/sootr/media/post_banners/1da091e96303af9b1f7d1697235a955d6994f8caa2e76a01c413eb5ea30ea1ec.png)
कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट (B.1.1.529) से एक बार फिर पूरी दुनिया सकते में है। कई देशों में कोविड के केस कम हो रहे थे, इस बीच नए वैरिएंट ने सभी को डरा दिया है। ये नया वैरिएंट साउथ अफ्रीका (South Africa) में पाया गया है। बताया जा रहा है कि ये काफी तेजी से फैलता है और इसका म्यूटेशन (Mutation) 30 से ज्यादा बार हो चुका है। इस वैरिएंट को बोत्सवाना (अफ्रीकी देश) वैरिएंट (Botswana Variant) के नाम से भी जाना जाता है।
भारत आने वालों का कोरोना टेस्ट होगा
केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों को मुस्तैद रहने के लिए कहा है। 25 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड के नए वैरिएंट के असर वाले देशों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग के निर्देश दिए। भारत आने वाले सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स की कोरोना जांच कराई जाएगी। हाल ही में वीजा पाबंदी में ढील और इंटरनेशनल ट्रैवल में छूट दी गई थी, ऐसे में इसको लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। रैपिड टेस्टिंग पर भी पूरा जोर है।
नए वैरिएंट से इसलिए खतरा
लगातार म्यूटेट हो रहे इस वैरिएंट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ वैज्ञानिकों की भी टेंशन बढ़ा दी है। 30 से ज्यादा बार म्यूटेशन यानी रूप बदलना सबसे खतरे की बात है। दूसरी लहर में डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट इसी तरह म्यूटेट होकर जानलेवा साबित हुआ था। सबसे चिंता की बात यह है कि मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ कारगर है या नहीं, इस पर शोध जारी है। इसमें वक्त लग सकता है। आशंका यह है कि तब तक यह वैरिएंट कहर ना बरपाना शुरू कर दे।
WHO ने बुलाई बड़ी बैठक
WHO के Technical Advisory Group ने अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में इस नए वैरिएंट को लेकर चर्चा होने वाली है। WHO का कहना है कि इस वैरिएंट पर अभी और रिसर्च की जरूरत है। सबसे जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कोरोना वैक्सीन लगवाएं। इसके अलावा ये भी बताया गया है कि कोरोना के इस वैरिएंट को भी एक ग्रीक नाम दिया जाएगा, जैसे डेल्टा, अल्फा नाम रखे गए हैं, साउथ अफ्रीका वैरिएंट को भी एक नाम दिया जाएगा। वैसे इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी है, क्योंकि अभी तक ये नहीं पता कि ये कितनी तेजी से फैल सकता है।