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आज के दिन की कहानी: आजादी की लड़ाई के महानायक पंडित जवाहरलाल नेहरू की कहानी सिर्फ रैलियों और भाषणों तक सीमित नहीं है। उनकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा, तकरीबन 3,259 दिन, अंग्रेजों की अंधेरी जेलों की सलाखों के पीछे गुजरा। सोचिए, 9 साल। यह वो समय था जब जेल की कोठरी उनके लिए तपस्या स्थल बन गई थी।
जहां एक तरफ उन्होंने चरखा चलाया, वहीं दूसरी तरफ अकेलेपन को किताबों और कसरत से हराया। यह कहानी है उस अदम्य हौसले की, जिसने जेल की दीवारों के पार भी भारत के भविष्य को संजोया।
यहीं जन्म हुआ उनकी टाइमलेस्स क्रिएशन ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का। आज 14 नवंबर उनके जन्मदिन के मौके पर आइए जानें उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें...
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पहली गिरफ्तारी और स्वर्ग का नजरिया
बात है 1921 की। जब देश में खद्दर, चरखा और गांधी टोपी का जोर था। नेहरू के बनाए वॉलंटियर दल ने अंग्रेज सरकार के खिलाफ हड़तालों का माहौल बना रखा था। 6 दिसंबर 1921 को मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू को इलाहाबाद के आनंद भवन से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
यह नेहरू की पहली गिरफ्तार थी। उन्हें लखनऊ ले जाया गया और 6 महीने की सजा हुई। पर एक टेक्निकल गलती की वजह से उन्हें 3 महीने में ही छोड़ दिया गया। लेकिन नेहरू तो आजादी के लिए पागल थे। बाहर निकलते ही फिर से रैलियों और विरोध प्रदर्शनों में जुट गए।
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नतीजा क्या निकला
नतीजा? तीन महीने के अंदर दोबारा अरेस्ट। इस बार उन्होंने कोर्ट में अपना जुर्म मानने से मना कर दिया और एक दमदार बयान दिया। उन्होंने कहा, "दरअसल, जेल हमारे लिए स्वर्ग जैसी जगह हो गई है।
जब से हमारे प्रिय संत जैसे नेता (महात्मा गांधी) को सजा सुनाई गई है, ये हमारे लिए तीर्थस्थान बन गई है।" नेहरू खुद चाहते थे कि उन्हें लंबी सजा मिले क्योंकि उन्हें लग रहा था कि पिता मोतीलाल अभी भी जेल में हैं और वो बाहर रहकर अकेले हैं।
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जेल का रूटीन: कसरत, सूत कातना और पढ़ना
जब उन्हें 18 महीने की सजा मिली, तो उन्होंने जेल की नीरसता को दूर करने के लिए एक पक्का रूटीन बनाया। जैसे
कसरत:
वो भोर होते ही उठते, जेल की दीवारों के पास एक मील तक दौड़ लगाते। फिर तेजी से चहलकदमी करते।
शीर्षासन:
उनका पसंदीदा योगासन शीर्षासन था, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति देता था।
चरखा:
वह अपना ज्यादातर समय सूत कातने में बिताते थे। 6 महीने के प्रवास में उन्होंने तकरीबन 30 हजार गज सूत काटा।
पढ़ाई:
उन्हें इतिहास, यात्रा साहित्य और रोमांटिक कविताएं पढ़ना बहुत पसंद था।
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नाभा जेल का बुरा हाल और मां-पत्नी का अपमान
1923 में, नेहरू तीसरी बार तब जेल गए जब वो पंजाब के नाभा में एक सिख जत्थे के साथ प्रवेश कर रहे थे। उन्होंने प्रशासन का आदेश मानने से साफ मना कर दिया। इस गिरफ्तारी का किस्सा नेहरू की आत्मकथा में दर्ज है।
उन्हें और उनके साथियों को गिरफ्तार करके, हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाई गईं। थर्ड क्लास के डिब्बे में बैठा दिया गया। नाभा जेल के हालात इतने खराब थे कि उन्हें दो दिन तक नहाने और कपड़े बदलने तक नहीं दिए गए।
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जब जेलर ने किया अपमान
सबसे ज्यादा तकलीफदेह दौर तब आया जब 1931-32 के आस-पास नेहरू को नैनी और फिर बरेली जेल में रखा गया। अप्रैल 1932 में एक लाठीचार्ज में उनकी मां बुरी तरह घायल हो गईं।
जब उनकी पत्नी कमला नेहरू और मां उनसे जेल में मिलने आईं, तो जेलर ने उनका अपमान किया और बातचीत लिखने लगा। इससे नेहरू इतने नाराज हुए कि उन्होंने एक महीने के लिए किसी से भी मिलने से मना कर दिया। क्योंकि वो जेलर को अपनी मां और पत्नी को अपमानित करने का एक और मौका नहीं देना चाहते थे।
