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आज के दिन की कहानी: 19 नवंबर 1917 को जन्मी इंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी था। उनका बचपन देशप्रेम के माहौल में बीता। लेकिन राजनीति में उनका शुरुआती सफर आसान नहीं था। जब 1966 में वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, तो कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें कमजोर समझा।
कांग्रेस के नेताओं के इशारों पर चलने वाली समझकर, राममनोहर लोहिया ने इंदिरा जी को 'गूंगी गुड़िया' कहा। लेकिन इंदिरा जी ने जल्द ही साबित किया कि वह चुप नहीं रहने वालीं।
उनकी पॉलिटिकल लीडरशिप का असली इम्तिहान 1971 के भारत-पाक युद्ध में हुआ। बोल्ड डिसिशन मेकिंग से पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया और बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद इंदिरा जी को 'दुर्गा' कहा। यह सफर दर्शाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति ने शांत नेता को शक्तिशाली महिला बना दिया। आइए जानें कैसे...
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क्यों कहा गया इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया
इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया का नाम विपक्षी नेता राममनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) ने 1966 में दिया था। 1966 में ही इंदिरा पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं। ऐसा इसलिए
राजनीतिक कारण: 1964 में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के आकस्मिक निधन के बाद, कांग्रेस पार्टी में सिंडिकेट (वरिष्ठ नेताओं का समूह) काफी शक्तिशाली था। सिंडिकेट को लगा कि इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाना उनके लिए फायदेमंद होगा।
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अपमानजनक उपनाम: उन्हें लगा कि इंदिरा गांधी, जो राजनीति में अनुभवहीन थीं। सार्वजनिक मंचों पर कम बोलती थीं, एक कमजोर नेता साबित होंगी। उनका मानना था कि वह सिंडिकेट के इशारों पर काम करेंगी और उनकी पोलिटिकल लीडरशिप पर सिंडिकेट का नियंत्रण रहेगा।
लोहिया का कटाक्ष: राममनोहर लोहिया ने इसी धारणा पर कटाक्ष करते हुए उन्हें 'गूंगी गुड़िया' कहकर संबोधित किया था, जिसका अर्थ था कि वह एक ऐसी कठपुतली हैं जो बोलती नहीं है और केवल दूसरों के कहने पर काम करती है।
हालांकि, इंदिरा गांधी ने जल्द ही अपने कठोर फैसलों जैसे कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण, से यह साबित कर दिया कि वह किसी की कठपुतली नहीं हैं। उन्होंने अपनी मजबूत नेता की छवि स्थापित की और यह उपनाम जल्द ही बेअसर हो गया।
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कब बनीं वह दुर्गा और किसने दिया यह नाम?
इंदिरा गांधी को दुर्गा की उपाधि 1971 के ऐतिहासिक भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-Pak War) के बाद मिली थी। यह नाम उन्हें विपक्षी दल के एक बड़े नेता, अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था।
युद्ध का बैकग्राउंड: 1971 में, पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) में भारी अत्याचार हो रहे थे। भारत में लाखों शरणार्थी आ गए थे, जिससे देश पर बड़ा दबाव पड़ रहा था। इंदिरा गांधी ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एक साहसिक और निर्णायक कदम उठाने का फैसला किया।
साहसिक निर्णय: इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भारतीय सेना को पूरी छूट दी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दबाव की परवाह किए बिना मजबूत पॉलिटिकल लीडरशिप का प्रदर्शन किया।
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ऐतिहासिक जीत: भारतीय सेना ने केवल 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। 16 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया और एक नया देश बांग्लादेश अस्तित्व में आया। यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक और सैन्य जीत थी।
वाजपेयी का सम्मान: अटल बिहारी वाजपेयी, जो उस समय विपक्ष में थे, इंदिरा गांधी की इस अद्भुत डिसिशन मेकिंग और अदम्य साहस से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें 'दुर्गा' (शक्ति की देवी) कहकर संबोधित किया।
यह घटना इंदिरा गांधी के करियर का एक टर्निंग पॉइंट था। इस जीत ने उनकी छवि को एक शक्तिशाली नेता और महान देशभक्त के रूप में हमेशा के लिए स्थापित कर दिया, जो देश के लिए कड़े और साहसी निर्णय लेने में सक्षम थीं।
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आपातकाल से तानाशाह तक का सफर
इंदिरा गांधी का राजनीतिक सफर 1975 में उस समय एक बड़ा मोड़ ले लेता है, जब उन्होंने देश में आपातकाल (National Emergency) की घोषणा की। यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा मानी जाती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला: 12 जून 1975 को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के 1971 के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। उन पर चुनाव में सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर दिया था।
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इमरजेंसी की घोषणा और सत्ता का केंद्रीकरण
25 जून 1975 को, इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक अशांति का हवाला देते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी। इसके तहत नागरिकों के सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया।
प्रेस की आजादी (Freedom of Press) छीन ली गई और सेंसरशिप लगा दी गई। सभी बड़े विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया, जिससे उनकी छवि एक तानाशाह की तरह बन गई।
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आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी ने कई सख्त और विवादास्पद फैसले लिए। उन्होंने संविधान में बदलाव किए और अपनी शक्ति को बढ़ाया, जिससे लोकतंत्र खतरे में पड़ गया।
हालांकि, आपातकाल 1977 में समाप्त हुआ, लेकिन इस दौर ने भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी। उनकी छवि 'दुर्गा' से बदलकर एक तानाशाह की हो गई, जिसके चलते उन्हें 1977 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
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इंदिरा गांधी का परिचय और लिगेसी
इंदिरा गांधी का पॉलिटिकल लीडरशिप वाला करियर कई बड़े फैसलों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने गरीबी हटाओ का नारा दिया, बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalization of Banks) किया। देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने का प्रयास किया। 1980 में वह एक बार फिर सत्ता में लौटीं।
पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा। 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने उनकी हत्या कर दी। इंदिरा गांधी भारतीय इतिहास की एक ऐसी विवादास्पद और मजबूत शख्सियत हैं, जिन्होंने पॉलिटिकल लीडरशिप में अपने फैसलों से देश की दिशा बदल दी।
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The Unseen Indira Gandhi किताब भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी और अनजाने पहलुओं पर आधारित है। डॉ. के. पी. माथुर इंदिरा गांधी के निजी चिकित्सक थे और उन्होंने लगभग 30 सालों तक उनके साथ काम किया।
इस पुस्तक में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के अंदर के माहौल, इंदिरा गांधी की दिनचर्या, उनके मानवीय स्वभाव और परिवार के साथ उनके इंटिमेट मोमेंट्स का डिस्क्रिप्शन किया है।
यह किताब उनकी पॉलिटिकल लीडरशिप से परे, उनकी साधारण और निजी जिंदगी को उजागर करती है। इसके बारे में आम जनता को कम जानकारी थी। यह एक दुर्लभ दृष्टि (Indira Gandhi's 1975 Emergency) पेश करती है कि पर्दे के पीछे वह कैसी थीं।
References
- Guha, Ramachandra. 'India After Gandhi: The History of the World's Largest Democracy'.
