/sootr/media/media_files/2025/07/08/ahmadabad-plane-crush11-2025-07-08-17-46-50.jpg)
Photograph: (the sootr)
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई। इस हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो टीम द्वारा की जा रही है।
एएआईबी की प्रांरभिक जांच रिपोर्ट में विमान के इंजन फेल होने से हादसे का अंदेशा जताया गया है। हादसे की विस्तृत रिपोर्ट में तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा। विमान का ब्लैक बाक्स हादसे के मूल कारणों से पर्दा हटाएगा।
12 जून को हुआ था हादसा
फ्लाइट AI 171 ने 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से 1:38 बजे उड़ान भरी थी और महज दो मिनट बाद ही यह हादसा का शिकार हो गई थी। विमान 200 फीट की ऊंचाई पर था जब वह मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया था। इस हादसे में 241 यात्री और 29 क्रू मेंबर्स समेत कुल 270 लोगों की जान चली गई थी। एक यात्री इस दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गया था।
यह खबरें भी पढ़ें...
RSS और PM मोदी पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने वाले हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
जबलपुर में भगवान भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था, बंद पड़े सिग्नल्स और कैमरों पर हाईकोर्ट सख्त
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच रिपोर्ट
26 दिन बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी। इस रिपोर्ट में उस समय के विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) की जांच पर आधारित तकनीकी विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
इन रिकॉर्डरों के माध्यम से विमान के पायलट के द्वारा भेजे गए मेडे कॉल और विमान के तकनीकी डाटा को प्राप्त किया गया है। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण इंजन फेल होना बताया गया है।
अमेरिका और यूएन के प्रतिनिधि भी जांच टीम में
भारत सरकार ने अहमदाबाद विमान हादसा जांच में संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO के एक विशेषज्ञ को ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल करने की अनुमति दी है। ICAO की यह पहल पारदर्शिता को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की संदेहास्पद परिस्थितियां न उत्पन्न हों। इसके साथ ही, अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के प्रतिनिधि भी जांच में शामिल हो रहे हैं।
यह खबरें भी पढ़ें...
छत्तीसगढ़ में ठगी का जाल, लोन, पीएम आवास और नौकरी के नाम पर लाखों की लूट
विलुप्त हो रहे गोडावण को बचाने की कृत्रिम पहल, किए जा रहे नए प्रयोग
डीटेल रिपोर्ट में लगेगा तीन महीने का समय
केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि हादसे की विस्तृत रिपोर्ट आने में तीन महीने का समय लग सकता है। ब्लैक बॉक्स मिला है, इसकी जांच के बाद ही हादसे की सहीं वजह मालूम हो सकेगी। फिलहाल प्रारंभिक कयास लगाए जा रहे है।
जांच में ब्लैक बॉक्स की अहमियत
ब्लैक बॉक्स विमान में एक बेहद महत्वपूर्ण उपकरण है जो फ्लाइट के दौरान तकनीकी और वॉइस डेटा को रिकॉर्ड करता है। इसमें दो प्रमुख रिकॉर्डर होते हैं:
-
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)
-
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR)
यह उपकरण घटना के कारणों को जानने में बेहद सहायक होते हैं। AAIB की जांच रिपोर्ट के आधार पर, इन रिकॉर्डर्स से प्राप्त जानकारी से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले गए हैं।
कैसे काम करता है ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स विमान दुर्घटनाओं के समय दुर्घटनास्थल से मिलते डेटा का संग्रह करता है, जिससे जांचकर्ताओं को घटना की सही परिस्थितियों को समझने में मदद मिलती है। यह विमान के पायलट की बातचीत और विमान के तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है, जो दुर्घटना की वजह का पता लगाने में सहायक होता है।
ब्लैक बॉक्स का इतिहास
ब्लैक बॉक्स का नाम इसके काले रंग के कारण पड़ा है। शुरुआत में यह काला हुआ करता था, लेकिन अब इसके रंग में बदलाव आया है। फिर भी यह नाम आज भी लोकप्रिय है। इसके अंदर का डेटा विमान दुर्घटना की जांच में एक अमूल्य योगदान करता है।
FAQ
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