आज का इतिहास: आज के दिन हुई थी बापू की गिरफ़्तारी, भारतीयों की स्वतंत्रता के लिए उठाई थी आवाज

इतिहास में 6 नवम्बर 1913 को महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए गिरफ्तार किया गया। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई ।

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Manya Jain
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6 नवम्बर 1913, एक ऐसा दिन था जब महात्मा गांधी, जो तब तक दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे, को गिरफ्तार किया गया।

यह घटना सिर्फ गांधीजी के जीवन का एक अहम मोड़ नहीं थी, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गई।

इस दिन की घटना ने साबित कर दिया कि गांधीजी का संघर्ष एक बदलाव की आहट है, जो जल्द ही भारतीय समाज के हर वर्ग में गूंजेगा।

दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों का संघर्ष

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में लगभग 21 वर्षों तक रहे, और इसी दौरान उन्होंने भारतीयों के लिए कई महत्वपूर्ण संघर्षों की शुरुआत की। 1906 में गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए पहली बार आवाज़ उठाई थी।

 जब ब्रिटिश शासन ने भारतीयों को अपनी पहचान और अधिकारों से वंचित किया था। इसके बाद उन्होंने सत्याग्रह नामक अहिंसक प्रतिरोध आंदोलन की नींव रखी थी, जो बाद में भारत में स्वतंत्रता संग्राम का आधार बना।

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1913 में, गांधीजी ने भारतीय श्रमिकों पर लगे टैक्स के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत की। ब्रिटिश शासन ने दक्षिण अफ्रीका में उन भारतीयों पर विशेष टैक्स लगाना शुरू कर दिया था।

जो पहले ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन "अंडेंटर्ड लेबर" (indentured labor) के रूप में काम करने के लिए वहां लाए गए थे। इन श्रमिकों को अपने अधिकारों के लिए न्याय की आवश्यकता थी, और गांधीजी ने इस विरोध को नेतृत्व देने का निश्चय किया।

6 नवम्बर 1913: गिरफ्तारी और सत्याग्रह

गांधीजी ने 1913 में एक बड़े पैमाने पर विरोध मार्च की योजना बनाई। यह विरोध मार्च "सत्याग्रह" के रूप में जाना जाता था, जिसमें भारतीयों ने अपने अधिकारों के लिए अहिंसक प्रतिरोध किया।

6 नवम्बर को गांधीजी और उनके समर्थक एक ऐसे विरोध मार्च में शामिल होने के लिए तैयार थे, जो नकदी टैक्स के खिलाफ था। यह आंदोलन उन भारतीय श्रमिकों के लिए था।

जो पहले ब्रिटिश साम्राज्य के तहत काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका लाए गए थे, और अब उन्हें इन अत्यधिक करों का शिकार बनाया जा रहा था।

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जब गांधीजी और उनके साथी इस मार्च की शुरुआत करने वाले थे, तब उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी। गांधीजी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें कुछ ही समय बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।

गांधीजी की गिरफ्तारी से विरोध और भी अधिक भड़क गया, क्योंकि यह अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले गांधीजी को गिरफ्तार करने की एक कोशिश थी। लेकिन गांधीजी ने हार मानने की बजाय, फिर से मार्च में शामिल होने का निर्णय लिया।

अगले ही दिन, गांधीजी फिर से अपने साथी सत्याग्रहियों के साथ इस आंदोलन में शामिल हो गए और एक बार फिर से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इस घटना ने गांधीजी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया, और यह संघर्ष दक्षिण अफ्रीका के भारतीय समुदाय के लिए एक मील का पत्थर बन गया।

गांधीजी का नेतृत्व और सत्याग्रह का असर

गांधीजी की गिरफ्तारी और सत्याग्रह आंदोलन ने एक नई दिशा दी। उन्होंने यह साबित किया कि भारतीयों को अपने अधिकारों के लिए अहिंसा अपनानी चाहिए।

अहिंसा का रास्ता अपनाकर वे दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठा सकते थे। गांधीजी का यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक नहीं था, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का प्रतीक बन गया।

