एक जनवरी से सस्ती होगी CNG और घरेलू PNG, PNGRB का नया टैरिफ स्ट्रक्चर, होगी 2-3 रुपए की बचत

देशभर के उपभोक्ताओं को जल्द सस्ती मिलेगी CNG और PNG। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज घटाने और इसे सरल बनाने का ऐलान किया है, जो एक जनवरी 2026 से लागू होगा।

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Anjali Dwivedi
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भारत में CNG और घरेलू PNG के कंज्यूमर्स के लिए खुशखबरी है। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) ने गैस ट्रांसपोर्टेशन चार्ज को घटाने और उसे सरल बनाने का ऐलान किया है। यह नई व्यवस्था एक जनवरी 2026 से लागू होगी। इसके तहत गैस कंज्यूमर्स को प्रति यूनिट दो से तीन रुपए तक की बचत हो सकती है।

नया टैरिफ स्ट्रक्चर क्या है?

पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र में बड़े बदलाव की ओर बढ़ते हुए, PNGRB ने पहले लागू तीन टैरिफ जोन को घटाकर दो जोन में बांट दिया है। इसके पहले, 2023 में लागू की गई व्यवस्था में गैस चार्ज को 0 से 200 किमी, 300 से 1,200 किमी और 1,200 किमी से अधिक के तीन जोन में बांटा गया था। अब इस प्रक्रिया को सरल करके इसे दो जोन में बदल दिया गया है। इससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत कम होगी, और इसका सीधा असर कंज्यूमर्स पर पड़ेगा।

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समान टैरिफ स्ट्रक्चर से मिलेगा फायदा

PNGRB के सदस्य एके तिवारी ने ANI से बात करते हुए बताया कि, नए यूनिफाइड टैरिफ स्ट्रक्चर के तहत देशभर के CNG (Compressed Natural Gas)  और घरेलू PNG (Piped Natural Gas) उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही CNG-PNG price घटने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।

अब दोनों के लिए पहला जोन समान रूप से लागू होगा, जिससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट कम होकर सीधे कंज्यूमर्स तक पहुंचेगी। इससे राज्य और टैक्स के आधार पर कंज्यूमर्स को दो से तीन रुपए प्रति यूनिट की बचत हो सकती है।

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CNG/PNG गैस के माप की प्रक्रिया क्या है

भारत में CNG gas को किलोग्राम में मापा और बेचा जाता है। इसकी वजह यह है कि CNG को उच्च प्रेशर पर कंप्रेस किया जाता है, जिससे इसका वॉल्यूम तापमान और प्रेशर के आधार पर बदलता रहता है। 

इसके विपरीत, PNG को स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (SCM) में मापा जाता है क्योंकि यह सामान्य प्रेशर पर घरों तक पहुंचता है। PNG का बिल हर दो महीने में आता है, और मीटर रीडिंग से यह माप निर्धारित किया जाता है।

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312 जियोग्राफिकल एरियाज में मिलेगा फायदा

इस नई व्यवस्था का लाभ देशभर के 312 जियोग्राफिकल एरियाज में रहने वाले कंज्यूमर्स को मिलेगा। इन क्षेत्रों में 40 सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (CGD) कंपनियां काम कर रही हैं, जो CNG और PNG की आपूर्ति करती हैं।

इस बदलाव का फायदा न केवल CNG से चलने वाले वाहन मालिकों को मिलेगा, बल्कि घरों में PNG का उपयोग करने वाले परिवारों को भी होगा। CNG और PNG की कीमतों में कमी से ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। 

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कंज्यूमर्स को सस्ती गैस तक पहुंचाना है उद्देश्य

PNGRB ने साफ किया है कि गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि, इन बचतों का सीधा लाभ कंज्यूमर्स को पहुंचे। रेगुलेटर इस पर निगरानी रखेगा और सुनिश्चित करेगा कि कंपनियां अपने कर्तव्यों का पालन करें। तिवारी ने कहा कि हमारा उद्देश्य कंज्यूमर्स और ऑपरेटर्स के हितों को संतुलित करना है।

CGD सेक्टर का विस्तार जारी

CNG और PNG नेटवर्क के विस्तार के संदर्भ में तिवारी ने बताया कि पूरे देश को कवर करने के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां, निजी कंपनियां और जॉइंट वेंचर्स भी शामिल हैं। 

PNGRB ने कई राज्यों में VAT कम करने और प्रक्रिया को आसान बनाने का भी काम शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि नियामक केवल निगरानी करने वाला नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में एक फैसिलिटेटर की भूमिका भी निभा रहा है।

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