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delhi-police-sho-exam Photograph: (thesootr)
दिल्ली पुलिस ने अपने एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) की नियुक्ति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब एसएचओ बनने के लिए केवल सीनियरिटी और अनुभव के अलावा, एक कड़ी परीक्षा भी पास करनी होगी। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों को रोकने के लिए बेहतर अधिकारियों की भर्ती करना है, जो डिजिटल अपराधों की जटिलता को समझ सकें।
साइबर क्राइम पर नियंत्रण
दिल्ली पुलिस का यह कदम बढ़ते हुए साइबर अपराधों को देखते हुए उठाया गया है। विशेष रूप से साइबर पुलिस थानों में ऐसे अधिकारियों की आवश्यकता महसूस की गई है, जो साइबर क्राइम, डिजिटल फॉरेंसिक और साइबर सुरक्षा में माहिर हों। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए SHO की नियुक्ति में योग्यता आधारित परीक्षा को अनिवार्य कर दिया है।
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SHO के लिए परीक्षा का आयोजन
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 15 साइबर एसएचओ पदों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में 122 इंस्पेक्टरों ने आवेदन किया है, जिससे यह पद पाने की प्रतिस्पर्धा और भी कठिन हो गई है। यह परीक्षा 18 मार्च को वजीराबाद स्थित दिल्ली पुलिस अकादमी में आयोजित की जाएगी। परीक्षा पास करने वाले अधिकारियों को साइबर क्राइम, डिजिटल फॉरेंसिक और साइबर सुरक्षा प्रवर्तन की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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ऐसा रहेगा एग्जाम पैटर्न
परीक्षा में उम्मीदवारों से पुलिसिंग, कानून, और साइबर क्राइम से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। खासतौर पर निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS)
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)
- साइबर अपराध और आईटी स्किल्स
- NDPS अधिनियम
- POCSO अधिनियम
- JJ अधिनियम
- शस्त्र अधिनियम
- दिल्ली पुलिस अधिनियम
- दिल्ली आबकारी अधिनियम
- कंपनी अधिनियम