/sootr/media/media_files/2025/11/19/milkha-singh-2025-11-19-16-48-20.jpg)
आज के दिन की कहानी: मिल्खा सिंह की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। उनका जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका बचपन बहुत कष्टों वाला रहा। 1947 में हुए भयानक देश बंटवारे में मिल्खा सिंह ने अपने माता-पिता और भाई-बहनों को खो दिया था।
वह अनाथ हो गए और किसी तरह भारत पहुंच पाए। उस समय वो अपनी जान बचाने के लिए दिल्ली आ गए थे। दिल्ली के रफ्यूजी कैंप्स में उन्होंने बहुत मुश्किल से जीवन बिताया।
उस समय उनके पास न कोई सहारा था, न कोई काम। फिर उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने का फैसला किया। उन्हें पेट भरने के लिए छोटे-मोटे काम करने पड़े थे।
ये वो समय था जब उन्हें दौड़ना सिर्फ जिंदा रहने के लिए आता था। यहां से उनकी किस्मत बदल गई। आइए उनके इस संघर्षों से भरी जीवन के बारे में जानें...
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/06/milkha-singh-510467.jpg)
सेना में मिली दौड़ की पहचान
सेना में भर्ती होने के बाद ही मिल्खा सिंह की दौड़ने की प्रतिभा सामने आई। उन्हें पता चला कि उनके अंदर असाधारण तेजी है। सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने चार बार कोशिश की थी। पांचवीं बार उन्हें सफलता मिली और वो 1951 में इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियरिंग (EME) सेंटर सिकंदराबाद में भर्ती हुए।
सेना ने उनकी इस प्रतिभा को पहचाना और उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी। उनकी कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग ने उन्हें एक साधारण सैनिक से वर्ल्ड क्लास एथलिट बना दिया। उन्होंने ट्रेनिंग में खुद को बहुत झोंक दिया।
/sootr/media/post_attachments/multimedia/2021_6image_10_51_492937916milkhasingh3-698566.jpg)
दौड़ते-दौड़ते कई बार वे बेहोश भी हो जाते थे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनका यही जुनून उन्हें रेस ट्रैक का बादशाह बनाने वाला था। यहीं से उनकी असली यात्रा शुरू हुई। फ्लाइंग सिख बनने का सफर सेना के डिसिप्लिन से शुरू हुआ था।
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2021/06/ilkha-singh-584784.jpg)
एशियाई खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन
मिल्खा सिंह ने 1958 के एशियाई खेलों (Asian Games) में धमाल मचा दिया। उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल जीता। यह भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
इसी साल 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में भी उन्होंने 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता। वह कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने।
यह आजादी के बाद भारत का पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल था। इस जीत से उन्हें विश्वभर में पहचान मिली। उनकी रफ्तार की चर्चा हर जगह होने लगी थी।
/sootr/media/post_attachments/multimedia/09_29_598860111milkha-132981.jpg)
रोम ओलंपिक 1960: जहां रिकॉर्ड टूटा
मिल्खा सिंह का करियर का सबसे यादगार पल 1960 के रोम ओलंपिक (Rome Olympics 1960) में आया। वो 400 मीटर फाइनल रेस में शामिल थे। इस दौड़ में वह चौथे स्थान पर रहे लेकिन उनका प्रदर्शन अभूतपूर्व था।
उन्होंने 45.6 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया, जो लगभग 40 सालों तक नहीं टूटा। हालांकि, वह ओलंपिक मेडल जीतने से चूक गए। पर उनकी दौड़ ने उन्हें लेजेंड बना दिया। यह मेडल चूकना उनकी सबसे बड़ी रिग्रेट भी थी।
/sootr/media/post_attachments/aajtak/images/story/202106/milkha_singh-6-sixteen_nine-691316.jpg?size=948:533)
फ्लाइंग सिख नाम की कहानी
