सरल तरीके से समझें नए श्रम कोड को: श्रमिकों के लिए ओवरटाइम, हेल्थ चेकअप जैसी सुविधाएं मिलेंगी

सरकार ने श्रम सुधारों के तहत चार नए श्रम कोड जारी किए हैं। इन कोड्स में श्रमिकों के लिए ओवरटाइम, समान वेतन, और गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जानिए, इससे श्रमिकों और नियोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा...

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सरकार ने श्रम सुधारों के तहत चार नए कोड्स की घोषणा की है। इसमें वेतन, ओवरटाइम, और गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। नए कोड कर्मचारियों के लिए समय पर वेतन, समान वेतन, और अन्य श्रमिक अधिकार सुनिश्चित करेंगे।

5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला

  1. सरकार ने चार नए श्रम कोड लागू किए हैं। इनका उद्देश्य समान वेतन और श्रमिकों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियां प्रदान करना है।

  2. ये कोड गिग श्रमिकों को भी सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करेंगे, जो पहले नहीं था।

  3. श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन मिलेगा और उन्हें स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी दी जाएगी।

  4. नए श्रम कोड्स से सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मिलेगा, चाहे वे संगठित हों या असंगठित।

  5. श्रमिकों के लिए लिंग भेदभाव समाप्त होगा और महिला श्रमिकों को रात की शिफ्ट में काम करने का अवसर मिलेगा।

नए श्रम कोड: कर्मचारियों के अधिकारों को मिलेगी मजबूती

सरकार के द्वारा अधिसूचित किए गए चार नए श्रम कोड श्रमिकों के अधिकारों और उनके कामकाजी जीवन को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये कोड समय पर वेतन, समान वेतन, ओवरटाइम, और गिग श्रमिकों के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। तो, आइए जानते हैं कि इन नए कोड्स से श्रमिकों और नियोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा और उनके अधिकार क्या हैं।

वेतन और फ्लोर वेज का नया सिद्धांत

नए श्रम कोड में फ्लोर वेज का सिद्धांत पेश किया गया है। इसका मतलब है कि सरकार अब देशभर में न्यूनतम वेतन की एक न्यूनतम सीमा तय करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी राज्य सरकार न्यूनतम वेतन को कम नहीं कर पाएगी। इससे उन श्रमिकों को फायदा होगा, जो पहले न्यूनतम वेतन से कम पर काम करते थे, जैसे कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक।

इस बदलाव के साथ, नियोक्ता अब वेतन में 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती नहीं कर सकते हैं। इससे कर्मचारियों का टेक-होम वेतन बढ़ेगा। हालांकि, इसका मतलब यह भी होगा कि कर्मचारियों का कुल वेतन थोड़ा कम होगा, क्योंकि वेतन की गणना अधिक आधार पर की जाएगी, जैसे महंगाई भत्ता और रिटेनिंग भत्ता।

ओवरटाइम और काम के घंटे

नए श्रम कोड में ओवरटाइम वेतन को लेकर कड़े नियम लागू किए गए हैं। अब यदि कर्मचारी ओवर टाइम काम करता है, तो उसे दोगुना वेतन मिलेगा। साथ ही, कार्य घंटों की सीमा भी तय की गई है, जहां कर्मचारियों को 48 घंटे प्रति सप्ताह से अधिक काम नहीं करना होगा। इसके अलावा, श्रमिकों को प्रत्येक सप्ताह एक विश्राम दिवस मिलेगा।

गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा

नई श्रम कोड्स में गिग श्रमिकों को पहली बार सामाजिक सुरक्षा कवरेज दी जा रही है। अब, उन्हें जीवन बीमा, स्वास्थ्य लाभ और मातृत्व जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे। गिग वर्कर्स को भी EPFO जैसी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा, जिससे उनका भविष्य और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

साथ ही, नियोक्ता गिग श्रमिकों के लिए 1-2 प्रतिशत का योगदान करेंगे, जो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए होगा। इससे गिग श्रमिकों को एक नई सुरक्षा मिलेगी, जो पहले नहीं थी।

लिंग भेदभाव और महिलाओं के लिए रात की शिफ्ट

नए श्रम कोड में लिंग भेदभाव के खिलाफ कड़ा कदम उठाया गया है। अब, महिला श्रमिकों को भी रात की शिफ्ट में काम करने का अवसर मिलेगा, बशर्ते उनकी सहमति हो और सभी सुरक्षा प्रावधानों का पालन किया जाए। यह कदम महिलाओं को कार्यस्थल पर समान अवसर देने के लिए महत्वपूर्ण है।

समय पर वेतन और स्वास्थ्य जांच

अब, नियोक्ता को समय पर वेतन देने की जिम्मेदारी ली जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी श्रमिकों को उनके कार्यकाल के हिसाब से भुगतान किया जाए, चाहे वह दैनिक वेतन पर हों या मासिक वेतन पर। इसके साथ ही, स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी कर्मचारियों को मुफ्त दी जाएगी, जिससे उनकी सेहत का ख्याल रखा जा सके।

FAQ

श्रम कोड में क्या बदलाव किया गया है?
सरकार ने चार नए श्रम कोड लागू किए हैं, जिसमें वेतन, ओवरटाइम, गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, और महिला श्रमिकों के लिए रात की शिफ्ट में काम करने के नियम शामिल हैं।
गिग श्रमिकों को क्या लाभ मिलेगा?
गिग श्रमिकों को पहली बार सामाजिक सुरक्षा कवरेज मिलेगा, जिसमें जीवन बीमा, स्वास्थ्य लाभ, मातृत्व आदि शामिल हैं। साथ ही, नियोक्ता को इन श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के लिए योगदान देना होगा।
महिलाओं के लिए क्या नए प्रावधान हैं?
महिला श्रमिकों को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते उनकी सहमति हो और सुरक्षा के लिए उचित प्रावधान हों।

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