/sootr/media/media_files/2025/11/06/national-cancer-awareness-day-history-goals-2025-11-06-16-36-53.jpg)
आज के दिन की कहानी: जरा सोचिए, एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं कैंसर। लेकिन इस बीमारी से लड़ने के लिए सिर्फ हिम्मत नहीं, बल्कि सही जानकारी भी चाहिए।
इसी सही जानकारी को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने के लिए भारत में हर साल 7 नवंबर को एक बड़ा कदम उठाया जाता है जिसे हम राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस कहते हैं। पर 7 नवंबर ही क्यों? क्या इस तारीख का कोई ऐतिहासिक राज है? बिल्कुल है, आइए जानें...
/sootr/media/post_attachments/hubfs/Pros%20and%20Cons%20of%20Treating%20Cancer%20with%20Radiation%20Therapy%20(1)-657978.jpg)
कैसे शुरू हुआ ये दिन
यह तारीख जुड़ी है एक महान महिला वैज्ञानिक से- मैरी क्यूरी (Marie Curie)। 7 नवंबर उनका जन्मदिन है। मैरी क्यूरी वह शख्सियत थीं जिन्होंने रेडियम और पोलोनियम जैसे तत्वों की खोज की।
उनकी यह खोज न केवल विज्ञान के लिए क्रांति थी, बल्कि कैंसर के इलाज (रेडियोथेरेपी) की नींव भी बनी। भारत सरकार ने साल 2014 में आधिकारिक तौर पर इस दिन को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस घोषित किया।
इसका सीधा मकसद यही था कि मैरी क्यूरी की वैज्ञानिक विरासत को सम्मान दिया जाए और साथ ही, देश की जनता को यह बताया जाए कि कैंसर कोई 'लाइलाज' रोग नहीं, बल्कि अगर समय पर पता चले, तो इसका इलाज संभव है।
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/06/CancerTreatment_Graphic-243880.png)
भारत में कैंसर की चुनौती
भारत में हर साल लाखों लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं। पुरुषों में मुंह, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर आम हैं, वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) सबसे बड़ी चुनौती हैं।
लेकिन असली समस्या क्या है? ज्यादातर केस में, लोगों को तब पता चलता है जब बीमारी तीसरी या चौथी स्टेज में पहुंच चुकी होती है। क्यों?
शर्म और झिझक: खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, लोग शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं या डॉक्टर के पास जाने से डरते हैं।
अज्ञानता: लोगों को पता ही नहीं होता कि बार-बार खांसी आना, वजन घटना या शरीर में गांठ होना भी कैंसर का संकेत हो सकता है।
जांच का अभाव: शुरुआती जांच की सुविधा हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं है।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस इसी अज्ञानता और डर को खत्म करने का सबसे बड़ा प्रयास है। सरकारें, NGOs और हेल्थ एक्सपर्ट्स मिलकर यह मैसेज देते हैं कि 'पहचान ही बचाव है'।
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/10/Cancer-Treatment-in-India-1024x536-669544.jpg)
कैंसर से जंग जीतने वाले भारतीय सितारे
भारत में कैंसर की चुनौती बहुत बड़ी है, लेकिन हमारे कुछ बॉलीवुड सितारों और खिलाड़ियों ने जिस बहादुरी से इस जंग को लड़ा है, वह वाकई लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।
/sootr/media/post_attachments/images/newimg/23092025/23_09_2025-yuvraj_singh__1_24057366-913342.webp)
युवराज सिंह (Yuvraj Singh)
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को साल 2011 में जर्म सेल ट्यूमर (Germ Cell Tumour) नामक एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर हुआ था, जो उनके बाएं फेफड़े में था। उन्होंने USA में कीमोथेरेपी का कठिन दौर पूरा किया।
इलाज के दौरान भी उनकी हिम्मत नहीं टूटी और कैंसर को मात देने के बाद, उन्होंने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर वापसी की, बल्कि 2011 का वर्ल्ड कप जीतने में भी अहम भूमिका निभाई।
युवराज सिंह अब अपने 'यूवीकैन (YouWeCan)' फाउंडेशन के जरिए कैंसर जागरूकता और इसके शुरुआती डिटेक्शन के लिए काम करते हैं।
/sootr/media/post_attachments/ibnkhabar/uploads/2024/05/manisha-koirala-3-2024-05-05c9be939e1533858aa6570fea7ed258-559809.jpg?im=Resize,width=400,aspect=fit,type=normal)
मनीषा कोइराला (Manisha Koirala)
बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला को साल 2012 में ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का पता चला था, जो चौथी स्टेज (Stage 4) तक पहुंच चुका था।
