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आज के दिन की कहानी: आजादी के इतिहास की एक ऐसी खास घटना है जिसके बारे में शायद बहुत कम लोग जानते हैं। यहां बात हो रही हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के एक ऐतिहासिक ब्रॉडकास्ट की। यह कोई आम ब्रॉडकास्ट नहीं था। बल्कि गांधीजी की आवाज में देश के नाम उनका पहला और एकमात्र लाइव रेडियो संदेश था।
साल 1947 में, जब देश आजादी के जश्न के बाद भी सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहा था। तब बापू ने ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के जरिए देश को अपना संदेश दिया था।
यह वो पल था, जब बापू की आवाज सीधे लाखों भारतीयों तक पहुंची थी। आइए आज हम उसी ऐतिहासिक पल को जानते हैं, जब 1947 में बापू ने दिल्ली के ऑल इंडिया रेडियो (AIR) स्टूडियो से पूरे राष्ट्र को संबोधित किया था।
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1947: एक कठिन समय और बापू का सीधा संदेश
भारत की आजादी के बाद का वो समय बहुत ही मुश्किल भरा था। देश को आजादी तो मिली, पर इसके साथ ही भारत का बंटवारा भी हुआ। चारों तरफ सांप्रदायिक दंगे फैल चुके थे और लाखों लोग हिंसा की आग में जल रहे थे।
महात्मा गांधी उस समय शांति स्थापित करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह घूम रहे थे। उन्होंने अपनी पूरी ताक़त लोगों के दिलों में फिर से भाईचारा भरने में लगा दी थी।
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बापू की यात्राओं और सभाओं में तो हजारों लोग आते थे। पर उस समय रेडियो ही एकमात्र ऐसा साधन था। इससे उनकी आवाज करोड़ों लोगों तक एक साथ पहुंच सकती थी।
इसी जरूरत को समझते हुए, दिल्ली में स्थित ऑल इंडिया रेडियो के स्टूडियो से उन्हें राष्ट्र के नाम एक सीधा प्रसारण करने का आग्रह किया गया।
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रेडियो स्टूडियो में बापू
गांधीजी को टेक्नोलॉजी और नए माध्यमों में ज्यादा रुचि नहीं थी। वह अपनी बात लोगों तक सीधे सभाओं और लेखों के माध्यम से पहुंचाना पसंद करते थे। लेकिन देश की उस गंभीर स्थिति को देखते हुए, वह रेडियो पर बोलने के लिए तैयार हो गए।
रेडियो के इतिहासकार बताते हैं कि 1947 में जब गांधीजी दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो स्टूडियो पहुंचे, तो यह एक बहुत ही खास पल था। उन्होंने शायद ही कभी माइक्रोफोन के सामने बात की हो।
स्टूडियो में मौजूद सभी लोग, जिनमें सरकारी अधिकारी और पत्रकार शामिल थे, बहुत उत्साहित थे। गांधीजी ने अपनी सरल भाषा और शांत अंदाज में राष्ट्र को संबोधित किया। उनका संदेश बहुत साफ और भावनात्मक था। उन्होंने देश में फैली हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया।
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बापू का संदेश
अपने इस ऐतिहासिक प्रसारण में, राष्ट्रपिता ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें बंटवारे के दर्द से उबरकर फिर से एकजुट होना होगा। उनके संदेश के मेन पॉइंट कुछ इस प्रकार थे:
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हिंसा का त्याग:
उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्य और अहिंसा ही भारत की असली ताकत है।
भाईचारे की अपील:
उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से आपसी प्रेम और भाईचारे को फिर से स्थापित करने का आग्रह किया।
नए भारत का निर्माण:
उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि हमें अब नए और मजबूत भारत के निर्माण पर ध्यान देना है।
धैर्य और आशा:
उन्होंने देशवासियों में धैर्य बनाए रखने और उज्जवल भविष्य की आशा जगाने की कोशिश की।
यह प्रसारण उस समय एक संजीवनी की तरह था। उनकी आवाज सुनकर करोड़ों लोगों ने महसूस किया कि उनके सबसे बड़े नेता उनके साथ हैं।
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क्यों था ये उनका एकमात्र सीधा ब्रॉडकास्ट
