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Be इंडियन-Buy इंडियन:बैद्यनाथ ब्रांड देसी ब्रांड की कहानी एक साधारण परिवारिक प्रयास से शुरू हुई, जो आज भारतीय आयुर्वेद के सबसे बड़े और सबसे विश्वसनीय नामों में से एक बन चुका है।
यह कहानी न केवल एक कंपनी की सफलता की है, बल्कि यह भारतीय उद्यमिता, परंपरागत ज्ञान और संघर्षों से जीतने की भी मिसाल पेश करती है। thesootr के कैंपेन be indian buy indian में आज हम जानेंगे बैद्यनाथ के संघर्षों से सफलता की कहानी…
बैद्यनाथ कंपनी की शुरुआत
1917 में पंडित राम नारायण शर्मा और पंडित रामदयाल जोशी ने आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करना शुरू किया। यह दोनों भाई आयुर्वेद के गहरे जानकार थे।
उनका सपना था कि आयुर्वेद को लोगों के बीच एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित किया जाए। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने च्यवनप्राश जैसे उत्पादों से शुरुआत की।
1921 में कोलकाता में कंपनी की पहली फैक्ट्री स्थापित की गई। बैद्यनाथ धाम, झारखंड में कार्य करते हुए उन्होंने इस ब्रांड का नाम अपने तीर्थ स्थल पर रखा और आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
संघर्षों से सफलता तक का सफर
आधुनिक दवाओं के बाजार में आयुर्वेदिक उत्पादों को जगह बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण था। लोग उस समय “घर बैठे हकीम, क्यों आयुर्वेद?” जैसी मानसिकता से जूझ रहे थे।
शुरुआती वर्षों में कंपनी को विपणन, गुणवत्ता और शोध के मामलों में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पंडित रामदयाल जोशी ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में शोधपत्र और ग्रंथ वितरित किए, ताकि आयुर्वेद के लाभों की वैज्ञानिक पुष्टि की जा सके।
1930 के दशक में मलेरिया महामारी के दौरान कंपनी ने जो सीरप "प्रांडा" तैयार किया, उसकी जबरदस्त मांग बढ़ी और इसके असरदार परिणामों ने बैद्यनाथ को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
सफलता की ओर कदम
बैद्यनाथ ने समय के साथ न केवल गुणवत्ता पर ध्यान दिया, बल्कि नए आयुर्वेदिक योग और क्लीनिकल टेस्टिंग के तरीके भी विकसित किए।
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान “देश की मिट्टी, देश की हवा, देश का पानी, देश की दवा” का नारा देकर, उन्होंने आयुर्वेद को देशभक्ति से जोड़ा। यह नारा देशभर में लोकप्रिय हो गया, और इसने कंपनी को न सिर्फ एक ब्रांड, बल्कि एक सामाजिक संदेश का रूप भी दे दिया।
आज का वैद्यनाथ: एक विशाल आयुर्वेदिक साम्राज्य
आज बैद्यनाथ के पास 700 से अधिक उत्पादों का एक विशाल पोर्टफोलियो है। इसके उत्पादों का नेटवर्क देशभर में एक लाख से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स और 50,000 से ज्यादा आयुर्वेदिक चिकित्सकों से जुड़ा हुआ है।
कंपनी के पास एक अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर और वैज्ञानिक टीम है जो आयुर्वेद को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है।
बैद्यनाथ का वार्षिक रेवेन्यू 500 करोड़ रुपये के करीब है, और इसमें 2000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इस ब्रांड की सफलता का राज उसकी गुणवत्ता, शोध और देशभक्ति की भावना है।
ब्रांड की वर्तमान पोजिशन
2025 तक, बैद्यनाथ भारत के शीर्ष 5 आयुर्वेदिक ब्रांड्स में शुमार हो चुका है। इसमें डाबर, पतंजलि, हिमालय और झंडू जैसे ब्रांड शामिल हैं।
इसके अलावा, कंपनी ने अपनी उपस्थिति अमेरिका, इटली, जर्मनी और बेल्जियम जैसे देशों में भी स्थापित की है। इसके 33 से ज्यादा डीलर्स अंतरराष्ट्रीय बाजार में सक्रिय हैं।
बैद्यनाथ ने ‘विश्वसनीयता, गुणवत्ता और अनुसंधान’ के कारण आयुर्वेदिक दवा बाजार में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।
ब्रांड का मूल मंत्र
बैद्यनाथ का मूल मंत्र है: "गुणवत्ता सर्वोपरि, आयुर्वेद वैज्ञानिक प्रमाण के साथ।" कंपनी ने पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ मिलाकर ‘क्लासिक फॉर्मूलेशन’ और ‘रिसर्च-बेस्ड इनोवेशन’ को बढ़ावा दिया है।
कंपनी ने ‘देश की मिट्टी, देश की हवा, देश का पानी, देश की दवा’ को न केवल एक स्लोगन, बल्कि अपने सामाजिक संकल्प के रूप में आत्मसात किया है।
यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
बैद्यनाथ की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परिवारिक समर्पण और आयुर्वेदिक ज्ञान के प्रति विश्वास कभी असफल नहीं हो सकता।
परंपरा और इनोवेशन का संगम पुराने उद्योगों को भी नई पहचान दिला सकता है।
व्यापार में सामाजिक सरोकार और लोकहित के विचार सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अनुसंधान के जरिए पारंपरिक ज्ञान को स्थायी सफलता मिल सकती है।
बैद्यनाथ की कहानी एक साधारण वैद्य के सपने से शुरू होकर आज एक सशक्त और विश्वसनीय ब्रांड में बदल चुकी है। यह संघर्ष, विश्वास, परिश्रम और निरंतर सुधार की मिसाल है।
आज, यह ब्रांड न सिर्फ हजारों परिवारों का स्वास्थ्य रक्षक है, बल्कि यह भारतीय परंपरा, विज्ञान और व्यापार के संगम की भी प्रतीक बन चुका है। यह हमें यह सिखाता है कि स्वदेशी, सच्चाई और गुणवत्ता पर टिके रहना हर दौर में सफलता दिला सकता है।
स्रोत:
- Company Archives of Baidyanath
- Research Articles on Ayurvedic Innovation and Market Trends
- Industry Insights from Leading Ayurvedic Experts
FAQ
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