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आज के दिन की कहानी: आज हम उस ऐतिहासिक दिन की बात कर रहे हैं, जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने दुनिया के सबसे बड़े मंच संयुक्त राष्ट्र महासभा पर खड़े होकर देश का प्रतिनिधित्व किया था। तारीख थी 10 नवंबर 2001। यह समय कोई सामान्य समय नहीं था।
न्यू यॉर्क, जहां संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय है, वह 9/11 के सबसे भयानक आतंकवादी हमले से सिर्फ कुछ हफ्ते पहले दहल उठा था। अमेरिका और पूरी दुनिया, आतंकवाद के साये में थी।
ऐसे मुश्किल माहौल में, भारतीय प्रधानमंत्री अटल जी का यह संबोधन सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ा संदेश था।
अटल जी को उनकी दमदार और बेबाक भाषण शैली के लिए जाना जाता है। इस बार भी, उन्होंने किसी को नहीं बख्शा और बिना किसी लाग-लपेट के दुनिया के सामने आतंकवाद (Terrorism) की परिभाषा साफ़ कर दी, जिसके पीछे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) का हाथ था।
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भाषण की मुख्य बातें: आतंकवाद और वैश्विक चुनौती
संयुक्त राष्ट्र महासभा 2001 (UN General Assembly 2001) के उस सत्र में, अटल जी ने कई मुद्दों पर दुनिया का ध्यान खींचा। लेकिन उनके भाषण का सबसे बड़ा फोकस वैश्विक आतंकवाद पर था।
आतंकवाद: मानवता के खिलाफ युद्ध
अटल जी ने साफ कहा कि 9/11 का हमला सिर्फ अमेरिका पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर किया गया हमला था। उन्होंने कहा, "आतंकवाद कोई राजनीतिक हथियार नहीं है, यह सभ्यता के खिलाफ एक युद्ध है।" भारत लम्बे समय से सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा था, इसलिए उनका यह बयान बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने दुनिया को चेतावनी दी कि आतंकवाद को "बुरा" और "कम बुरा" के तौर पर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद को 'स्टेट पॉलिसी' के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें भी अलग-थलग किया जाना चाहिए।
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आतंकवाद की कोई सीमा नहीं
वाजपेयी जी ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी केवल एक देश या एक धर्म के नहीं होते। उन्होंने कहा, "आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता और कोई विचारधारा नहीं होती।" उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे आतंकवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के बैनर के तहत एक होकर काम करें। उन्होंने कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म को जल्द से जल्द अपनाने की मांग की। इससे आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक कानूनी ढांचा तैयार हो सके।
लोकतंत्र और विकास
अटल जी ने भारत के लोकतंत्र के आदर्शों पर बात की और बताया कि किस तरह लोकतंत्र ही शांति और विकास का रास्ता है। उन्होंने कहा कि भारत, इतने बड़े और विविध आबादी वाला देश होने के बावजूद, लोकतांत्रिक मूल्यों पर खड़ा है और यही हमारी ताकत है। उन्होंने विकासशील देशों की समस्याओं को उठाया। गरीबी, बीमारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर वैश्विक सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
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शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन
भले ही अटल जी ने आतंकवाद (Atal Bihari Vajpayee UN Hindi Speech) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, लेकिन उन्होंने हमेशा की तरह शांतिपूर्ण बातचीत और कूटनीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सभी विवादों को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए।
यह बयान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह बताने के लिए जरूरी था कि भारत, एक गंभीर सुरक्षा खतरे का सामना करने के बावजूद, हमेशा शांति का समर्थक रहा है। अटल जी का यह संबोधन एक स्पष्ट विदेश नीति का प्रदर्शन था। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग दोनों को समान महत्व दिया गया था।
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अटल जी का UN संबोधन: एक मजबूत विरासत