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गिलहरी, कुत्ते और डिस्कवरी ऑफ इंडिया
जेल की तन्हाई में नेहरू ने प्रकृति से दोस्ती कर ली थी। देहरादून जेल में, उनका दिल गिलहरियों की अठखेलियों को देखने में लगता था। उन्होंने दो कुत्तों को भी पाल लिया था। यहां तक कि उनकी कोठरी में आने वाले सांपों, बिच्छुओं और कनखजूरों का भी आना-जाना लगा रहता था।
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सबसे लम्बा स्टे और ग्रेट क्रिएशन
नेहरू ने अपनी जिंदगी का सबसे लंबा और लगातार जेल का समय अहमदनगर जेल में बिताया। 9 अगस्त 1942 से लेकर 15 जून 1945 तक - कुल 1040 दिन।
यह वो समय था जब कांग्रेस की पूरी वर्किंग समिति एक साथ बंद थी। इस लम्बे प्रवास के दौरान, तनाव और तीखी बहसें भी होती थीं। इस तनाव से बचने के लिए, नेहरू बागवानी करते, बीमारों की तीमारदारी करते, और बैडमिंटन-वॉलीबॉल खेलते थे।
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इन्हीं कठिन सालों में, नेहरू ने जून 1934 में अपनी आत्मकथा लिखनी शुरू की। 1944 में अपनी अधूरी किताब को पूरा किया। ये बाद में दुनिया की महानतम किताबों में से एक बनी - 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (भारत एक खोज)।
इन 3,259 दिनों में नेहरू ने हमें सिखाया कि संघर्ष सिर्फ सड़कों पर नहीं, जेल की कोठरियों में भी जारी रहता है। जहां किताबें और चरखा आजादी के सबसे मजबूत हथियार बन जाते हैं।
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जवाहरलाल नेहरू की चिट्ठियों से जुड़ी 10 रोचक बातें
जेल से शिक्षा:
नेहरू जी ने अपनी बेटी इंदिरा गांधी को जेल में रहते हुए सैकड़ों चिट्ठियां लिखी थीं। यह तब था जब वह देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे।
विश्व इतिहास का ज्ञान:
इन चिट्ठियों में उन्होंने इंदिरा को दुनिया के इतिहास, विज्ञान और संस्कृति के बारे में सरल भाषा में ज्ञान दिया था।
'लेटर्स फ्रॉम ए फादर टु हिज डॉटर':
उनकी लिखी हुई चिट्ठियों का संग्रह एक प्रसिद्ध पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ।
पुस्तक का उद्देश्य:
इस किताब का मुख्य उद्देश्य इंदिरा को किताबों के बजाय पिता से सीधा ज्ञान प्राप्त कराना था।
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'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' की प्रेरणा:
उनकी एक और प्रसिद्ध पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' का विचार भी जेल में लिखी गई लंबी चिट्ठियों से ही आया था।
सादगी और निजी बातें:
नेहरू जी ने अपनी चिट्ठियों में बड़ी-बड़ी बातों के साथ-साथ छोटी-छोटी और निजी बातें भी शामिल की थीं।
नैतिक मूल्यों पर जोर:
इन पत्रों में उन्होंने इंदिरा को नैतिक मूल्यों, सत्य और अहिंसा के महत्व को समझाया था।
साहित्यिक महत्व:
नेहरू जी की चिट्ठियों को सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि उच्च साहित्यिक महत्व वाला भी माना जाता है।
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'विश्व इतिहास की झलक' (Glimpses of World History):
यह उनकी चिट्ठियों का एक और बहुत बड़ा संग्रह है, जो विश्व इतिहास को दर्शाता है।
कॉरेस्पोंडेंस का माध्यम:
नेहरू जी ने अपनी चिट्ठियों को अपनी बेटी के साथ भावनात्मक और बौद्धिक जुड़ाव बनाए रखने का सबसे बड़ा माध्यम बनाया था।
ये (जवाहरलाल नेहरू जन्मदिन) अनसुने किस्से हमें सिखाते हैं कि बड़े पद पर होने के बावजूद, अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए। जवाहरलाल नेहरू सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि सादा जीवन उच्च विचार के सच्चे प्रतीक भी थे।
References
- Discovery of India by Nehru
- M. J. Akbar. (1988). Nehru: The Making of India. Viking.
- S. Gopal. (1975). Jawaharlal Nehru: A Biography (Vol. 1-3). Oxford University Press.
- Bipan Chandra. (2000). India Since Independence. Penguin Books.
- Government of India, Nehru Memorial Museum & Library archives.