उन्होंने अमेरिका में सफल इलाज कराया और कैंसर को मात दी। उन्होंने अपनी यात्रा को खुलकर सबके सामने रखा। मनीषा ने अपनी इस यात्रा पर "Healed: How Cancer Gave Me a New Life" नामक एक किताब लिखी, जिसके जरिए वह कैंसर पीड़ितों को उम्मीद और प्रेरणा देती हैं। वह नियमित जांच के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती हैं।
/sootr/media/post_attachments/lh-img/smart/img/2025/03/16/original/Sonali_Bendre_1742144206407-510957.jpg)
सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre)
एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे को साल 2018 में मेटास्टैटिक कैंसर (Metastatic Cancer) का पता चला था, जो शरीर में फैल चुका था। उन्होंने न्यूयॉर्क में इलाज कराया। उन्होंने अपने बाल कटवाने से लेकर कीमोथेरेपी के मुश्किल पलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करके अदम्य साहस दिखाया।
सोनाली बेंद्रे अब कैंसर जागरूकता की एक मुखर समर्थक हैं। वह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नियमित चेकअप, कैंसर के लक्षणों और सकारात्मकता के महत्व के बारे में बताती रहती हैं।
/sootr/media/post_attachments/wikipedia/commons/0/05/Sanjay_Dutt_snapped_promoting_his_film_%E2%80%98Bhoomi%E2%80%99-297004.jpg)
संजय दत्त (Sanjay Dutt)
एक्टर संजय दत्त को 2020 में फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) था। उन्होंने पूरी दृढ़ता के साथ मुंबई और अमेरिका में इलाज कराया। उनके प्रशंसकों और परिवार ने उन्हें जबरदस्त भावनात्मक समर्थन दिया।
संजय दत्त ने अपनी बीमारी की घोषणा जल्दी करके यह दिखाया कि कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के लिए जल्दी डायग्नोसिस और दृढ़ संकल्प कितना महत्वपूर्ण है।
/sootr/media/post_attachments/wikipedia/commons/4/49/Hina_Khan_snapped_at_Malad-754622.jpg)
हिना खान (Hina Khan)
हिना खान ने 28 जून 2024 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से चौंकाने वाली खबर सार्वजनिक रूप से साझा की थी कि उन्हें स्टेज 3 का ब्रेस्ट कैंसर है।
उन्होंने उसी दिन या उसके अगले दिन से अपना इलाज (कीमोथेरेपी) शुरू कर दिया था। खबरों के मुताबिक, हिना खान वर्तमान में कैंसर से अपनी जंग लड़ रही हैं। उन्होंने अपनी डायग्नोसिस को सार्वजनिक रूप से साझा किया।
वह अपनी ट्रीटमेंट जर्नी को सोशल मीडिया पर अपडेट करती रहती हैं। वह लोगों, खासकर महिलाओं को हर छह महीने में जांच कराने, अपने शरीर के संकेतों को सुनने और कैंसर को एक सामान्य बीमारी की तरह देखने की सलाह देती हैं। वह कहती हैं कि मानसिक मजबूती और काम जारी रखना ही इस जंग को जीतने का तरीका है।
तो इन सभी हस्तियों ने अपनी व्यक्तिगत लड़ाइयों को सार्वजनिक करके भारत में कैंसर के प्रति लोगों के मन से डर और शर्म को दूर करने का एक बहुत बड़ा काम किया है।
/sootr/media/post_attachments/imported/images/2022/July/19_Jul_2022/cancer_treatment_hindi_main-147018.jpg)
कैंसर से बचाव का गुरु मंत्र
कैंसर (Cancer treatment) से बचने के लिए कोई बहुत बड़ा तप नहीं करना है, बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ बातें गांठ बांधनी हैं:
क्या करें:
तंबाकू को 'ना':
अगर आप तंबाकू, गुटखा, सिगरेट या बीड़ी का सेवन करते हैं, तो आज ही छोड़ दें। यह मुंह, फेफड़े और गले के कैंसर की सबसे बड़ी वजह है।
वजन नियंत्रण:
हेल्दी डाइट लें और रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।
टीकाकरण:
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए HPV वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
नियमित जांच:
40 साल से ऊपर की महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राफी और पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की जांच करवानी चाहिए।
फाइबर डाइट:
अपनी डाइट में फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज ज्यादा शामिल करें।
/sootr/media/post_attachments/hubfs/Cancer%20Prevention%20Month%20Art6-01-658209.png)
क्या न करें:
प्रोसेस्ड मीट:
डिब्बाबंद या प्रोसेस्ड मांस (जैसे सॉसेज, बेकन) का सेवन कम करें।
अल्कोहल:
शराब का सेवन सीमित रखें या पूरी तरह से त्याग दें।
सूर्य की तेज किरणें:
बिना सनस्क्रीन लगाए या कवर किए तेज धूप में लंबे समय तक न रहें।