गांधीजी का सत्याग्रह सिर्फ एक रणनीति नहीं था, बल्कि उनका जीवन दर्शन था। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सम्मान और मानवाधिकारों के लिए है। इस संघर्ष में किसी भी प्रकार की हिंसा का स्थान नहीं है। उनका मानना था कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही सच्चा न्याय मिलता है।

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जरूरी मोड़

गांधीजी की गिरफ्तारी और उसके बाद के घटनाक्रम ने भारतीय समुदाय को एकजुट किया। यह संघर्ष सिर्फ टैक्स के खिलाफ नहीं था। यह भारतीयों के अधिकारों, पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए था। गांधीजी का आंदोलन सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को फैलाने में सफल रहा।

दक्षिण अफ्रीका में इस आंदोलन के बाद, गांधीजी को महान नेता के रूप में पहचाना गया। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्ष ने उन्हें समाज सुधारक के तौर पर स्थापित किया।

निष्कर्ष

महात्मा गांधी की गिरफ्तारी 6 नवम्बर 1913 को केवल एक घटना नहीं थी, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम था।

गांधीजी का यह संघर्ष भारतीयों के लिए एक नई आशा का स्रोत बन गया, और उनके विचार और तरीके आगे चलकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण हथियार बने।

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आज भी, गांधीजी की गिरफ्तारी और उनके संघर्ष को याद किया जाता है, और उनकी शिक्षाओं का पालन किया जाता है। गांधीजी का यह सत्याग्रह न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन गया, कि अहिंसा और सत्य के रास्ते पर चलकर कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

रिफरेन्स लिंक्स:

6 नवम्बर को हुई 10 बड़ी घटनाएं:

  1. महात्मा गांधी की गिरफ्तारी (1913): महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में 6 नवम्बर 1913 को गिरफ्तार किया गया था, जब वे भारतीय मजदूरों पर लगे कर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदलने वाली थी।

  2. किंग चार्ल्स का जन्म (1948): ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स का जन्म 6 नवम्बर 1948 को हुआ था, जो ब्रिटेन के वर्तमान सम्राट हैं। उनका शासन ब्रिटेन और दुनिया भर में महत्वपूर्ण रहा है।

  3. फ़िल्म ‘द मर्डर ऑफ सिसी' का प्रीमियर (1934): 6 नवम्बर 1934 को फिल्म "द मर्डर ऑफ सिसी" का प्रीमियर हुआ, जो एक महत्वपूर्ण कला फिल्म मानी जाती है।

  4. विश्व महासागर सम्मेलन (1972): 6 नवम्बर 1972 को विश्व महासागर सम्मेलन की शुरुआत हुई थी, जिसमें समुद्रों और महासागरों के संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा की गई थी।

  5. क्यूबा की क्रांति की शुरुआत (1959): 6 नवम्बर 1959 को क्यूबा की क्रांति की महत्वपूर्ण घटना घटी, जब क्यूबा के लोग अपने हुकूमत के खिलाफ उठ खड़े हुए थे।

  6. रुसो-जापानी युद्ध का अंतिम सत्र (1905): 6 नवम्बर 1905 को रूस और जापान के बीच चल रहे युद्ध का आखिरी सत्र समाप्त हुआ था, जिसमें जापान ने विजय प्राप्त की थी।

  7. जर्मन भाषा का मानकीकरण (1880): जर्मनी में 6 नवम्बर 1880 को जर्मन भाषा को मानकीकृत किया गया, जिससे जर्मन भाषा के विकास को बल मिला।

  8. एटलांटा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन (1916): 6 नवम्बर 1916 को एटलांटा, जॉर्जिया में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुआ था।

  9. महान लेखक और नाटककार ऑस्कर वाइल्ड का जन्म (1854): 6 नवम्बर 1854 को इंग्लैंड के प्रसिद्ध लेखक और नाटककार ऑस्कर वाइल्ड का जन्म हुआ था। उनके साहित्य ने दुनिया भर में प्रभाव डाला।

  10. यूएसए में लोकतांत्रिक पार्टी के चुनाव (1824): 6 नवम्बर 1824 को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा था।

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