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आज के दिन की कहानी:दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि आज से लगभग सौ साल पहले हमारी दुनिया कैसी दिखती होगी? उस समय सूचना और मनोरंजन के लिए रेडियो और अखबार ही मुख्य साधन थे। एक छोटे से तकनीकी चमत्कार ने इस पूरी तस्वीर को हमेशा के लिए बदल दिया।
हम बात कर रहे हैं उस 'जादुई डब्बे' की, जिसे हम सब प्यार से टेलीविजन (TV) कहते हैं। 21 नवंबर को पूरी दुनिया वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाती है, जो इस महान आविष्कार को सम्मान देने का दिन है। यह कहानी सिर्फ एक मशीन की नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी बदलने की है।
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टेलीविजन का जन्म और आविष्कार
टेलीविजन का सफर किसी परी कथा से कम नहीं रहा है। इस आविष्कार का क्रेडिट किसी एक व्यक्ति को देना मुश्किल है। सबसे पहले, स्कॉटलैंड के जॉन लोगी बेयर्ड ने 1920 के दशक में मैकेनिकल टेलीविजन का प्रदर्शन किया था।
यह आज के टीवी जैसा नहीं था, लेकिन यह चलती हुई तस्वीरों को दिखाने की शुरुआत थी। फिर, फिलो फार्नस्वर्थ जैसे वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन का आविष्कार करके इसे आधुनिक रूप दिया।
यह वो तकनीक थी, जिसने टीवी को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचा दिया। यह आविष्कार वाकई में विज्ञान की सबसे बड़ी जीत में से एक था।
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टीवी: भारत में एक शांत क्रांति का आगमन
जहां पश्चिमी देशों में टीवी 1930 और 40 के दशक में लोकप्रिय हो चुका था, वहीं भारत में इसका आगमन थोड़ा देर से हुआ। भारत में 15 सितंबर 1959 को टेलीविजन की शुरुआत हुई थी, यह एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक पल था।
भारत में टेलीविजन की कहानी बड़ी ही दिलचस्प और धीमी रफ्तार से शुरू हुई थी। इसकी शुरुआत 1959 में दिल्ली में एक छोटे से एक्सपेरिमेंट के रूप में हुई थी। इसे तब ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के तहत शुरू किया गया था। तब, यह सिर्फ शैक्षिक कार्यक्रमों और सामाजिक विकास पर केंद्रित था।
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साल 1965 में, रोजाना प्रसारण (Regular Broadcast) शुरू हुआ, लेकिन यह केवल दिल्ली तक ही सीमित था। 1975 तक, यह मुश्किल से सात भारतीय शहरों तक ही पहुंच पाया था।
1976 में, ऑल इंडिया रेडियो से अलग होकर दूरदर्शन (Doordarshan) की स्थापना हुई थी। दूरदर्शन का मतलब ही था 'दूर का दर्शन', जो सही मायनों में लोगों को दूर की दुनिया दिखाता था।
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दूरदर्शन और घर-घर तक पहुंच
1980 के दशक में दूरदर्शन ही एकमात्र चैनल था, जिसने भारतीय घरों में टीवी को असली पहचान दी। उस समय 'रामायण' और 'महाभारत' जैसे सीरियल शुरू हुए थे, जिसने पूरे देश को एक साथ जोड़ दिया।
लोग रविवार की सुबह पूरा परिवार एक साथ बैठकर टीवी देखने के लिए तैयार रहते थे। यह वो समय था जब टेलीविजन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समाज का हिस्सा बन गया।
टीवी देखने के लिए पड़ोसियों का घर भर जाता था, यह उस दौर की सबसे प्यारी यादों में से एक है। टीवी ने राष्ट्रीय एकता और आपसी समझ को बहुत मजबूत किया।
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वह दौर जब गांव-गांव में जादू फैल गया
1980 के दशक में भारत में टेलीविजन का असली जादुई दौर शुरू हुआ। कलर टीवी और नेशनल प्रोग्रामिंग ने भारतीय समाज को पूरी तरह बदल दिया था। एशियाई खेल (Asian Games) 1982 के प्रसारण ने टीवी को घर-घर पहुंचाने में बड़ी मदद की।
रामायण और महाभारत जैसे ऐतिहासिक शो ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। पूरा परिवार एक साथ बैठकर ये शो देखता था, जिससे टीवी एक सामाजिक केंद्र बन गया था।
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इन शोज ने लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को फिर से मजबूत किया था। 'हम लोग' भारत का पहला सोप ओपेरा था, जिसने सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात की। इन शोज ने लोगों के विचारों और भावनाओं पर गहरा असर डाला था। उस छोटे डब्बे ने राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा दिया था।
