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आज के दिन की कहानी: यह बात है दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद की। एक तरफ दुनिया राहत की सांस ले रही थी, वहीं भारत की धरती पर एक ऐसा कानूनी ड्रामा शुरू होने वाला था। इसकी गूंज ने ब्रिटिश राज को हमेशा के लिए चुप करा दिया। यह कहानी है भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA-जिसे आाद हिन्द फौज भी कहते हैं) के बहादुर सिपाहियों की।
इस सेना को हमारे महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तैयार किया था। इनका एक ही मकसद था: अंग्रेजों से हाथ मिलाकर लड़ने की बजाय, जापान जैसे देशों की मदद से भारत को आजादी दिलाना।
ये सैनिक, जो ज्यादातर ब्रिटिश इंडियन आर्मी के युद्धबंदी थे, उन्होंने नेताजी के 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' नारे में नई उम्मीद देखी और अपनी जान हथेली पर रखकर भारत की स्वतंत्रता के लिए जंग लड़ी।
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तारीख: 5 नवम्बर 1945 और लाल किला
जब जापान ने सरेंडर किया और आजाद हिन्द फौज के सैनिक ब्रिटिश सेना के कब्जे में आ गए, तो ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें देशद्रोह के आरोप में सजा देने का फैसला किया। उन्होंने जानबूझकर सुनवाई के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले को चुना।
लाल किला मुगलों की शान का प्रतीक था और अब ब्रिटिश इसे अपनी ताकत दिखाने का अखाड़ा बनाना चाहते थे। उनका मकसद था कि इन सैनिकों को सरेआम सजा देकर, भारत की जनता में डर पैदा किया जाए और आजादी की हवा को रोका जाए। 5 नवम्बर 1945 को पहले मुकदमे की शुरुआत हुई। जिन तीन अफसरों को सबसे पहले कठघरे में खड़ा किया गया, वे थे:
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- मेजर जनरल शाह नवाज खान (Major General Shah Nawaz Khan)
- कर्नल प्रेम कुमार सहगल (Colonel Prem Kumar Sehgal)
- कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों (Colonel Gurbaksh Singh Dhillon)
ये तीनों हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्मों से थे। ब्रिटिशों की रणनीति थी कि अलग-अलग धर्मों के लोगों पर मुकदमा चलाकर भारत में एकता को तोड़ा जाए। लेकिन इसका उल्टा हुआ।
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नेशनवाइड उबाल: जब पूरा भारत एक हो गया
जैसे ही लाल किले में मुकदमों की खबर फैली, पूरे देश में बिजली-सी दौड़ गई। लोग आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को देशद्रोही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नायक और आजादी के सिपाही मानने लगे। इन मुकदमों ने जाति, धर्म और भाषा की सभी दीवारों को तोड़ दिया।
कांग्रेस का समर्थन:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) ने इन सैनिकों के बचाव के लिए एक 'INA डिफेन्स कमिटी' बनाई।
वकीलों की फौज:
इस कमेटी में देश के सबसे बड़े वकील शामिल हुए, जैसे भूलाभाई देसाई, जवाहरलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू और आसफ अली। भूलाभाई देसाई ने कोर्ट में समानता और राष्ट्रवाद पर जो जोरदार बहस की, वह आज भी इतिहास में दर्ज है। उन्होंने दलील दी कि इन सैनिकों ने किसी राजा या हुकूमत के साथ नहीं, बल्कि अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।
जनता का गुस्सा:
देशभर में हड़तालें हुईं, धरने दिए गए और जबरदस्त प्रदर्शन हुए। लोगों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ "लाल किले से आई आवाज – सहगल, ढिल्लों, शाह नवाज!" जैसे नारे लगाए। यहां तक कि ब्रिटिश इंडियन आर्मी और नौसेना के कई हिस्सों में भी विद्रोह की चिंगारी उठ गई। कांग्रेस ने 5 नवम्बर से 11 नवम्बर तक 'आईएनए सप्ताह' और 12 नवम्बर को 'आईएनए दिवस' मनाया।
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सजा की माफी और नैतिक जीत
ब्रिटिश हुकूमत को समझ आ गया कि अगर इन सैनिकों को सजा दी गई, तो देश में विद्रोह भड़क जाएगा और उनकी सत्ता बचानी मुश्किल हो जाएगी। आखिरकार, उन्हें झुकना पड़ा।
कोर्ट मार्शल ने तीनों अधिकारियों को दोषी ठहराया और सजा-ए-मौत सुनाई। लेकिन उस समय के कमांडर-इन-चीफ, जनरल क्लॉड ऑचिनलेक को मजबूरन अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करके सजा माफ करनी पड़ी। उन्हें लगा कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे, तो भारत में उनकी सेना की वफादारी भी खतरे में पड़ जाएगी।
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यह फैसला सिर्फ एक कानूनी जीत नहीं थी, यह ब्रिटिश राज के लिए एक बड़ी नैतिक और राजनीतिक हार थी। लाल किले का मुकदमा भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, जिसने यह साफ कर दिया कि अब अंग्रेजों का जाना तय है। यह मुकदमा भारतीय राष्ट्रवाद और एकता का एक ऐसा प्रतीक बन गया, जिसने आजादी की आखिरी लड़ाई को हवा दी।
Reference Links