अटल बिहारी वाजपेयी (Former PM Atal Bihari Vajpayee) का 2001 का संयुक्त राष्ट्र महासभा संबोधन भारतीय कूटनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, बल्कि दुनिया के सामने भारत के एक मजबूत, जिम्मेदार और आतंकवाद-विरोधी राष्ट्र के रूप में उभरने की घोषणा थी।
उन्होंने पश्चिमी देशों को यह साफ कर दिया था कि भारत जिस सीमा-पार आतंकवाद का सामना वर्षों से कर रहा है। वह अब पश्चिमी दुनिया की भी समस्या बन चुकी है।
इस भाषण ने भारत की वैश्विक भूमिका को परिभाषित किया और यह सुनिश्चित किया कि आने वाले समय में भी भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन पर खड़ा रहेगा।
References:
- UN General Assembly Official Records (Speeches from 56th Session, relevant dates near Nov 2001)
- Ministry of External Affairs (MEA), India – Official statements and archived speeches
- Archived News Reports on Vajpayee's UNGA 2001 Address focusing on Terrorism
- Publications and Research Papers on India's Foreign Policy Post-9/11
10 नवम्बर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 10 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 10 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1202: चौथे धर्मयुद्ध की पहली बड़ी कार्रवाई: कैथोलिक अपराधियों द्वारा कैथोलिक शहर ज़ारा, क्रोएशिया में घेराबंदी शुरू हुई।
1659: शिवाजी ने अफजल खान को मारा था।
1698: कलकत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी को बेचा गया था।
1483: ईसाई धर्म में नई धारा शुरू करने वाले मार्टिन लूथर का जन्म हुआ।
1766: रटगर्स विश्वविद्यालय (तब क्वीन्स कॉलेज) की स्थापना के लिए चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए।
1775: अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य मरीन कॉर्प्स की स्थापना हुई।
1793: फ्रांस ने बलपूर्वक ईश्वर की पूजा समाप्त कर दी।
1871: पत्रकार और खोजकर्ता हेनरी मोर्टन स्टेनली ने डेविड लिविंगस्टोन को तंजानिया में खोजा।
1885: गोटलिएब देमलेर ने दुनिया की पहली मोटरसाइकिल पेश की।
1891: बोस्टन में पहली महिलाओं की ईसाई टेम्पेरन्स संघ की बैठक आयोजित की गयी।
1909: अमेरिकी संगीतकार और गीतकार जॉनी मार्क्स का जन्म हुआ।
1919: अमेरिकन लीजन का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन मिनेयापोलिस में आयोजित हुआ।
1940: रोमानिया के वरेन्शिया क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए।
1945: इंडोनेशियाई राष्ट्रीय क्रांति: ब्रिटिशों ने सुरबाया, इंडोनेशिया पर हमला करके अपना प्रतिशोध शुरू किया।
1946: इंग्लैंड में स्लिमब्रिज वेटलैंड रिजर्व खोला गया।
1951: संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यक्ष डायल तट-टू-तट टेलीफोन सेवा शुरू की गयी।
1958: मर्चेंट हैरी विंस्टन ने 'होप डायमंड' को स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन को दान दिया।
1964: लियोनिड ब्रेजनेफ़ सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने गए।
1969: बच्चों का लोकप्रिय शो तिल स्ट्रीट (Sesame Street) का पहला एपिसोड प्रसारित हुआ।
1970: चीन की महान दीवार को पर्यटन के लिए खोला गया।
1975: एसएस एडमंड फिट्जगेराल्ड जहाज 29 लोगों की जान के साथ लेक सुपीरियर में डूब गया।
1982: सोवियत संघ के नेता लियोनिड ब्रेज़नेव की मौत हुई।
1986: बंगलादेश में संविधान फिर लागू किया गया।
1989: जर्मनी में बर्लिन की दीवार को गिराने का कार्य शुरू हुआ।
2006: श्रीलंका के तमिल सांसद और मानवाधिकार वकील नादराजाह रवीराज की कोलंबो में हत्या कर दी गयी।
2008: नासा ने मंगल ग्रह पर उतरने के पांच महीने बाद लैंडर से संचार बंद होने पर फीनिक्स मिशन को समाप्त कर दिया।
2009: Itaipu में एक बड़ी बिजली की विफलता के कारण ब्राजील के 15 राज्यों और पराग्वे में ब्लैकआउट हुआ।
2013: मोटर स्पोर्ट्स में, स्पेन के मार्क मेर्केज 2013 मोटो जीपी विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के मोटरसाइकिल चालक बने।
2014: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के माध्यम से पूर्वी चीन सागर के द्वीपों पर विवाद को समाप्त किया।
भारत में की महत्वपूर्ण घटनाएं
- 2001: भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित किया।
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