मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदे विधानसभा उपाध्यक्ष, कई और विधायक भी कूदे

महाराष्ट्र की राजनीति में शुक्रवार को अचानक माहौल गरमा गया। जब विधानसभा उपाध्यक्ष ने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उनके कूदते ही कुछ और विधायक भी नीचे कूद गए। सभी विधायक सुरक्षित।

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Madhav Singh
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महाराष्ट्र के मंत्रालय में अचानक अफरा-तफरी मच गई। जब एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से कूद गए। हालांकि, वह नीचे लगी सुरक्षा जाली पर अटक गए। यह देख कुछ और आदिवासी विधायक भी नीचे कूद गए। सुरक्षा जाली के रहते सभी विधायकों व विधानसभा उपाध्यक्ष को बचा लिया गया।

इस वजह से हुआ हंगामा

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष और NCP के विधायक नरहरी झिरवल धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति कोटे से आरक्षण का विरोध कर रहे थे। मंत्रालय में आदिवासी ग्रुप समुदाय के विधायक आंदोलन के दौरान दूसरी मंजिल पर लगी सुरक्षा जाली पर उतर गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बाद पुलिस ने विधायकों को सुरक्षा जाली से हटा दिया। 

अपनी सरकार के विरोध में क्यों आए डिप्टी स्पीकर?

महायुति शिंदे सरकार ने धनगर समाज को एसटी का दर्जा देने का फैसला लिया था। जिसके विरोध में विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल ने मोर्चा खोल दिया है। गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए नरहरी झिरवल अपनो के खिलाफ खड़े हो गए है। 

इस आंदोलन के बड़े नेता झिरवल

मंत्रालय भवन में धनगर समाज को आदिवासी कोटे में आरक्षण न देने। पेसा कानून के तहत नौकरी भर्ती की मांग को लेकर राज्य के आदिवासी विधायक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विधायक नरहरि झिरवल इस आंदोलन के बड़े नेता माने जाते हैं। 

झिरवाल के साथ किसने लगाई छलांग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधायकों को बैठक के लिए बुलाया है। झिरवाल के साथ बीजेपी सांसद हेमंत सावरा, विधायक किरण लहामते, हीरामन खोसकर और राजेश पाटिल भी सुरक्षा जाल पर कूद गए। जाल से उतरने के बाद उन्होंने मंत्रालय परिसर में धरना दिया। 

छलांग लगाने का क्या था कारण?

बताया गया कि PESA के तहत आदिवासी छात्रों को नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें पूर्णकालिक देने से मना कर दिया गया। उन्होंने सीएम शिंदे से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन वे सीएम से नहीं मिल पाए। इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। मंत्रालय में करीब 15-16 आदिवासी विधायक थे और उनमें से कुछ जाल पर कूद गए।

पिछले महीने सीएम को लिखा था लेटर

पिछले महीने झिरवाल ने सीएम शिंदे को एक पत्र लिखा था। जिसमें कहा था कि महायुति सरकार को धनगरों को एसटी सूची में शामिल करने के संबंध में कोई असंवैधानिक फैसला नहीं लेना चाहिए। धनगर आरक्षण के बारे में TISS रिपोर्ट प्रकाशित की जानी चाहिए। उनका विरोध महायुति सरकार की ओर से आदिवासी विधायकों को कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के खिलाफ है। जो धनगर समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने का विरोध कर रहे थे।

कौन है नरहरि झिरवाल?

नरहरि झिरवाल का पूरा नाम नरहरि सीताराम झिरवाल है। झिरवाल महाराष्ट्र विधान सभा के डिप्टी स्पीकर हैं। इसके अलावा वह अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के सदस्य हैं। इन्होंने शुक्रवार को मांगों को लेकर मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उच्च मंजिलों से आत्महत्या के प्रयासों के बाद फरवरी 2018 में मंत्रालय ने अपने परिसर में सुरक्षा जाल लगाए थे।

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