यह बहुत ही दुखद और सबसे जरूरी बात ये है कि यह प्रसारण महात्मा गांधी का पहला और आखिरी सीधा ब्रॉडकास्ट साबित हुआ। इस ऐतिहासिक संबोधन के कुछ महीनों बाद ही, 30 जनवरी 1948 को, एक हत्यारे ने उनकी जान ले ली।
अगर वह और जीवित रहते, तो शायद वह रेडियो जैसे शक्तिशाली माध्यम का इस्तेमाल देश के रिस्ट्रक्चरिंग और लोगों के मोरल अपलिफ्टमेंट के लिए जरूर करते।
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यह एक ही सीधा प्रसारण आज भी एक ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्स की तरह है। यह उस दौर की राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल को दर्शाता है।
जब एक राष्ट्रपिता ने अपनी आवाज के जरिए देश को संभालने की कोशिश की थी। गांधीजी के इस भाषण की रिकॉर्डिंग आज भी ऑल इंडिया रेडियो के आर्काइव में सुरक्षित है। यह हमें याद दिलाता है कि शांति का संदेश सबसे जरूरी होता है।
आज जब हम उस दौर को याद करते हैं तो बापू की 12 नवंबर 1947 की वो मोटिवेशनल आवाज हमें हमेशा शांति और एकता का पाठ पढ़ाती है।
References:
- All India Radio (AIR) Archives and Historical Records.
- The Collected Works of Mahatma Gandhi (CWMG) related to Nov 1947.
- Historical Accounts of India's Partition and Gandhi's Role.
- Government of India, Publications Division Records.
12 नवम्बर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 12 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 1 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1028: भविष्य की बीजान्टिन साम्राज्ञी जो ने रोमनोस III अरगिरोस की पत्नी के रूप में सर्वप्रथम एम्प्रेस कंसोर्ट का पद संभाला।
1330: बासरब प्रथम के नेतृत्व में व्लादियन बलों ने पोसाडा की लड़ाई में एक घात लगाकर हंगेरियन सेना को पराजित किया।
1727: फ़्रांस और बवेरिया ने एक गुप्त संधि पर दोबारा हस्ताक्षर किए।
1781: अंग्रेजों ने डच उपनिवेश नागापट्टनम पर कब्जा कर लिया।
1823: ग्रेट नॉर्थ हॉलैंड नहर (एम्स्टर्डम) को खोला गया।
1828: वियनतियाने राज्य पर सियाम द्वारा कब्जा कर लिया गया और युद्ध में वियनतियाने शहर नष्ट हो गया।
1841: टेक्सास का डलास शहर जॉन नेली ब्रायन द्वारा स्थापित किया गया।
1847: ब्रिटिश चिकित्सक सर जेम्स यंग सिंप्सन ने एनेस्थेटिक के रूप में पहली बार क्लोरोफॉर्म का प्रयोग किया।
1870: जर्मन कंपनी ड्रेस्डनर बैंक की स्थापना की गयी।
1892: विलियम हेफेलिंजर को $525 का भुगतान किया गया, वह पहले पेशेवर अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी बने।
1908: बुल्गारिया ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1912: अंटार्कटिक अभियान के दौरान मृत्यु के लगभग आठ महीने बाद, रॉबर्ट फाल्कन स्कॉट और उनके साथियों के शव मिले।
1918: प्रथम विश्व युद्ध में पराजय के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य का अंत हुआ और ऑस्ट्रिया में राजशाही खत्म होकर लोकतांत्रिक शासन आरंभ हुआ।
1927: महात्मा गांधी ने सिलोन (श्रीलंका) की अपनी पहली और आखिरी यात्रा की।
1928: ब्रिटिश महासागर लाइनर एसएस वेस्ट्रिस के पश्चिम अटलांटिक महासागर में डूबने से लगभग 111 लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, मारे गए।
1936: सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में सैन फ्रांसिस्को और ओकलैंड, कैलिफ़ोर्निया को जोड़ने वाला सैन फ्रांसिस्को-ओकलैंड बे ब्रिज यातायात के लिए खोल दिया गया।
1940: सोवियत विदेश मंत्री व्याचेस्लाव मोलोटोव बर्लिन पहुँचे और सोवियत संघ के धुरी शक्तियों में शामिल होने की संभावना को खारिज कर दिया।
1944: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, रॉयल एयर फोर्स ने नौवें प्रयास में जर्मन युद्धपोत तिरपिट्ज़ को डुबो दिया, जिससे लगभग 1,000 नाविकों की मौत हुई।
1945: सुदीरमन को इंडोनेशियाई सशस्त्र बलों का पहला कमांडर-इन-चीफ चुना गया।