उन्हें 'फ्लाइंग सिख' (The Flying Sikh) का टाइटल पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने दिया था। 1960 में वह भारत-पाक एथलेटिक्स मीट में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए थे।
उन्हें पाकिस्तान जाने में हिचकिचाहट हो रही थी क्योंकि विभाजन की यादें ताजा थीं। वहां उन्होंने पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक को हराया। लेकिन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के समझाने पर वह गए।
उन्होंने उस दौड़ में पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक को हराया। जनरल अयूब खान ने उनकी तेज रफ्तार देखकर उन्हें 'फ्लाइंग सिख' कहकर पुकारा। यह नाम हमेशा के लिए उनके साथ जुड़ गया।
लिगेसी और ऑनर
मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में कुल 80 रेस जीती थीं। 1959 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया। रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने खेलों को बढ़ावा दिया। उनकी जिन्दगी पर 'भाग मिल्खा भाग' (Bhaag Milkha Bhaag) नाम की एक सुपरहिट फिल्म भी बनी।
/sootr/media/post_attachments/sites/ichowk/fb_feed_images/story_image/202106/milka-singh-1820x102_061921021044-483623.jpg)
18 जून 2021 को कोरोना के कारण 91 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। मिल्खा सिंह आज भी हर भारतीय को मेहनत और जुनून से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वह हमेशा युवाओं के लिए सच्ची प्रेरणा बने रहेंगे। उनकी कहानी बताती है कि जुनून और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
Reference Links
- Olympics Official Website
- Commonwealth Games Federation
- Padma Awards Directory
- Press Information Bureau (PIB) India
/sootr/media/post_attachments/6387fecc-9cf.webp)
20 नवंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 20 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 20 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं
284: डायोक्लेटियन रोमन सम्राट बने और तीसरी शताब्दी के संकट को समाप्त करने के लिए सुधार शुरू किए।
1386: तुर्को-मंगोल विजेता तैमूर ने त्बिलिसी के जॉर्जियन कैपिटल पर कब्जा कर लिया और राजा बगरत वी को इस्लाम में परिवर्तित किया।
1719: स्टॉकहोम ने स्वीडन और हनोवर के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1739: जेनकिन्स की इयर-ए-ब्रिटिश नौसैनिक बल ने पनामा में पोर्टोबेलो की स्पेनिश बस्ती पर कब्जा किया।
1815: नेपोलियन युद्ध 12 साल बाद आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया।
1815: यूरोप में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रूस, प्रशिया, ऑस्ट्रिया और इंग्लैंड ने गठबंधन किया।
1817: फ्लोरिडा में पहला सेमिनोल युद्ध शुरू हुआ।
1820: अमेरिकी व्हेलशिप एसेक्स पर एक शुक्राणु व्हेल ने हमला किया, जिससे जहाज डूब गया (यह घटना 'मोबी-डिक' की प्रेरणा बनी)।
1829: रूस के निकोलायेव और सेवेस्तोपोल क्षेत्र से यहूदियों को बाहर निकाला गया।
1845: वुट्टा डी ओब्लिगैडो की लड़ाई में अर्जेंटीना प्रतियोगिता की एंग्लो-फ्रेंच नाकाबंदी को हराया गया।
1866: हावर्ड विश्वविद्यालय की स्थापना वाशिंगटन, डी.सी. में की गयी।
1902: खेल पत्रकार गियो लेफ़ेवरे ने बाद में टूर डी फ्रांस के रूप में प्रसिद्ध साइकिल दौड़ का विचार रखा।
1934: जॉर्जस थेनिस दूसरी बार बेल्जियम के प्रधान मंत्री बने।
1936: फ़ासीवादी फालेंज एस्पेनोला के संस्थापक जोस एंटोनियो प्राइमो डे रिवेरा को रिपब्लिकन सरकार द्वारा निष्पादित किया गया।
1942: ब्रिटिश सेना ने लीबिया की राजधानी बेनगाजी पर दोबारा कब्जा किया।
1945: प्रलय के समय नाजीसिंवल का नेतृत्व करने वाले 24 के नूर्नबर्ग परीक्षण जर्मनी में शुरू हुए।
1950:कोरिया युद्ध में पहली बार अमरीका और चीन की सेनाओं का आमना-सामना हुआ।