- Indian National Army - Wikipedia
- The Red Fort Trials of 1945 and its impact on Indian Independence - A Research Paper
- Bhulabhai Desai's arguments in INA Trials - Official Archives of Indian History
- Indian Independence Movement: The Final Push - A History Book Chapter
5 नवम्बर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 5 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 5 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1138: ली अनह टोंग को दाइ वियत (Đại Việt) का सम्राट बनाया गया, उनका 37 साल का शासन शुरू हुआ।
1556: द्वितीय पानीपत युद्ध में मुगल शासक अकबर ने हेमू को पराजित किया।
1605: गाइ फ़ाक्स को वेस्टमिंस्टर के महल में लॉर्ड्स के हाउस को नष्ट करने की रॉबर्ट कैट्सबी की साजिश को नाकाम करते हुए गिरफ्तार किया गया।
1639: अमेरिकी शहर मैसाच्युसेट्स में पहले डाकघर की स्थापना हुई।
1743: यूसुफ-निकोलस ड्यूसेलेल ने बुध के पारगमन के समन्वित वैज्ञानिक टिप्पणियों का आयोजन किया।
1773: जॉन हेनकॉक बोस्टन शहर की बैठक में मध्यस्थ चुने गए, जिसने चाय अधिनियम का समर्थन करने वालों को "अमेरिका का शत्रु" घोषित किया।
1780: कर्नल लाबाल्म के अधीन फ्रांसीसी-अमेरिकी बल को मियामी चीफ लिटिल टर्टल ने पराजित किया।
1781: जॉन हंसन ने अमेरिका के पहले संकलित कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की।
1812: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जेम्स मैडिसन ने डेविट क्लिंटन को हराया।
1824: अंग्रेजी भाषी दुनिया के पहले तकनीकी विश्वविद्यालय, रेंससेलयर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट, की स्थापना न्यूयॉर्क के ट्रॉय में हुई।
1829: तकनीकी विश्वविद्यालय डेनमार्क (DTU) खोला गया।
1838: मध्य अमेरिका के संघीय गणराज्य के पतन के कारण निकारागुआ संघ से अलग हो गया।
1862: अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने जॉर्ज बी. मैकलेलन को दूसरी और अंतिम बार यूनियन आर्मी के कमांडर पद से हटाया।
1872: उल्येसेस एस ग्रांट अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
1895: अमेरिकी राज्य यूटा में महिला मताधिकार की शुरुआत की गई।
1909: पहला वूलवर्थ डिपार्टमेंटल स्टोर ब्रिटेन के लिवरपूल में खोला गया।
1916: एवरेट, वॉशिंगटन, अमेरिका में सशस्त्र टकराव हुआ, जिसमें औद्योगिक श्रमिकों के सदस्यों सहित सात लोगों की मौत हो गई।
1918: यूरोपीय देशों से फैली इन्फ़लूएन्ज़ा की महामारी ने दुनिया में 10 लाख लोगों की जान ली।
1925: जेम्स बॉन्ड की प्रेरणाओं में से एक, 20वीं सदी के पहले 'सुपर-स्पाई' सिडनी रीली को सोवियत गुप्त पुलिस ने मार डाला।
1940: उत्तरी अटलांटिक सागर में जर्मनों ने एक ब्रिटिश यात्री जहाज और एक मालवाहक जहाज को नष्ट कर दिया।
1943: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक अज्ञात विमान ने वेटिकन सिटी पर चार बम गिराए, जिससे इसकी तटस्थता भंग हुई।
1944: फ़्रांस के चिकित्सक, जीव वैज्ञानिक और दार्शनिक डॉक्टर एलेक्सेस कार्ल का निधन हुआ।
1950: कोरियाई युद्ध के दौरान 27वीं ब्रिटिश कॉमनवेल्थ ब्रिगेड ने पाकचोन की लड़ाई में चीनी घुसपैठ को रोकने में कामयाबी हासिल की।
1952: पहला पोर्टेबल ग्लूकोमीटर "ग्लूकोमीटर" मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर को मापने के लिए बाजार में उतारा गया।
1967: लंदन जाने वाली एक कम्यूटर एक्सप्रेस ट्रेन होरे ग्रीन में पटरी से उतर गई, जिसमें 49 लोग मारे गए और 78 घायल हुए।
1976: सोवियत संघ ने परमाणु परीक्षण किया।
1991: संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट ने रॉबर्ट गेट्स को केंद्रीय खुफिया विभाग (CIA) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया।
1995: कानाडाई प्रधानमंत्री जीन चेरेतिन की हत्या करने की कोशिश को उनकी पत्नी ने नाकाम कर दिया।
2003: अमेरिकी सीरियल किलर गैरी रिडग्वे ने 48 फर्स्ट डिग्री मर्डर का दोषी माना।
2006: जर्मनी में दो उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों की विफलता से पश्चिमी यूरोप के बड़े क्षेत्र में बिजली कटौती हुई।
2006: इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा सुनाई गई।
2007: लंदन में हाई स्पीड पहला चैनल सुरंग यात्रियों के लिए खोला गया।
2007: चीन का पहला अंतरिक्ष यान 'चांग ई 1' चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा।
2009: यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी के मेजर निदाल मलिक हसन ने फोर्ट हुड में गोलीबारी की, जो अमेरिकी सैन्य अड्डे पर सबसे खराब शूटिंग थी।
2013: बिल डे ब्लासिओ न्यूयॉर्क शहर के मेयर चुने गए।
भारत इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
- 1945: भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के कैदियों के मामलों की सुनवाई लाल किले में शुरू हुई।
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