भारत में भी कई ऐसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने 70 पार कर भी देश की सेवा की है, जैसे जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और अब नरेंद्र मोदी।

लोकसभा संख्या50 साल से कम उम्र के सदस्यों का प्रतिशत50 साल से अधिक उम्र के सदस्यों का प्रतिशत
1 (1952)लगभग 60%लगभग 40%
2 (1957)लगभग 58%लगभग 42%
3 (1962)लगभग 55%लगभग 45%
4 (1967)लगभग 56%लगभग 44%
5 (1971)लगभग 54%लगभग 46%
6 (1977)लगभग 48%लगभग 52%
7 (1980)लगभग 53%लगभग 47%
8 (1984)लगभग 47%लगभग 53%
9 (1989)लगभग 47%लगभग 53%
10 (1991)लगभग 46%लगभग 54%
11 (1996)लगभग 48%लगभग 52%
12 (1998)लगभग 65% (सबसे युवा)लगभग 35%
13 (1999)लगभग 40%लगभग 60%
14 (2004)लगभग 45%लगभग 55%
15 (2009)लगभग 47%लगभग 53%
16 (2014)लगभग 44%लगभग 56%
17 (2019)लगभग 38%लगभग 62%
18 (2024)लगभग 35%लगभग 65%

18वीं लोकसभा में 70 साल से ज्यादा उम्र वाले सांसद

18वीं लोकसभा (2024 चुनावों से चुनी गई) में कुल 543 सांसद हैं। PRS Legislative Research के विश्लेषण से पता चलता है कि 53 सांसद 71 वर्ष से अधिक आयु के हैं। नीचे विश्वसनीय स्रोतों से संकलित सूची दी गई है, जिसमें नाम, संसदीय क्षेत्र और आयु (2024 चुनाव के समय की) शामिल है। यह सूची कुछ प्रमुख सांसदों की है। कुल संख्या के आधार पर, 70+ उम्र के सांसदों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है, लेकिन 71+ के लिए 53 की संख्या पुष्ट है।

नोट:यह लिस्ट उपलब्ध स्रोतों से संकलित है और पूर्ण नहीं है। अन्य सांसदों में शत्रुघ्न सिन्हा (आसनसोल, पश्चिम बंगाल, लगभग 78 वर्ष, 2025 तक 79) जैसे नाम शामिल हो सकते हैं, लेकिन पुष्टि के लिए आधिकारिक स्रोत देखें। आयु चुनाव के समय (जून 2024) की है; वर्तमान (सितंबर 2025) में 1 वर्ष अधिक हो सकती है।

संक्षेप में

लोकसभा की वर्तमान कैबिनेट में उम्र का रुझान बताता है कि भारत में नेताओं की उम्र बढ़ रही है। 18वीं लोकसभा को इसकी चरम सीमा माना जा रहा है, जो अब तक की सबसे पुरानी लोकसभा है।

यह बदलाव दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में युवा नेताओं की हिस्सेदारी घटती जा रही है, और अनुभवी नेताओं का दबदबा बना हुआ है। हालांकि, इस बात की भी जरूरत महसूस की जा रही है कि युवा नेतृत्व को ज्यादा अवसर दिया जाए ताकि वे संसद में प्रभावी भूमिका निभा सकें।

यह खबर आपके जीवन पर क्या असर डालेगी?

यह खबर संदेश देती है कि राजनीति में अनुभव महत्वपूर्ण है, लेकिन युवाओं की आवाज और नेतृत्व की आवश्यकता भी बढ़ रही है। यदि नेताओं की उम्र बढ़ने से निर्णय लेने में स्थिरता आती है, तो युवा दृष्टिकोण को भी समान अवसर मिलना चाहिए। इससे मुझे यह प्रेरणा मिलती है कि समाज में बदलाव लाने के लिए अधिक सक्रिय रूप से भाग लें और नेतृत्व में युवा विचारों का योगदान सुनिश्चित करें।

सोर्स:

लोकसभा सचिवालय, PRS Legislative Research, ADR, Statista, Ministry of Parliamentary Affairs

FAQ

क्या 18वीं लोकसभा सबसे पुरानी लोकसभा है?
हां, 18वीं लोकसभा में सांसदों की औसत उम्र 56 वर्ष है, जो अब तक की सबसे बुजुर्ग लोकसभा मानी जाती है।
भारत में क्यों बुजुर्ग नेताओं की संख्या बढ़ रही है?
भारतीय राजनीति में बुजुर्ग नेताओं की संख्या बढ़ रही है क्योंकि उनका अनुभव और स्थिरता महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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