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Photograph: (THESOOTR)
भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना का आयोजन 2026-27 में होगा। इस पहल के तहत, जनगणना निदेशालय एक ऐप लॉन्च करेगा जो एंड्रॉयड और आईफोन दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध होगा। ऐप के जरिए परिवार का मुखिया अपने घर और परिवार की जानकारी खुद भर सकेगा, जिससे जनगणना प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में 2026 तक इसके लिए करीब 1.5 लाख कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, तीन जिलों में जनगणना का प्री टेस्ट भी किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया की तैयारी को सही दिशा में सुनिश्चित किया जाएगा।
डिजिटल जनगणना: नई दिशा में कदम
भारत में 2026 में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में, 1 अप्रैल 2026 से मकानों की गिनती की जाएगी, और दूसरे चरण में, 1 फरवरी 2027 से जनसंख्या, जाति, रोजगार आदि की जानकारी एकत्रित की जाएगी। इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी, जो डेटा को तुरंत अपलोड करने में मदद करेगी और परिणामों को जल्दी एकत्रित किया जाएगा।
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जनगणना के दो चरण...
- पहला चरण: मकानों की गिनती, 1 अप्रैल 2026 से
- दूसरा चरण: जनसंख्या, जाति, रोजगार की जानकारी, 1 फरवरी 2027 से
एमपी में प्री टेस्ट और कर्मचारियों की तैनाती
मध्यप्रदेश में इस डिजिटल जनगणना की तैयारी के लिए पहले तीन जिलों में प्री टेस्ट आयोजित किया जाएगा। ग्वालियर, रतलाम और सिवनी जिलों में अक्टूबर से नवंबर के बीच 15 दिन का अभियान चलेगा, जिसमें जनगणना और हाउस गणना का कार्य किया जाएगा। इस परीक्षण से जनगणना के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा।
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कर्मचारियों की तैनाती...
- फरवरी 2026 तक 1.5 लाख कर्मचारियों की तैनाती
- कुल 34 लाख कर्मचारियों को ट्रेनिंग
मध्यप्रदेश में 34 लाख कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए जिम्मेदार होंगे। प्रत्येक कर्मचारी को 150 से 175 मकानों की जिम्मेदारी दी जाएगी, और उन्हें डिजिटल फॉर्मेट में डेटा भरने का काम सौंपा जाएगा।
तैयार की जा रही सवालों की लिस्ट
मध्यप्रदेश जनगणना निदेशालय की निदेशक भावना वालिम्बे ने जानकारी दी है कि जनगणना के लिए एक विस्तृत क्वेस्चनेर ( सवालों की लिस्ट ) तैयार किया जा रहा है, जिसमें हर सदस्य का नाम, पारिवारिक स्थिति, घर-संपत्ति का विवरण, और रोजगार की जानकारी होगी।
यह सवाल-जवाब डिजिटल तरीके से भरे जाएंगे, और इसके बाद जनगणना अधिकारी घर-घर जाकर इन जानकारी की जांच करेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी व्यक्ति या घर जनगणना 2026 से छूट न जाए, क्रॉस चेकिंग की प्रक्रिया होगी।
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ये होंगे सवालों...
- परिवार का नाम और सदस्य की जानकारी
- घर और संपत्ति का विवरण
- रोजगार की जानकारी
प्रशासनिक सीमाओं की फ्रीजिंग और बदलाव
जनगणना में कोई भी गलती और गड़बड़ी रोकने के लिए प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसंबर 2025 तक फ्रीज कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक किसी भी प्रशासनिक सीमा में बदलाव को जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा। यह निर्णय इस प्रक्रिया की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
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सीमाओं में बदलाव का प्रबंधन...
- 31 दिसंबर 2025 तक बदलाव होंगे
- जनगणना अवधि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा
जनगणना की सफलता के लिए कर्मचारी प्रशिक्षण
भारत में इस विशाल जनगणना प्रक्रिया को सफलता से पूरा करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कर्मचारियों को राष्ट्रीय, मास्टर और फील्ड ट्रेनिंग तीन स्तरों पर तैयार किया जाएगा। इसके माध्यम से हर कर्मचारी को सुनिश्चित किया जाएगा कि वह जनगणना के हर हिस्से में दक्षता से काम कर सके।
ट्रेनिंग के स्तर...
- राष्ट्रीय ट्रेनर
- मास्टर ट्रेनर
- फील्ड ट्रेनर
डिजिटल जनगणना से जुड़े संभावित फायदे
- डेटा की सटीकता: डिजिटल जनगणना के माध्यम से डेटा तुरंत अपलोड होगा, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम होगी।
- स्मार्टफोन ऐप का उपयोग: हर परिवार का मुखिया स्मार्टफोन एप के माध्यम से खुद अपनी जानकारी भर सकेगा, जो प्रक्रियाओं को और अधिक सरल बनाएगा।
- प्रारंभिक आंकड़े: डिजिटल प्रक्रिया के कारण जनगणना के परिणाम जल्दी मिलेंगे, जिससे राज्य और केंद्र सरकारों को बेहतर नीति निर्माण में मदद मिलेगी।