- The Unseen Indira Gandhi
- The Hindu - Archives on the 1971 Indo-Pak War and Atal Bihari Vajpayee’s statement.
- Government of India Gazettes and Constitutional Amendments related to the 1975 Emergency.
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19 नवंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 19 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 19 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं
1493: क्रिस्टोफर कोलंबस प्यूर्टो रिको (जिसे उन्होंने सैन जुआन ब्यूटिस्टा नाम दिया) में उतरने वाले पहले यूरोपीय बने।
1794: संयुक्त राज्य अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन ने अगले दस वर्षों के लिए शांतिपूर्ण व्यापार के लिए 'जे संधि' (Jay Treaty) का निष्कर्ष निकाला।
1809: ओकाना की लड़ाई (Battle of Ocaña) में फ्रांसीसी सेना ने स्पेनिश सेना को बुरी तरह हराया, जिसमें 4,000 स्पेनिश सैनिक मारे गए।
1816: पोलैंड में शिक्षा को बढ़ावा देते हुए, वारसॉ विश्वविद्यालय (University of Warsaw) की स्थापना की गई।
1822: चिली के वालपराइसो के पास आए भूकंप और उसके बाद आई सुनामी से लगभग 200 लोगों की मृत्यु हो गई।
1824: रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में एक भीषण बाढ़ आई, जिससे लगभग दस हज़ार लोगों की मौत हो गई।
1863: अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने गेट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में सैनिकों के राष्ट्रीय कब्रिस्तान के समर्पण पर प्रसिद्ध 'गेटीसबर्ग एड्रेस' दिया।
1893: पहला रंगीन सप्लीमेंट 'संडे न्यूयॉर्क वर्ल्ड' समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित किया गया।
1895: फ्रेडेरिक ई. ब्लेसडेल को पेपर पेंसिल (Paper Pencil) का पेटेंट प्राप्त हुआ।
1912: प्रथम बाल्कन युद्ध में सर्बिया की सेना ने बीतोला पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे मेसिडोनिया में आट्टोमन (Ottoman) शासन का अंत हुआ।
1933: यूरोपीय देश स्पेन में महिलाओं को वोट देने का अधिकार (मताधिकार) प्रदान किया गया।
1942: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सोवियत सैनिकों ने एक्सिस बलों को घेरने के उद्देश्य से स्टालिनग्राद में 'ऑपरेशन यूरेनस' (Operation Uranus) लॉन्च किया।
1952: यूरोपीय देश स्पेन यूनेस्को (UNESCO) का सदस्य बना।
1969: ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने रियो डी जेनेरियो में वास्को डी गामा के खिलाफ खेलते हुए अपना 1000वाँ गोल किया।
1985: दुनिया की दो महाशक्तियों, सोवियत महासचिव मिखाइल गोर्बाचेव और अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन, ने जिनेवा में अपनी पहली शिखर बैठक की शुरुआत की।
2009: गूगल (Google) ने आखिरकार अपने ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम 'क्रोम ओएस' (Chrome OS) के सोर्स कोड का खुलासा किया।
2013: लेबनान की राजधानी बेरुत में ईरानी दूतावास के पास हुए दोहरे आत्मघाती बम धमाके में 23 लोग मारे गए और 160 घायल हुए।
2014: कॉमेडियन बिल कॉस्बी पर यौन शोषण के आरोपों के बाद, अमेरिकी एनबीसी टेलीविजन नेटवर्क ने उनके साथ चल रही एक परियोजना को रद्द कर दिया।
भारत की प्रमुख घटनाएं
1828: मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ।
1917: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी) का जन्म हुआ।
1932: भारतीय स्वतंत्रता पर तीसरा गोलमेज सम्मेलन (Third Round Table Conference) लंदन में खोला गया।
1975: भारतीय फिल्म अभिनेत्री और भारत की पहली मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन का हैदराबाद में जन्म हुआ था।
1994: भारतीय फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड (Miss World) का खिताब जीता।
1995: भारतीय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन (Weightlifting) में विश्व कीर्तिमान बनाया। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।
1997:कल्पना चावला अंतरिक्ष जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
2006: परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम भारत की स्वदेशी 'पृथ्वी मिसाइल' का सफल परीक्षण किया गया।
2008: भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तबर (INS Tabar) ने सोमालिया के तट से दूर एक समुद्री डाकू जहाज को सफलतापूर्वक नष्ट किया।
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