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Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश में सत्ता, संगठन और अफसरशाही में हर रोज नया नजारा सामने आ रहा है। अब अगले पांच दिन मंत्रालय चर्चाओं के बाजार से गर्म रहेगा, क्योंकि हॉटशीट की जंग तेज हो गई है। चर्चा यह भी है कि आखिर ईमानदारी के झंडाबरदार बड़े साहब मैडम अफसरों की करतूतों पर चुप्पी क्यों साधे हैं?
इधर, प्रमोटी कलेक्टर साहब आदिवासियों की जमीन के खेल में सुर्खियां बटोर रहे हैं। उधर, बुंदेलखंड वाले नेताजी ने भजनों पर ठुमके लगाकर राजनीतिक पंडितों को नया मसाला दे दिया है, क्योंकि नेताजी की छवि एक शांत नेता के तौर पर रही है। किसान अपने किसान पुत्र नेता से जवाब मांग रहे हैं और कांग्रेस के नए कप्तानों की पहली क्लास दिल्ली में लग चुकी है।
कुल मिलाकर, राजनीति हो या नौकरशाही, कहीं ठुमके हैं तो कहीं ठप्पे, कहीं सवाल हैं तो कहीं स्क्रिप्टेड जवाब। आप तो सीधे नीचे उतर आईए और हरीश दिवेकर के लोकप्रिय कॉलम बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए...
मेहरबान, कदरदान, साहिबान.. शुरू हो गया काउंटडाउन
मंत्रालय की हॉट सीट का काउंट डाउन शुरू हो गया है। इस सीट के खाली होने में पांच दिन बचे हैं। वैसे तो बड़े साहब का कार्यकाल 31 अगस्त तक है, लेकिन 30- 31 को शनिवार-रविवार होने के कारण शुक्रवार को ही फैसला हो जाएगा। ये फैसला क्या होगा, ये अब तक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
मजे की बात है कि दोनों टीमें आश्वस्त हैं कि उनके अनुसार परिणाम आएगा। इस सीट पर कौन बैठेगा, इसे लेकर राजनेताओं की भी खासी रुचि है। क्योंकि पिछली बार जब इस सीट के लिए योग्य उम्मीदवार का चयन होना था, तब कुछ बड़े राजनेताओं ने भी दौड़भाग की थी।
महिला अफसर और बड़े साहब!
मंत्रालय में इन दिनों खासी चर्चा है कि ईमानदारी का पताका लेकर चलने वाले बड़े साहब को महिला आईएएस अफसरों का भ्रष्टाचार क्यों नजर नहीं आता?
दरअसल, महाकौशल के एक जिले में कलेक्टर मैडम जमकर बल्लेबाजी कर रही हैं, उनके चौके और छक्कों की खबर मंत्रालय के गलियारों में गूंज रही है। बड़े साहब के कानों तक भी ये बात पहुंची, लेकिन वे चुप्पी साधे हैं। इसी तरह मालवा के एक जिले के सीईओ के पद पर पदस्थ महिला आईएएस भी खेला कर रही हैं।
उन्हें कुछ दिन के लिए कलेक्टर का चार्ज क्या मिला, मैडम ने वसूली तक शुरू कर दी। मजेदार बात ये है कि दोनों महिला आईएएस के करोड़पति बनने के सपने को पूरा करने के लिए उनके हमसफर मदद कर रहे हैं।
प्रमोटी आईएएस का जमीन प्रेम
महाकौशल में आने वाले एक जिले के कलेक्टर साहब इन दिनों चर्चा में हैं। इन प्रमोटी आईएएस की बल्लेबाजी देखकर सीधी भर्ती के आईएएस अफसर जल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन साहब ने आदिवासियों की 100 एकड़ जमीन का खेला कर दिया है।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के टॉप लीडर ने सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों को फोन लगाकर ये जानकारी दी है। उन्होंने दावा भी किया है कि जल्द ही वे सारे दस्तावेजों के साथ कलेक्टर की पोल खोलेंगे।
बताया जा रहा है कि आदिवासियों की करोड़ों की जमीनें औने पौने दामों में अपने नाते रिश्तेदारों के नाम पर करवा दी हैं। इस बात में कितना दम है, ये तो कांग्रेस नेता के खुलासे के बाद ही हो पाएगा। फिलहाल तो कलेक्टर साहब मलाई के साथ चिंता में भी डूबे हैं।
और जब मंच पर झूम उठे नेताजी
राजनीति के गलियारों में इन दिनों एक वीडियो खूब सुर्खियां बटोर रहा है। वीडियो में दिख रहे हैं बुंदेलखंड से ताल्लुक रखने वाले ठाकुर साहब। आमतौर पर ये नेताजी सधे हुए तेवर के लिए पहचाने जाते हैं, मगर इस बार तस्वीर कुछ और है। एक कार्यक्रम में जब भजन की स्वर-लहरियां गूंजीं तो नेताजी खुद को रोक नहीं पाए। मंच पर खड़े होकर कभी तालियां बजाईं, कभी भक्ति-गीतों पर झूमने लगे। वीडियो वायरल होते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कोई इसे उनकी गहरी भक्ति बता रहा है तो कोई तंज कसते हुए पूछ रहा है कि क्या यह राजनीतिक वनवास खत्म होने की खुशी है या विरोधी पर गिरी किसी जांच की मेहरबानी? जो भी हो, नेताजी के नए अवतार से राजनीतिक पंडितों को मसाला दे दिया है।
सरकार! कब होगी कार्रवाई?
अपराधियों को जमीन में गाड़ देने की चेतावनी देने वाले सूबे के पूर्व सरकार इन दिनों किसानों के निशाने पर आ गए हैं। वे बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन जमीन पर उसका असर कुछ ज्यादा नहीं होता। अब देखिए, कीटनाशक से उनके ही क्षेत्र के किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं हैं। नेताजी ने कीटनाशक कंपनियों पर कार्रवाई की बात तो कही है, लेकिन ये कार्रवाई कब होगी, ये किसी को नहीं पता। अब किसान नेताजी को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि अपने आप को सिर्फ किसान पुत्र बताने भर से कुछ नहीं होता, किसानों की तकलीफों को सुलझाना भी होता है। अब देखना होगा कि नेताजी और उनकी सोशल मीडिया टीम कैसे इस डैमेज कंट्रोल को मैनेज कर पाएगी।
कांग्रेस के नए कप्तानों की पहली क्लास
मध्यप्रदेश कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों के ऐलान के साथ ही असंतोष की आवाजें तेज हो गई हैं। सूबे के कई हिस्सों में विरोध दर्ज हो रहा है, लेकिन इन्हीं हलचलों के बीच अब पार्टी ने नए नवेले कप्तानों को संगठन की पाठशाला में उतार दिया है। कांग्रेस के नए राष्ट्रीय कार्यालय में पहली बार जिलाध्यक्षों की खास वर्कशॉप आयोजित की गई है।
दिलचस्प यह है कि यह वर्कशॉप पूरे 9 घंटे चलेगी। इसमें राहुल गांधी सीधे तौर पर जिलाध्यक्षों से संवाद करेंगे और उन्हें कैडर मैनेजमेंट के गुर सिखाएंगे। कांग्रेस का यह कदम संदेश देता है कि पार्टी अब संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए आक्रामक मोड में उतर रही है। सवाल यही है कि क्या यह नई पाठशाला प्रदेश कांग्रेस को बिखराव से निकालकर एकजुटता की ओर ले जा पाएगी?
Harish Divekar बोल हरि बोल | एमपी कांग्रेस जिलाध्यक्ष | शिवराज सिंह चौहान
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