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मॉडर्न एरा का डिजिटल बदलाव
आजकल हम स्मार्ट टीवी, OTT प्लेटफॉर्म और 4K रेजोल्यूशन की बात करते हैं। टीवी अब सिर्फ सरकारी चैनल तक सीमित नहीं रहा है। यह सैकड़ों चैनल, इंटरनेट और इंटरैक्टिव कंटेंट का पावरहाउस बन गया है। अब वर्ल्ड टेलीविजन डे इस बात का प्रतीक है कि मीडिया का हमारे जीवन में कितना गहरा महत्व है।
यूनाइटेड नेशंस (UN) ने 1996 में पहला वर्ल्ड टेलीविजन फोरम आयोजित किया था। तभी से 21 नवंबर को यह दिन मनाया जाता है, ताकि टीवी के प्रभाव पर चर्चा की जा सके। यह दिन हमें याद दिलाता है कि टेलीविजन एक शक्तिशाली टूल है, जिसका इस्तेमाल शांति और विकास के लिए होना चाहिए।
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कैसे TV ने लोगों की जिंदगी बदल दी
टेलीविजन ने कई मायनों में आम आदमी की जिंदगी को छू लिया था:
सूचना का अधिकार: टीवी ने दूर-दराज के गाँवों तक खबरें और सरकारी नीतियां पहुंचाईं।
शिक्षा का विस्तार: यह साक्षरता और स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश देता था।
महिलाओं का सशक्तिकरण: टीवी पर महिलाओं को नए रोल्स में देखकर प्रेरणा मिली।
मनोरंजन और तनाव मुक्ति: इसने लोगों को रोजमर्रा के तनाव से राहत दिलाई थी।
राजनीतिक जागरूकता: लोगों को चुनावी प्रक्रिया और नेताओं के बारे में पता चलने लगा था।
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टेलीविजन ने बच्चों के सीखने के तरीके को भी बदल दिया। आज, टेलीविजन डिजिटल मीडिया के साथ मिलकर नए आयाम छू रहा है। यह अब सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि इंटरनेट और ओटीटी का हब बन चुका है।
वर्ल्ड टेलीविजन डे हमें याद दिलाता है कि टेलीविजन एक शक्तिशाली टूल है। हमें इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी से करना चाहिए। यह सत्य, शांति और विकास को बढ़ावा देने का माध्यम बनना चाहिए। यह छोटा डब्बा आज भी हमारे समाज और विचारों को आकार दे रहा है।
21 नवंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 21 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 21 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं
1694: फ्रांस के प्रसिद्ध दार्शनिक और लेखक वॉल्टेयर (Françios Marie Arouet) का जन्म हुआ।
1783: पहली बार गुब्बारे (बैलून) द्वारा मनुष्य ने आकाश में उड़ने का सफल प्रयास किया।
1791: कर्नल नेपोलियन बोनापार्ट को फ्रांसीसी गणराज्य की सेनाओं के लिए जनरल और नियुक्त कमांडर-इन-चीफ के पद पर पदोन्नत किया गया।
1806:नेपोलियन बोनापार्ट ने बर्लिन आदेश जारी किया, जिसके तहत फ़्रांस के प्रभाव वाले यूरोपीय देशों का ब्रिटेन के साथ व्यापार प्रतिबंधित कर दिया गया।
1877: अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन ने दुनिया के सामने पहला फोनोग्राफ पेश किया, जिस पर आवाज रिकॉर्ड की जा सकती थी।
1894: पहले चीन-जापानी युद्ध के दौरान, जापानी द्वितीय सेना ने लुशंकू शहर पर कब्जा करने के बाद 1,000 से अधिक चीनी सैनिकों और नागरिकों को मार डाला।
1980:लास वेगास के एमजीएम ग्रांड होटल और कैसीनो में भीषण आग लगने से 85 लोग मारे गए थे।
1989: ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में पहली बार कैमरे लगाए गए।
2002:बुल्गारिया, लातविया, रोमानिया सहित सात पूर्वी यूरोपीय देशों को नाटो (NATO) का सदस्य बनने का निमंत्रण दिया गया।
2005: इजरायल के प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने लिकुड से इस्तीफा देकर एक नई पार्टी बनाने की घोषणा की।
2009: एक शोध के अनुसार, होमो फ्लोरेसेंसिस (2003 में खोजी गई) एक विशिष्ट प्रजाति है, न कि बौनेपन या माइक्रोसेफली वाली प्रजाति।
भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं
1962:चीन-भारतीय युद्ध समाप्त हो गया; चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एकतरफा युद्धविराम की घोषणा करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से पीछे हटने का फैसला किया।
1963: केरल के थुंबा क्षेत्र से रॉकेट छोड़े जाने के साथ ही भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आधिकारिक रूप से शुरू हुआ।
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