New Delhi. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( CM arvind kejriwal ) पर समन ( summons ) का साया बुरी तरह मंडरा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने शराब घोटाले ( liquor scam ) के आरोप पर अब 9वां समन भी जारी कर दिया है, लेकिन केजरीवाल सोमवार यानी 18 मार्च को भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। दूसरी ओर उनकी दिक्कत और बढ़ गई है। वजह, अब उन्हें दिल्ली सरकार के तहत जल बोर्ड ( jal board ) के करोड़ों रुपए के घोटालों को लेकर अलग से नया समन जारी किया गया है। केजरीवाल के सामने एक और गंभीर समस्या यह भी आ गई है कि ईडी की टीम शराब घोटाले के आरोप में तेलंगाना के पूर्व सीएम की बेटी के कविता ( K Kavita ) को अरेस्ट कर दिल्ली ले आई है। ईडी की रणनीति यह हो सकती है कि वह शराब घोटाले की परतें खोलने के लिए केजरीवाल को कविता के सामने बैठाकर पूछताछ कर उनकी भी गिरफ्तारी ( arrest ) का रास्ता खोल ले। सवाल यह है कि दिल्ली के सीएम आखिर कब तक ईडी के समन से पार पाएंगे।
शराब घोटाले के 9 और जल बोर्ड का एक समन
गौरतलब है कि ईडी ने रविवार को केजरीवाल को दो समन भेजे थे। इसमें दिल्ली जल बोर्ड मामले में पूछताछ के लिए 18 मार्च, जबकि दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 21 मार्च को बुलाया गया था। इससे पहले शराब घोटाले की पूछताछ के लिए उन्हें पिछले साल 2 नवंबर फिर 21 नवंबर, इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया चुका है। हालांकि, ईडी के समन उल्लंघन मामले में केजरीवाल को कोर्ट से जमानत मिली हुई है। सीएम को दिल्ली जल बोर्ड मामले में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत समन जारी किया था। आरोप है कि मीटर लगाने में एक कंपनी का पक्ष लिया गया, जिससे बोर्ड को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी, जिसने जांच कर मामले को ईडी को भी भेज दिया है।
समन पर आप नेता अपने आरोपों को दोहरा रहे हैं
केजरीवाल के दल आम आदमी पार्टी (AAP) इस मसले पर अपने आरोपों को लगातार दोहरा रही है। पार्टी के नेता लगातार कह रहे हैं कि ईडी के समन पूरे तौर पर अवैध हैं। जब कोर्ट से सीएम को जमानत मिली है तो ED बार-बार समन क्यों भेज रही है? पार्टी नेता आतिशी के अनुसार कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। अब इस केस पर बहस होगी। कोर्ट इस बात की जांच करेगा कि ईडी के समन कानूनी हैं या गैरकानूनी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सराकर को सिर्फ एक चीज से मतलब है कि चुनाव से पहले केजरीवाल को जेल में डाल दो। उन्हें कैंपेन से रोक दिया जाए। बीजेपी सरकार और ईडी-सीबीआई का इकलौता मकसद ही यही है।
कविता की गिरफ्तारी ने केजरीवाल की मुसीबत बढ़ा दी
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता की गिरफ्तारी ने उनकी समस्या और बढ़ा दी है। कविता दिल्ली में ईडी की निगरानी में हैं। के. कविता के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि वह साउथ लॉबी का हिस्सा थीं। उन्होंने दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ साजिश रची थी। कविता पर दागी कंपनी इंडोस्पिरिट्स में बेनामी निवेश करने का भी आरोप है। ईडी आरोप लगा रही है कि घोटाले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई और रकम हैदराबाद से दिल्ली भेजी गई। अब ईडी चाहती है कि केजरीवाल और कविता का आमना-सामना कराकर केजरीवाल की गिरफ्तारी का रास्ता खोल दिया जाए।
जल बोर्ड का मसला भी काफी गंभीर है
जल बोर्ड का कथित भ्रष्टाचार भी आप सरकार के लिए गंभीर परेशानी का सबब बना हुआ है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि जल बोर्ड ने अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ आप पार्टी को चुनावी फंड के रूप में भेजा था। इसकी जांच के तहत ईडी ने केजरीवाल के निजी सहायक, आप के एक राज्यसभा सदस्य, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की थी। वैसे ईडी की चार्जशीट सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। इसमें जल बोर्ड के मीटरों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी से 38 करोड़ रुपए लिए जाने की बात कही गई है। आरोप है कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी फिर भी उसे काम दे दिया गया। इस मामले को दिल्ली में विपक्षी दल लगातार उठा रहा है और हाल ही में विधानसभा में भी यह मसला उठा था, जिसके बाद बीजेपी सदस्यों को सदन से सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनका निलंबन रद्द कर दिया था।
कोर्ट ही बचा सकता है केजरीवाल को?
आपको यह भी बता दें कि दिल्ली में शराब घोटाले के आरोप में केजरीवाल सरकार के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। इसके अलावा पार्टी के दबंग सांसद संजय सिंह भी इसी आरोप और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल से ही हैं। दोनों नेताओं ने लगातार हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के लिए याचिकाएं लगाई हैं, लेकिन उन्हें लगातार ठुकराया जा रहा है। दिल्ली की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि केजरीवाल जिस दिन ईडी के सामने पेश होंगे, तब तक उनके खिलाफ इतने अधिक सबूत इकट्ठे हो जाएंगे कि उनका बचना मुश्किल हो सकता है। कोर्ट भी उनके हक में कोई बात नहीं कर रहा है। ऐसे में अगर वह गिरफ्तार होंगे तो दिल्ली की राजनीति में तो भूचाल आएगा ही साथ ही विपक्ष का गठबंधन भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
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