कांग्रेस नेता राजू मिश्रा हत्याकांड में फैसला, चार को दो बार उम्रकैद

राजू मिश्रा हत्याकांडः तत्कालीन एसपी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि विजय यादव व कुक्कू पंजाबी दोनों ही कुख्यात अपराधी थे। विजय यादव और उसके भाई रतन व अन्य आरोपितों ने कुक्कू से बदला लेने के लिए फायरिंग की थी। कुक्कू उस समय राजू मिश्रा के साथ था। क्राइम

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Jitendra Shrivastava
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Raju Mishra Murder

कांग्रेस नेता राजू मिश्रा हत्याकांड में फैसला

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नील तिवारी, JABALPUR. राजू मिश्रा हत्याकांड के बाद 7 साल तक चले केस में आज इस सनसनीखेज हत्याकांड के आरोपियों को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि विजय गैंग का मुख्य निशाना कुक्कू पर ही था, लेकिन फायरिंग में कुक्कू के साथ राजू की भी मौत हो गई थी।

क्या था राजू मिश्रा हत्याकांड

4 जनवरी, 2017 की रात करीब 10 बजे कार और बाइक पर आए शूटरों ने चेरीलाल पारिजात बिल्डिंग के पास एक हेल्थ क्लब के सामने कांग्रेस नेता राजू मिश्रा व कक्कू पंजाबी को घेरकर दनादन 72 राउंड फायर किए थे और दोनों को मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग निकले थे। घटना में पारिजात बिल्डिंग निवासी कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और कक्कू पंजाबी की मौत हो हो गई। राजू कांग्रेस के सक्रिय नेताओं में थे। उनकी हत्या की खबर से पूरा शहर सन्न रह गया था।

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सीसीटीवी में कैद हुई थी घटना

चेरीताल में मेन रोड के किनारे हुई हत्या की वारदात समीप ही लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज में शूटर अंधाधुंध गोलियां चलाते नजर आ रहे थे। घटना के दौरान कांग्रेस नेता नाले में गिरते दिखाई दे रहे थे। यहां भी शूटरों ने उन पर गोलियां दागी। घटना का कारण कुक्कू पंजाबी व गैगस्टर विजय यादव के बीच चल रहा मतभेद बताया जा रहा था। तत्कालीन एसपी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि विजय यादव व कुक्कू पंजाबी दोनों ही कुख्यात अपराधी थे। विजय यादव और उसके भाई रतन व अन्य आरोपितों ने कुक्कू से बदला लेने के लिए फायरिंग की थी। कुक्कू उस समय राजू मिश्रा के साथ था। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आयी थी कि विजय गैंग का मुख्य निशाना कुक्कू पर ही था, लेकिन फायरिंग में कुक्कू के साथ राजू की भी मौत हो गई थी।

एक आरोपी विजय यादव का हो चुका है एनकाउंटर

नरसिंहपुर में 19 अगस्त 2019 को एएसपी राजेश तिवारी, निरीक्षक प्रभात शुक्ला और उनकी टीम ने विजय यादव के एनकाउंटर को अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार विजय बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जबलपुर जा रहा था। इस एनकाउंटर के खिलाफ विजय यादव के परिवार ने आवाज भी उठाई थी, पर इसकी मजिस्ट्रीयल जांच में एनकाउंटर को सही पाया गया था। एनकाउंटर मामले की जांच एसडीएम महेश बमनहा ने की थी। उन्होंने बताया कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट कलेक्टर के माध्यम से गृह विभाग को भेजी गई। इस मामले में बयान और सबूत पेश करने के लिए विधिवत इश्तिहार जारी किए गए थे, लेकिन जहां एनकाउंटर हुआ था उस क्षेत्र से कोई भी ग्रामीण बयान देने नहीं आया। मृतक के परिजन ने बयान दर्ज कराए थे, लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया। समीर की पत्नी, मां और विजय के परिजन ने इसे फेक एनकाउंटर बताया था। परिजन का कहना था कि सबूत वे कोर्ट में पेश करेंगे। इस मामले में बदमाशों के एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों और अफसरों के भी बयान दर्ज किए गए थे। जांच का निष्कर्ष पुलिस के दावे की पुष्टि के रूप में निकला।

इन आरोपियों को मिली सजा 

डीपीओ अजय कुमार जैन ने जानकारी दी कि इस मामले की सुनवाई उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना की कोर्ट ने आरोपी हिमांशु बाथम, रोहित राठौर, अनुराग सिंह, सय्यद सद्दाम को 302, 120 बी के साथ दो बार उम्रकैद और अवैध रूप से हथियारों का इस्तेमाल करके हत्या करने के लिए तीन वर्ष एवं अर्थ दंड से दंडित किया है। वहीं दो आरोपियों विजय यादव और आनंद पांडे की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलवा दो आरोपियों पीयूष पांडे और मोनू उर्फ प्रशांत को साक्ष्य के अभाव पर बरी कर दिया गया है।

क्राइम उम्रकैद राजू मिश्रा हत्याकांड