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14 नवंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 14 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 14 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1533: स्पेन के खोजकर्ताओं ने दक्षिण अमेरिका में स्थित एक्वाडोर का पता लगाकर उसे उपनिवेश बनाया।
1732: उत्तरी अमेरिका में लुई टिमोथी फिलाडेल्फिया में सबसे पहले पेशेवर लाइब्रेरियन बने।
1794: फ्रैंकलिन लिटररी सोसाइटी की पहली रिकॉर्डिंग बैठक कैनसबर्ग अकादमी में हुई।
1834: विलियम थॉमसन ने 10 साल की उम्र में ग्लासगो विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
1881: अमेरिकी राष्ट्रपति गारफील्ड की हत्या के लिए चार्ल्स जे गुइटेू पर मुकदमा चला।
1883: चिली की कांग्रेस ने राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना करने का निर्णय लिया।
1896: नियाग्रा फॉल्स में बिजली संयंत्र का ऑपरेशन शुरू हुआ।
1908: अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत प्रस्तुत किया।
1910: एविएटर यूजीन बर्टन एली ने यूएसएस बर्मिंघम से आश्रय के बिना पहला टेकऑफ़ किया।
1918: चेकोस्लोवाकिया गणराज्य की स्थापना हुई और टीजी मासरिक पहले राष्ट्रपति बने।
1920: एडमोंटन सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा का पहला संगीत कार्यक्रम आयोजित हुआ।
1921: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ स्पेन की आधिकारिक रूप से स्थापना की गई।
1922: जर्मन रीच्स चांसलर जोसेफ विर्थ का कार्यकाल समाप्त हो गया।
1923: केंटारो सुज़ुकी ने पर्वत लीज़ुना की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की।
1937: जेरूसलम शहर में हुए बम विस्फोट में 7 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
1940: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जर्मन लुफ्फ्ताफ्यूरिंग ने कोवेंट्री, इंग्लैंड पर हमला कर नष्ट कर दिया (कॉवेंट्री ब्लिट्ज)।
1941: द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश विमानवाहक पोत एचएमएस आर्क रॉयल (91) डूब गया।
1952: अल मार्टिनो का गाना 'हियर इन माई हार्ट' यूके सिंगल्स चार्ट में टॉप पर पहुँचने वाला पहला गाना बना।
1953: अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर ने कनाडा की संसद में रूस के ख़तरे पर भाषण दिया।
1955: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का उद्घाटन किया गया।
1960: चेक गणराज्य में दो रेलों की भीषण टक्कर में 110 लोगों की मौत हो गई।
1968: येल विश्वविद्यालय ने महिलाओं को औपचारिक रूप से विद्यालय में प्रवेश देने का निर्णय लिया।
1970: दक्षिणी एयरवेज़ फ़्लाइट 932 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 75 लोग (मार्शल यूनिवर्सिटी फुटबॉल टीम) मारे गए।
1972: डो जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज पहली बार 1000 अंकों के ऊपर पर बंद हुआ (1,003.16)।
1973: सोने के द्वि-स्तरीय मानक को समाप्त करने के बाद लंदन के बाजार में सोने के मूल्य में भारी कमी आई।
1975: मैड्रिड समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, स्पेन ने स्पेनिश सहारा क्षेत्र से अपनी उपस्थिति स्वीकार की।
1979: राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने ईरान से तेल आयात समाप्त किया और ईरानी संपत्तियों को बंधक बनाया।
1984: नासा ने नाटो 3डी उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।
1984: फिलीपींस के ज़ाम्बोआंगा शहर के मेयर सीज़र क्लाइमाको की हत्या कर दी गई थी।
1985: कोलंबिया में एक ज्वालामुखी विस्फोट से तीन गांव और एक पूरा शहर दफ़न हो गया, लगभग 20,000 लोग मारे गए।
1991: अमेरिका ने कर्नल गद्दाफी को पैन एम की उड़ान 103 पर बमबारी के आरोप में लीबियाई खुफिया अधिकारियों को सौंपने की मांग की।
1995: राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और कांग्रेस के बीच बजट संघर्ष के कारण संघीय सरकार का कामकाज बंद हो गया।
2001: अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान, अफगान नॉर्दन एलायंस सेनानियों ने राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया।
2003: खगोलविदों ने ट्रांस-नेप्टुनियन ऑब्जेक्ट 90377 सेडना की खोज की।
2005: संयुक्त राष्ट्र द्वारा उजबेकिस्तान के लिए राजनयिक प्रतिबंधों को नवीनीकृत किया गया।
2007: डेनमार्क के प्रधानमंत्री आंद्रे फाग रासमुस्सेन ने लगातार तीसरी बार कार्यभार संभाला।
2008: मूल इम्पैक्ट प्रोब अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा।
2008: फ्रांस, यूरोपीय संघ और रूस मिसाइल तैनाती पर समझौते के लिए शिखर सम्मेलन में सहमत हुए।
2010: रेड बुल रेसिंग के सेबेस्टियन वेटेल सबसे कम उम्र के फॉर्मूला वन चैंपियन बने।
2011: स्टीफन लॉरेंस की हत्या के आरोपी दो लोगों पर लंदन के ओल्ड बेली में मुकदमा चलाया गया।
2012: एक आयरिश अस्पताल में सेप्टीसीमिया से गर्भवती महिला की मृत्यु ने अंतर्राष्ट्रीय रोष को जन्म दिया।
2013: फिलीपींस के राष्ट्रपति बेनिग्नो एक्विनो III को आपदाओं के प्रति अक्षम प्रतिक्रिया के लिए आलोचना मिली।
2014: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम अफ्रीका में इबोला से मरने वालों की संख्या 5,000 से अधिक हो गई।
भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएं
- 1889: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru Birthday) का जन्म इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था।
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