1960: स्वीडन में यूरोपीय देशों के 7वें कन्वेंशन में स्वतंत्र यूरोपीय व्यापार संगठन एफ़टा के गठन पर सहमति हुई।
1962: नोबल पुरस्कार विजेता डेनमार्क के प्रसिद्ध वैज्ञानिक नील बोहर का 82 वर्ष की आयु में निधन हुआ।
1968: अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में एक कोयला खदान में विस्फोट से 78 लोगों की मौत हो गई।
1969: अमेरिकी मूल-निवासियों के एक समूह के कार्यकर्ताओं ने सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में अलकाट्राज़ द्वीप पर 19 महीने का बंदोबस्त शुरू किया।
1975: 39 वर्षों तक स्पेन पर शासन करने वाले तानाशाह जनरल फ्रैंसिस्को फ्रैंको की मौत हो गई।
1979: हथियारबंद विद्रोहियों ने मक्का में मस्जिद-हरम पर हमला किया।
1980: एक तेल मंच ड्रिलिंग दुर्घटना के कारण झील Peigneur का पानी लुइसियाना राज्य के नीचे एक नमक की खदान में पलायन कर गया।
1981: अफ्रीकी देश बुरुंडी में संविधान अंगीकार किया गया।
1985: बिल गेट्स ने विंडोज-1 ऑपरेटिंग सिस्टम को बाजार में उतारा।
1991: नागोर्नो-करबाख युद्ध के दौरान, एक अज़रबैजान सैन्य हेलीकॉप्टर को शांति रक्षक मिशन पर गोली मार दी गई।
1994:लुसाका प्रोटोकॉल के अनुसार, अंगोलन ने सिविल युद्ध को समाप्त करने के लिए UNITA विद्रोहियों के साथ युद्ध विराम किया।
1999: पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने पहले शेनझेन अंतरिक्ष यान की शुरुआत की।
2005: जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने चीन यात्रा के दौरान चर्च सेवा में भाग लिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कही।
2006: अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज नैस्डैक ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज को खरीदने के लिए औपचारिक रूप से £ 2.7 बिलियन की बोली शुरू की।
2007: पाकिस्तानी सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए 3,400 कैदियों को मुक्त किया।
2009: संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट ने सीनेटर रोलैंड बुरीस पर लगे कानूनी अपराधों के आरोपों पर सफाई दी।
2010: वेटिकन ने चर्च पर यौन शोषण से लड़ने के लिए बिशप के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित करने का फैसला किया।
2011: मिस्र की सत्तारूढ़ सैन्य सरकार के खिलाफ काहिरा के तहरीर स्क्वायर में हिंसक प्रदर्शनों में 13 लोगों की हत्या हुई।
2012:चर्च ऑफ इंग्लैंड ने महिलाओं को पादरी बनाए जाने के विरोध में मत दिया।
2012: ईरान ने इज़राइल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेस को फिलिस्तीनियों पर हमले के लिए रॉकेट हमले जारी रखने के लिए प्रेरित करने का दावा करने के लिए दोषी ठहराया।
2013: पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने सेना के दो सैनिकों की हत्या कर दी।
2014: उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव के जवाब में एक और परमाणु परीक्षण करने की चेतावनी दी।
2015: अफ्रीकी देश माली की राजधानी बमाको में बंधक बनाकर कम से कम 19 लोगों की हत्या की गई।
भारत की प्रमुख घटनाएं
1955:पॉली उमरीगर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में भारत की ओर से पहला दोहरा शतक लगाया।
2008: सोमाली सरकार ने भारतीय नौसेना को समुद्री डाकुओं के पीछा करने के लिए अपने क्षेत्रीय जल में प्रवेश करने की अनुमति दी।
आज का इतिहास से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
आज का इतिहास: भारत को पहला ओलंपिक मुक्केबाजी पदक दिलाने वाले विजेंदर सिंह का हुआ जन्म
आज का इतिहास : संयुक्त राष्ट्र में हिंदी की पहली गूंज, अटल बिहारी वाजपेयी का वह ऐतिहासिक भाषण
आज का इतिहास: कैसे खड़ी हुई थी दुनिया की सबसे बड़ी आजादी की मशाल Statue of Liberty
आज का इतिहास : 30 हजार राजपूतों की शहादत की तारीख है 26 अगस्त
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us