1956: जायोनी शासन के सैनिकों ने ग़ज़्ज़ा पट्टी के रफ़ह नगर में एक शरणार्थी शिविर पर आक्रमण कर फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार किया।
1970: भोला चक्रवात ने पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) और पश्चिम बंगाल में तबाही मचाई, जिससे करीब पांच लाख लोग मारे गए, यह इतिहास के सबसे घातक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक है।
1970: ओरेगन हाईवे डिवीजन ने समुद्र तट पर पड़ी एक शुक्राणु व्हेल को विस्फोटकों से नष्ट करने का असफल प्रयास किया।
1991: पूर्वी तिमोर में, इंडोनेशियाई बलों ने कब्जे के विरोध में छात्रनेताओं पर गोलियां चलाईं, जिसमें 250 लोगों की मौत हो गई।
1996: नई दिल्ली के पास एक सऊदी अरब एयरलाइंस और एक कजाखस्तान एयरलाइंस के विमान हवा में टकरा गए, जिससे 349 लोग मारे गए।
2001: न्यूयॉर्क में अमेरिकी एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 260 यात्रियों समेत कुल 265 लोग मारे गए।
2005: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अन्नान ने इराक की अचानक यात्रा की।
2006: अंतराष्ट्रीय संधि 'प्रोटोकॉल ऑन एक्सप्लोसिव रेमनेन्ट्स ऑफ वार' लागू हुई।
2006: इजरायल ने ईरान को उसकी परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले करने की धमकी दी।
2006: जॉर्जियाई सरकार द्वारा अवैध घोषित किए जाने के बावजूद, दक्षिण ओसेशिया ने स्वतंत्रता पर जनमत संग्रह आयोजित किया।
2007: मैड्रिड में एक आप्रवासन विरोधी विरोध के बीच एक 16 वर्षीय स्पेनिश नस्लवाद विरोधी उदारवादी की हत्या कर दी गई।
2009: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान डूबी 2 जापानी पनडुब्बियां ओहू, हवाई से दूर पाई गईं।
2010: गंभीर उपायों के तहत, इटली सरकार ने सांस्कृतिक बजट में कटौती के प्रयास में प्रमुख सांस्कृतिक आकर्षणों को बंद कर दिया।
2011: दक्षिण अफ्रीका और लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो नदी पर एक मेगा-हाइड्रोइलेक्ट्रिक संयंत्र बनाने पर सहमत हुए।
2012: यूनाइटेड किंगडम से जॉर्डन के लिए निर्वासन के खिलाफ याचिका जीतने के बाद अबू कतादा को जमानत पर रिहा किया गया।
2013: स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा नैस्डैक में ट्रेडिंग हॉल्ट जैसी विसंगतियों के बाद स्टॉक बाजारों के तकनीकी कामकाज को बेहतर बनाने की योजना घोषित की गई।
2014: चीनी नेता शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ग्रीनहाउस गैसों को सीमित करने के लिए एक समाधान पर पहुंचे।
2015: लेबनान में एक आत्मघाती बम विस्फोट में 43 लोग मारे गए।
भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं
1893: ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव मॉर्टिमर डूरंड और अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर्रहमान खान ने डुरंड लाइन समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने अफगानिस्तान और वर्तमान पाकिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा स्थापित की।
1930: लॉर्ड इरविन की पहल पर लंदन में पहले गोलमेज सम्मेलन की शुरुआत हुई, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ।
1946: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं भारत रत्न से सम्मानित पंडित मदन मोहन मालवीय का उत्तर प्रदेश के वाराणसी में निधन हुआ।
1947: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दिल्ली स्थित ऑल इंडिया रेडियो स्टूडियो से राष्ट्र के नाम अपना पहला और एकमात्र सीधा प्रसारण किया
2008: भारत ने पहली बार पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, सागरिका का भूमि आधारित लांचर से परीक्षण किया।
2009: भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के 'अतुल्य भारत' अभियान को वल्ड ट्रेवल अवार्ड-2009 से सम्मानित किया गया।
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