बिहार में साइबर अपराध का एक नया तरीका सामने आया है, जो ‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस’ घोटाले के नाम से जाना जा रहा है। इस घोटाले में बेरोजगार युवक ठगों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की सारी कमाई गंवा रहे हैं। उन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप, और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर एक महिला को गर्भवती करने का लालच दिया जाता है। इस धोखाधड़ी का केंद्र नवादा जिला बन चुका है, जो अब साइबर अपराध का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। इस लेख में हम आपको इस घोटाले के बारे में विस्तार से बताएंगे और जानेंगे कि इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
नवादा में साइबर अपराध की बढ़ती समस्या
बिहार के नवादा जिले में साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है, जिससे युवकों को ठगा जा रहा है। 'ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस' के नाम पर यह ठगी की जा रही है। आरोपियों ने फेसबुक पर एक विज्ञापन डाला था, जिसमें लिखा था, "मुझे कॉल करें, गर्भवती बनने पर 15 लाख रुपए मिलेंगे।" इसके बाद कई बेरोजगार युवक इस लुभावने प्रस्ताव में फंस गए और अपनी पूरी जमा पूंजी गंवा दी। ठगी का यह तरीका इतना प्रभावी था कि लोग अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इस झांसे में आ गए।
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साइबर ठगी का बढ़ता प्रभाव
नवादा अब साइबर अपराधों का एक बड़ा केंद्र बन गया है। पहले यहां पर छोटे-मोटे घोटाले होते थे, लेकिन अब साइबर ठगी के बड़े मामले सामने आ रहे हैं। ये अपराधी तकनीकी रूप से कुशल होते हैं और सस्ते चीनी फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं। अब तक इस गिरोह ने सैकड़ों युवकों को अपना शिकार बनाया है और यह सिलसिला जारी है। पुलिस की टीमें इन अपराधियों को पकड़ने में जुटी हैं, लेकिन यह गिरोह लगातार नए तरीके अपनाकर पुलिस को धोखा दे रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां
नवादा साइबर पुलिस स्टेशन ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस ठगी को पूरी तरह से रोकना बहुत मुश्किल है। नवादा में साइबर अपराधियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और पुलिस को उनका ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारी प्रिया ज्योति का कहना है कि एक अपराधी पकड़ा जाता है तो दूसरा उसे छकते हुए नए तरीके से ठगी करने लगता है। इसके बावजूद पुलिस लगातार इन ठगों को पकड़ने के प्रयास में है।
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पुरानी ठगी के तरीके और नए साइबर अपराध
पारंपरिक तरीके जैसे पैम्फलेट, फोन कॉल्स और मेल्स के जरिए पहले जो ठगी होती थी, अब वह पूरी तरह से बदल चुकी है। अब ये ठग व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी कर रहे हैं। पहले जामताड़ा को साइबर अपराध का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब नवादा जिले ने उसे टक्कर देना शुरू कर दिया है। साइबर क्राइम में बढ़ोतरी के कारण बिहार पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने के लिए कई नई रणनीतियां बनाई हैं, लेकिन इस तरह के मामलों को सुलझाना अब भी मुश्किल हो रहा है।
नवादा की भूमिका और साइबर अपराध की लड़ाई
नवादा जिले में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने विशेष पुलिस टीमों का गठन किया है। इन टीमों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे इन जालसाजों का मुकाबला कर सकें। पुलिस अधिकारी सुशील कुमार का कहना है कि इन ठगों को पकड़ने के लिए तकनीकी तरीके और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल बढ़ाना होगा।