डॉक्टर से छिपाएं नहीं:
शरीर में कोई भी गांठ, तिल में बदलाव, या लंबी बीमारी को डॉक्टर से छिपाएं नहीं।
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2018/04/shutterstock_247222222-1-912600.jpg)
सरकारी पहल और भविष्य की उम्मीद
भारत सरकार ने कैंसर के खिलाफ कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम (National Cancer Control Programme) और आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों के लिए कैंसर का इलाज सुलभ बनाया गया है।
7 नवंबर का यह दिन हमें याद दिलाता है कि यह लड़ाई सिर्फ डॉक्टर्स की नहीं, बल्कि हम सब की है। हमें एक-दूसरे को जागरूक करना है, हिम्मत देनी है और यह बताना है कि अगर जल्दी पता चल जाए, तो हम इस बीमारी को हरा सकते हैं।
Reference Links:
- Union Ministry of Health and Family Welfare, India - Cancer Control
- World Health Organization (WHO) - Cancer Fact Sheet
- National Cancer Institute (NCI) - Early Detection & Screening
- Indian Council of Medical Research (ICMR) - Cancer Data
7 नवम्बर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 7 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 7 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1602: यूरोप के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक, बोडेलियन लाइब्रेरी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में खोला गया।
1665: अंग्रेजी भाषा का सबसे पुराना अखबार, लंदन गजट (पहले ऑक्सफोर्ड गजट), प्रकाशित हुआ।
1805: लुईस एंड क्लार्क अभियान प्रशांत महासागर में पहुँचा।
1831: ब्राजील में दास व्यापार मना (बैन) किया गया।
1867: रेडियम की खोज करने वाली फ्रेंच रसायन शास्त्री मैरी क्यूरी का जन्म हुआ, जिन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार मिला।
1876: रदरफोर्ड बी. हायस अमेरिका के 19वें राष्ट्रपति चुने गए।
1885: कनाडाई प्रशांत रेलवे का निर्माण पूरे कनाडा में पहले ट्रांस कॉन्टिनेंटल रेलमार्ग के रूप में संपन्न हुआ।
1893: कोलोराडो में महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया।
1917: बोल्शेविक क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें व्लादिमीर लेनिन ने अलेक्जेंडर केरेन्स्की की अनंतिम सरकार को गिराकर सत्ता संभाली।
1929: आधुनिक कला संग्रहालय (MoMA), न्यूयॉर्क में लोगों के लिए खोला गया।
1941: द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन विमान ने सोवियत अस्पताल के जहाज अर्मेनिया को डुबोया, जिसमें अनुमानित 5,000 लोग मारे गए।
1996: नासा ने मार्स ग्लोबल सर्वेयर का शुभारंभ किया।
1998: दुनिया का सबसे बुजुर्ग अंतरिक्षयात्री जॉन ग्लेन सफलता पूर्वक अपना मिशन पूरा कर धरती पर वापस लौटे।
2000: हिलेरी क्लिंटन को सीनेटर के रूप में चुना गया, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में सार्वजनिक पद जीतने वाली पहली महिला बनीं।
2003: अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने गर्भपात पर रोक संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर किए।
2007: फिनलैंड के जोकेला हाई स्कूल में एक छात्र ने गोलीबारी की, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई और फिर उसने आत्महत्या कर ली।
2012: अमेरिकी चुनावों के परिणामस्वरूप, तीन राज्यों (मेन, मैरीलैंड और वाशिंगटन) ने समान-लिंग विवाह के पक्ष में फैसला सुनाया।
भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं
1858: भारतीय क्रांतिकारी, शिक्षक और पत्रकार बिपिन चंद्र पॉल का जन्म हुआ।
1978: इंदिरा गांधी को भारतीय संसद के लिए फिर से चुना गया।
2015: भारतीय निर्देशक और कवि बप्पादित्य बंदोपाध्याय का निधन हुआ।
आज का इतिहास से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
आज का इतिहास: बेनजीर भुट्टो को क्यों कहा जाता है पाकिस्तान की आयरन लेडी, दो बार बनी थीं प्रधानमंत्री
आज का इतिहास: 137 साल तक कलकत्ता क्यों रहा ब्रिटिश भारत की राजधानी, जानें रेगुलेटिंग एक्ट का खेल
आज का इतिहास: भारत का पहला मून मिशन जिसने चांद पर खोजा पानी, जानें ISRO की सबसे बड़ी जीत
आज का इतिहास: कौन थी अंग्रेजों को धूल चटाने वाली भारत की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी चेन्नम्मा
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us